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Sati Ghat: हिन्दू धर्म में सती घाट को क्यों माना जाता है मोक्ष का द्वार?

हिन्दू धर्म में अनेकों घाटों का वर्णन मिलता है। हर एक घाट का अपना एक महत्व है। इसी कड़ी में आज हम आपको सती घाट से जुड़ी रोचक बातें बताने जा रहे हैं।  
Editorial
Updated:- 2023-03-01, 12:57 IST

Sati Ghat Ka Mahatva: हिन्दू धर्म में कई घाटों का वर्णन मिलता है। खास बात यह है कि हर एक घाट का न सिर्फ अपना एक महत्व है बल्कि इनसे जुड़े कई रहस्य भी हैं। इन्हीं में से एक है सती घाट। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको सती घाट के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही, ये भी बताएंगे कि आखिर सती घाट को क्यों माना जाता है मोक्ष का द्वार।

ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि पहले के समय में पति की मृत्यु के साथ ही पत्नी भी अपने प्राण त्याग दिया करती थी। जो महिला अपने पति के मरने के बाद खुद को अग्नि में भस्म कर लेती थीं उन्हें सती कहा जाता था। इन्हीं सती महिलाओं को दर्शाता है हरिद्वार का सती घाट।

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सती घाट को अस्थि विसर्जन घाट के नाम से भी जाना जाता है। इस घाट पर अस्थि विसर्जन (गंगा में ही क्यों बहाई जाती हैं अस्थियां) करने का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस घाट पर अस्थि विसर्जित करने के बाद गंगा स्नान करने से मृतकों की आत्मा को शांति मिलती है और पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। साथ ही, पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है।

sati ghat haridwar

इस घाट से जुड़ी एक पौराणिक कथा ये भी है कि जब माता सती ने पिता दक्षप्रजापति द्वारा भगवान शिव के अपमान के बाद अपने प्राण त्याग दिए थे तब उनके पिता ने इसी स्थान पर माता सती का अस्थि विसर्जन किया था। असल में माता ने जब शरीर त्यागा तब महादेव उनका शरीर लेकर वहां से चले गए थे।

haridwar sati ghat

भगवान विष्णु (भगवान विष्णु क्यों कहलाए नारायण) द्वारा माता सती के शरीर का विभाजन हुआ और शरीर के वह भाग शक्ति पीठ कहलाए। लेकिन कहा जाता है कि जब माता सती ने खुद को भस्म किया था तब उनके शरीर से थोड़ी सी राख उनकि देह के आस-पास गिर गयी थी, उसी राख को अस्थियों का रूपदेकर दक्ष प्रजापति ने माता सती का इसी स्थान पर अस्थि विसर्ज किया था।

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तभी से कनखल में मौजूद यह घाट सती घाट कहलाया और यहां अस्थि विसर्जित करने की परंपरा स्थापित हुई। सती घाट में अस्थि विसर्जन करने के बाद जो भी इस स्थान पर अपने पितरों के लिए पूजा करवाता है उसे माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, उसके पितृ उससे हमेशा प्रसन्न रहते हैं।

तो इस कारण से सती घाट को माना जाता है मोक्ष का द्वार और यह था इस घाट का महत्व। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Wikipedia, Social Media

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