इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आधे शाबान यानी आज की रात बहुत ही खास मानी जाती है। यह साल की सबसे बड़ी और रहमत वाली रात होती है, जिसे शब-ए-बारात या शब-ए-कद्र के नाम से जाना जाता है। यह रात रहमतों, बरकतों और गुनाहों की माफी की रात होती है। इस मुकद्दस मौके पर लोग इबादत में मशगूल रहते हैं... अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा करते हैं और अपने लिए रहमत की दुआ मांगते हैं।
इसलिए इस रात को तौबा और माफी मांगने की रात कहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इस रात अल्लाह अपने बंदों की मगफिरत करता है और उन्हें नई जिंदगी की रोशनी देता है। यह रात अपने रिश्तों को सुधारने, दिलों से नफरत को मिटाने और अपने अपनों से मोहब्बत करने का मौका देती है। इसी वजह से इस रात लोग अपने दोस्तों, परिवार वालों और चाहने वालों से माफी मांगते हैं और एक-दूसरे को मुबारकबाद भेजते हैं।
अगर आप भी इस खास मौके पर अपने अपनों को मुबारकबाद देना चाहते हैं, तो इन शायरियों, कोट्स और शुभकामनाओं के जरिए उन्हें दुआएं भेज सकते हैं और शब-ए-बारात की बरकतों को बांट सकते हैं।
1- शब-ए-बारात की रात आई है, रहमते अपने संग लाई है,
मगफिरत की घड़ियां बरकतें लुटा रही हैं,
दुआ है आप पर रहमतें बरसती रहें।
आप सभी को शब-ए-बारात मुबारक!
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2- शब-ए-बरात का ये प्यारा मौका,
अल्लाह से रहमतें पाने का मौका,
दुआ है आपके सारे गुनाह माफ हों और आपकी जिंदगी खुशियों से भर जाए।
शब-ए-बारात मुबारक!
3- इस मुकद्दस रात में अल्लाह आपकी तमाम दुआओं को कबूल करे,
आपकी जिंदगी को बरकतों से भर दे और आपके सारे गुनाह माफ कर दे।
शब-ए-बारात की बहुत-बहुत मुबारकबाद!
4- शब-ए-बारात की रोशनी आपके घर में खुशहाली और बरकत लाए,
आपकी दुआएं कबूल हों और आपका हर दिन नेकियों से भरा हो।
शब-ए-बारात मुबारक हो!
5- गुनाहों से तौबा का मौका मिला है,
रहमतों का साया सिर पर तना है,
दुआ करो इस शब-ए-बारात में,
अल्लाह हम पर भी मेहरबान बना है।
6- शब-ए-बारात आई है रोशनी लेकर,
मिटा देगी अंधेरा हर गुनाह का,
खुला है रहमत का दरवाजा हर एक के लिए,
मांग लो जो भी चाहो अपने खुदा से।
7- शब-ए-बारात की रोशनी में,
हर एक दुआ कुबूल होती है,
जो झुक जाए अल्लाह के दर पर,
उसकी हर मुश्किल दूर होती है।
8- दुआओं की महफ़िल सजी है,
रहमत की बारिश हुई है,
खुदा से तौबा कर लो दोस्तों,
ये शब-ए-बारात की घड़ी है।
9- शब-ए-बारात की रोशनी में,
हर एक दुआ कुबूल होती है,
जो झुक जाए अल्लाह के दर पर,
उसकी हर मुश्किल दूर होती है।
10- अल्लाह आपकी जिंदगी में बरकत दे,
गुनाहों को माफ करे और दुआओं को कुबूल करे,
दुआओं में याद रखना दोस्त।शब-ए-बारात मुबारक!
11- शब-ए-बारात की रात,
अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगने और रहमतें पाने का बेहतरीन मौका है।
रहमतों की यह रात मुबारक हो!
12- अल्लाह आपकी हर दुआ को कुबूल करे,
आपकी जिंदगी को खुशियों से भर दे और आपकी तकदीर को रोशन कर दे।
शब-ए-बारात की ढेरों मुबारकबाद!
13- इस मुबारक रात में दिल से दुआ करें,
अल्लाह अपने बंदों की दुआएं जरूर सुनता है।
शब-ए-बारात की रहमतें आप पर बरसें!
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14- रिश्तों में प्यार बढ़ाने,
नफरतें मिटाने और अल्लाह की रहमत पाने का वक्त आ गया है।
शब-ए-बारात मुबारक!
15- रहमतों की बारिश हो इस रात,
हर दुआ में छुपी हो सौगात,
मांग लो अल्लाह से जो भी चाहो,
क्योंकि यह रात है मगफिरत की बात।
16- चमकता रहे ईमान का उजाला,
कभी न हो जिंदगी में अंधेरा काला,
शब-ए-बारात की बरकतों से,
हर ख्वाब हो जाए पूरा निराला।
17- रिश्तों में मोहब्बत बनी रहे,
हर जुबां पर दुआ सजी रहे,
अल्लाह से यही गुजारिश है,
हर इंसान के दिल में रहमत रही रहे।
18अल्लाह से दुआ है हमारी,
हमेशा सलामत रहे दोस्ती हमारी,
अगर हो गई हो गुस्ताखी हमसे,
हम मांगते हैं दिल से माफ़ी तुमसे।
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