रमजान का मुबारक महीना 1 1 मार्च से शुरू हो रहा है। यह वो महीना है जिसका मुसलमान बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस्लाम धर्म में इस मुबारक महीने को बहुत ही पाक माना जाता है। इसलिए मुस्लिम लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं।
वैसे तो रोजाना पांच वक्त की नमाज पढ़ना फर्ज है, लेकिन जो मुसलमान नमाज नहीं पड़ता, वो रमजान के महीने में पढ़ना शुरू कर देता है। कुरान के मुताबिक इस महीने में इबादत करने का दोगुना सवाब मिलता है। मुस्लिम ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि रमजान के महीने में अगर सच्चे और पाक दिल से दुआ मांगी जाती है, तो अल्लाह तमाम दुआएं कुबूल करता है।
इतना ही नहीं, रमजान के महीने में लगभग सभी मुसलमानों के घर इफ्तार के समय स्वादिष्ट और लजीज पकवान बनाए जाते हैं और रोजेदार को परोसे जाते हैं। इस बार रमजान का मुबारक महीना शुरू होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में कई लोग रमजान की तैयारियां बहुत पहले ही करना शुरू कर देते हैं।
अगर आप भी रमजान की तैयारियां पहले ही कर लेते हैं, तो करके रख लें क्योंकि रमजान शुरू होने में बस कुछ दिन ही बाकी हैं। तो आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं रमजान के महीने से जुड़े कुछ खास बातें-
यह तो हम बता ही चुके हैं कि रमजान का महीना शाबान के महीने के बाद शुरू होता है। इस बार शाबान का महीना 9 मार्च या 10 मार्च को खत्म होगा, तो इस हिसाब से पहला रोजा 10 या फिर 11 मार्च को रखा जाएगा और चांद 10 मार्च को नजर आएगा। अगर 10 मार्च को चांद दिख गया तो, 11 मार्च से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा।
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एक लंबे अरसे बाद रमजान का महीना हल्दी सर्दियों में आ रहा है। अगर मौसम ऐसा रहा तो हमारे मुस्लिम भाइयों को रोजा रखने में दिक्कत नहीं होगी। पिछले साल तो रमजान में बहुत गर्मी थी। रोजा रखना बहुत मुश्किल हो गया था। इतिहास के मुताबिक इससे पहले साल 1991 और 1992 में रमजान का महीना मिड मार्च में शुरू हुआ था।
यह तो आपको पता है कि रमजान पूरे एक महीने के होते हैं, लेकिन यह चांद पर निर्भर करता है कि रमजान के महीने में दिन कितने होंगे। मगर यह तो तय है कि रमजान का महीना अप्रैल में खत्म होगा और ईद 9 या 10 अप्रैल 2024 तारीख की होगी।
रमजान मुस्लिम धर्म का एक मुबारक महीना है, जो इस्लाम की पांच बुनियाद में से एक है जैसे- पहला कलमा, नमाज़, ज़कात, रोज़ा और हज आदि। इस्लामिक ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि इस महीने में मुसलमानों की प्रमुख किताब कुरान भी पैगंबर मोहम्मद पर नाज़िल हुई थी। इसलिए रमजान के महीने को 'कुरान का महीना' भी कहा जाता है और इस महीने में कुरान पढ़ना फर्ज माना जाता है।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान एक महीने का नाम है, जो शाबान के महीने के बाद आता है। यह महीना नौवें नंबर पर आता है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि महीने की तारीख हर साल चांद के हिसाब से बदलती रहती है। हालांकि, रमजान का चांद सबसे पहले सऊदी अरब में नजर आता है और इसके बाद भारत में दिखता है।
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अगर हम रमजान के शाब्दिक अर्थ की बात करें तो रमजान अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है 'जलाने के' यानि इस महीने में लोगों के तमाम गुनाह जल जाते हैं। इसलिए रमजान के पूरे महीने तमाम मुस्लिम लोग रोज़ा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं।
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