इन दिनों बच्चे एग्जाम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। गैजेट्स और मनपसंद गेम्स के चक्कर में बच्चे पढ़ाई पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं कर पाते और यही वजह है कि पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत ज्यादा फिक्रमंद रहते हैं। मां बच्चों के नंबरों को लेकर काफी स्ट्रेस में रहती हैं, उन्हें लगता है कि बच्चे लापरवाही में अपनी पढ़ाई का नुकसान ना कर लें। कई बार मम्मियों पर तनाव इतना ज्यादा हावी हो जाता है कि वे बच्चों को डांट और मार भी देती हैं। अगर आप भी ऐसे ही स्थिति से गुजर रही हैं तो आपको धैर्य से काम लेना चाहिए।
सूझबूझ भरे कदम उठाने और बच्चों की पढ़ाई से जुड़े कुछ अहम कदम उठाने से आपका बच्चा पढ़ाई पर अच्छी तरह से फोकस कर सकता है। आइए जानें कि आप बच्चे को इस समय में किस तरह से स्ट्रेस फ्री रख सकती हैं-
इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चों पर ज्यादा नंबर लाने और क्लास में फर्स्ट आने जैसे दबाव न डालें।
- अपने बच्चे की तुलना उसकी क्लास के दूसरे बच्चों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के बच्चों से न करें। इससे आपके बच्चे में हीनभावना विकसित हो सकती है।
- बच्चे को हर वक्त पढ़ाई करते रहने के लिए प्रेशर ना दें। बच्चे से आप पढ़ाई से जुड़े चैलेंजेस के बारे में भी चर्चा कर सकती हैं। जिन विषयों को समझने में उसे ज्यादा प्रॉब्लम होती हैं, उन पर आप बच्चे को ज्यादा फोकस करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।
- बच्चे को प्यार से समझाएं ताकि वह इमोशनली स्ट्रॉन्ग रहे। इस दौरान बच्चे के पहले के कम मार्क्स का जिक्र भी ना करें।
- बच्चा अपने कंफर्ट जोन में जिस तरह से पढ़ाई कर सकता है, उसे करने दें।
- घर का माहौल शांत और सकारात्मक रखें। लड़ाई-झगड़े से बच्चों को फोकस करने में परेशानी होती है।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं एलर्ट
अगर बच्चा लगातार सिरदर्द, शरीर-दर्द, चक्कर आने, भूलने, घबराहट होने, बेचैनी होने या पढ़ने में मन न लगने जैसी प्रॉब्लम बताए तो मुमकिन है कि वह पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा तनाव में हो। ऐसी स्थिति में जरूरत पड़ने पर आप बच्चे को सायकोलॉजिस्ट या काउंसलर के पास ले जा सकती हैं।
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एक्जाम्स के दौरान अपनाएं ये रणनीति
- एग्जाम जब चल रहे हों तो बच्चे से बहुत डीटेल में पेपर डिस्कस न करें। उसे रिलैक्स तरीके से अगले पेपर की तैयारी करने दें।
- अगर बच्चे का पेपर बिगड़ जाए और इस वजह से वह उदास हो जाए या घबराए तो उसके साथ रहें और अकेला तब तक ना छोड़ें, जब तक वह पूरी तरह से सामान्य ना हो जाए।
- अगर बच्चा पढ़ाई से जुड़ी कोई बात आपसे शेयर करता है तो धैर्य के साथ उसकी बात सुनें। अगर बच्चे से गलती हो जाए तो उसे डांटें नहीं और पढ़ाई पर फोकस करने के लिए कहें।

ये टिप्स आएंगे काम
- बच्चे को टाइम-टेबल बनाकर पढ़ाई करने के लिए इंस्पायर करें। इसमें सारे सब्जेक्ट के अनुसार टाइम डिवाइड कर दें। जिन सब्जेक्ट्स की तैयारी कम है, उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। टाइमटेबल में पढ़ने के साथ-साथ थोड़ा सा टाइम बच्चे को रिलैक्स और एंटरटेनमेंट के लिए भी दें, मसलन इस समय में उसे टीवी और गेम्स खेलने में रोक-टोक ना करें।
- अगर बच्चे की तैयारी बहुत अच्छी नहीं है, तो उसे पहले इंपॉर्टेंट टॉपिक्स की तैयारी कराएं।
- लगातार पढ़ाने के बजाय बच्चे को हर एक घंटे बाद 10-15 मिनट का ब्रेक लेने दें। इस बीच टीवी देखने, आउटडोर गेम खेलने, डीप ब्रीदिंग करने आदि से बच्चों का पढ़ाई में फोकस बना रहता है।
- एक्जाम्स के दौरान बच्चे के खान-पान पर भी विशेष ध्यान दें। हरी सब्जी, फल, नट्स जैसे पौष्टिक चीजें बच्चे की डाइट में शामिल करें। इससे वह एनर्जेटिक रहेगा।
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