क्या होते हैं पंचगव्य जिसके बिना विफल माना जाता है पूजा-पाठ और हवन

आज हम आपको पूजा-पाठ और हवन आदि में पंचगव्य का महत्व और उसके लाभ बताने जा रहे हैं।

significance of panchgavya in puja

Panchgavya: हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है। गाय की पूजा से लेकर उसकी सेवा तक को महत्व दिया जाता है। गाय के साथ-साथ गाय से जुड़ी हर एक वस्तु भी अहम स्थान रखती है। इसी कड़ी में आज हम आपको गाय से जुड़ी ऐसी 5 चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पंचगव्य कहलाती हैं।

साथ ही, हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको पंचगव्य के पूजा-पाठ एवं हवन में महत्व और उससे जुड़े लाभ भी बताने जा रहे हैं।

क्या है पंचगव्य और इसका महत्व

  • गाय के दूध (दूध के उपाय), दही, घी, गोबर और गौमूत्र को पंचगव्य कहा जाता है।
cow milk
  • गाय का दूध: गाय के दूध को पवित्र माना जाता है और इसका प्रयोग पूजा-पाठ में पंचामृत के लिए किया जाता है। गया के दूध से ही शुभ उत्सवों पर मिठाई बनती है।
  • दही: शिवलिंग के अभिषेक के लिए न सिर्फ गाय का दूध बल्कि दही भी प्रयोग में लाया जाता है। यहां तक कि जन्माष्टमी के अवसर पर श्री कृष्ण के अभिषेक में भी दही का इस्तेमाल होता है।
curd
  • घी: गाय के घी से पूजा का दीपक जलाया जाता है। इसके अलावा, हवन आदि में भी गाय के घी का इस्तेमाल होता है।
cow ghee
  • गोबर: गाय का गोबर न सिर्फ पवित्र होता है बल्कि इसकी पूजा का भी विधान है। धार्मिक अनुष्ठानों पर गाय के गोबर के कंडों (गोबर के कंडों के उपाय) को हवन की अग्नि प्रज्वलित करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसके अलावा, पूजा स्थान को गोबर से लीपा जाता है। यहां तक कि गोवर्धन पूजा के दौरान गोबर से ही भगवान गोवर्धन की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा की जाती है।
cow dung
  • गोमूत्र: गोमूत्र का इस्तेमाल घर को शुद्ध करने से लेकर शरीर को शुद्ध करने तक किया जाता है। यहां तक कि गौमूत्र घर में रखने से घर की नकारात्मकता भी दूर हो जाती है। गौमूत्र घर में रखने से सकारात्मकता का संचार होता है और वास्तु दोष का भी निवारण हो जाता है। गोमूत्र पीने से शरीर के सभी दोषों का नाश होता है। मान्यता है कि अगर गंगाजल घर में न हो तो उसके स्थान पर गौमूत्र रखा जा सकता है।
gaumutra

पंचगव्य के लाभ

  • पंचगव्य के प्रयोग से पूजा पूर्ण मानी जाती है।
  • पंचगव्य के प्रयोग से पूजा-पाठ और हवन आदि के दौरान शुद्धता बनी रहती है।
  • पंचगव्य के प्रयोग से व्यक्ति को धार्मिक कार्यों का पूर्ण फल मिलता है।
  • पंचगव्य के प्रयोग से भगवान भी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।

तो ये थे वो पंचगव्य जिनके बिना पूजा-पाठ और हवन आदि भी पूर्ण नहीं माने जाते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock, Pinterest, Herzindagi

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