हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि हर एक अमावस्या तिथि से कोई न कोई पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है। वैसे तो अमावस्या तिथि महीने में एक बार होती है और साल में 12 अमावस्या तिथियां पड़ती हैं, लेकिन यदि किसी साल में मलमास होता है तो इनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाती है। प्रत्येक अमावस्या तिथि कुछ विशेष कारणों से महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दिन पितरों को तर्पण देने और दान पुण्य करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इन्हीं अमावस्या तिथियों में से एक है वैशाख महीने की अमावस्या, जिसका जिक्र पुराणों में करते हुए इसे अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इस साल यह अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ेगी इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाएगा। इस दिन की सबसे ख़ास बात यह है कि इस दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा जो भारत में भले ही आंशिक रूप से देखा जाए लेकिन यह 3 राशियों को भारी नुकसान पहुंचाएगा। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें शनिश्चरी अमावस्या और सूर्य ग्रहण कब है और ये किन राशियों को प्रभावित करेगा।
शनिश्चरी अमावस्या 2022 की तिथि
- हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख महीने की अमावस्या तिथि 30 अप्रैल, शनिवार को पड़ेगी।
- अमावस्या तिथि आरंभ - हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 29 अप्रैल को रात्रि 12:57 बजे से।
- अमावस्या तिथि समापन - 30 अप्रैल, शनिवार को देर रात 01:57 बजे तक।
- उदया तिथि के अनुसार और दान -पुण्य के सही समय को ध्यान में रखते हुए शनिश्चरी अमावस्या 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।
- चूंकि यह अमावस्या तिथि इस बार शनिवार के दिन पड़ेगी, इसलिए इसका महत्व कई गुना बढ़ जाएगा और इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाएगा।
- यही नहीं इस दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ेगा इसलिए यह तिथि कई तरह से मायने रखती है और इसका राशियों पर भी असर होने की संभावना है।
शनिश्चरी अमावस्या 2022 शुभ मुहूर्त
इस साल वैशाख महीने की अमावस्या तिथि को विशेष संयोग बन रहा है जिसमें प्रीति योग और आयुष्मान योग का समायोजन हो रहा है। इस दिन 30 अप्रैल, दोपहर 03:20 बजे तक प्रीति योग रहेगा, फिर आयुष्मान योग शुरु हो जाएगा। पुराणों में इन दोनों ही योगों को स्नान और ध्यान के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस योग में पितरों के नाम का दान और तर्पण करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति के साथ विशेष फलों की प्राप्ति भी होती है।
शनिश्चरी अमावस्या का महत्व
वैसे तो हर एक अमावस्या तिथि का अपना अलग महत्व है लेकिन वैशाख महीने की यह तिथि कई तरह से पुण्य देती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शुभ योग में स्नान और दान करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना विशेष रूप से फलदायी होता है। यदि आप नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें, ऐसा करने से भी शुभ फल मिलते हैं। धार्मिक मान्ताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पितरों की भी पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन मृत पितरों के लिए तर्पण और पिंड दान करने से उनकी कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है।
Recommended Video
कब लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण
ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल, शनिवार को वृषभ राशि में लगेगा। यह सूर्य ग्रहण इस दिन दोपहर 12.15 बजे से शुरू होकर 4:07 बजे तक रहेगा। भारत में यह आंशिक रूप से ही लगेगा लेकिन इसके प्रभाव से कुछ राशियों को भारी नुकसान हो सकता है।
इसे जरूर पढ़ें:जानें कब पड़ेगा साल का पहला सूर्यग्रहण , घर की सुख समृद्धि के लिए अपनाएं ये उपाय
शनिश्चरी अमावस्या और सूर्य ग्रहण का इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
मेष राशि
साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि को विशेष रूप से प्रभावित करेगा। इसलिए इस राशि के जातकों को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस राशि के लोगों को सूर्य ग्रहण के प्रभाव से मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है और आपके विरोधी ज्यादा सक्रिय होंगे। किसी भी समस्या से बचने के लिए आप सोच समझकर निर्णय लें और किसी कार्य में जल्दबाजी से बचें। विशेष रूप से ग्रहण के समय यात्रा और शुभ कार्य न करें।
कर्क राशि
चूंकि कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसलिए ग्रहण के समय चंद्रमा मेष राशि में राहु के साथ रहेगा। यह स्थिति कर्क राशि वालों को तनाव दे सकती है। आपको आर्थिक हानि हो सकती है और स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहने की आवश्यकता है। ग्रहण के प्रभाव से आपको किसी आकस्मिक बीमारी का संकेत मिल सकता है। आपके खर्चे बढ़ेंगे और आय कम होगी। इसलिए इस दौरान कर्क राशि के जातकों को धैर्य रखना होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों को इस दौरान मान सम्मान की हानि हो सकती है। इसलिए आप सोच समझकर कोई भी बात बोलेन। किसी भी प्रकार के वाद विवाद से बचें अन्यथा आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। इस दौरान अपने शत्रुओं से सावधान रहें और किसी पर भी आसानी से भरोसा न करें।
इस प्रकार शनिश्चरी अमावस्या और सूर्य ग्रहण का विशेष संयोग सभी राशियों के लिए मिले जुले प्रभाव लाएगा। लेकिन जिन राशियों के लिए थोड़ा कठिन समय हैं उन्हें संयम से काम लेना होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik.com and unsplash
क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।