
हिंदू परिवारों में तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व होने के साथ ही इसे औषधि के रूप में भी महत्व दिया जाता है। इसलिए आप हर हिंदू घर में एक तुलसी का पौधा जरूर देखेंगे। तुलसी के पौधे की एक खासियत होती है कि यदि यह किसी स्थान पर अच्छे से लग जाए तो यह इतना फैलता है कि तुलसी का जंगल सा बन जाता है। वहीं किसी-किसी स्थान पर लाख सेवा करने के बाद भी यह ठीक से उग नहीं पाता है।
खासतौर पर जब इस पौधे को किसी दूसरे गमले में रीपॉट किया जाता है, यानी कि दोबारा से लगाया जाता है तो कई बार यह मुरझा जाता है। दरअसल, तुलसी के पौधे को दूसरे गमले में लगाने का एक तरीका होता है यदि आप उसी विधि से पौधे को लगाती हैं, तो आपका पौधा दूसरे गमले में भी खूब फले-फूलेगा।
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि तुलसी के पौधे को आप कैसे एक गमले से दूसरे गमले में रिपोर्ट कर सकती हैं। इसके लिए हमने बात की है बांदा के कृषि विज्ञान केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट एवं हेड डॉक्टर आनंद सिंह से बातचीत की है। वह कहते हैं, 'तुलसी एक ऐसा प्लांट है जो विषम से विषम परिस्थितियों में भी हर-भरा बना रहता है, मगर जब आप इसे एक गमले से किसी दूसरे गमले में लगाती हैं तो आपको तो बहुत बार यह फलफूल नहीं पाता है। ऐसे में रिपॉटिंग के समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए।'
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