herzindagi

Ramadan Mubarak 2023: रमज़ान के महीने में जरूर करें ये काम, कुबूल होगी हर दुआ

रमज़ान का महीना बहुत ही बरकतों वाला होता है, जिसमें हर मुसलमान शिद्दत से इबादत करता है और पूरे महीने रोज़े रखता है। कहते हैं कि रमजान के महीने में अल्लाह की खूब रहमत बरसती है। बुराई पर अच्छाई हावी हो जाती है। इस महीने मुसलमान अपनी चाहतों पर नकेल कस सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं।  यह महीना सब्र का महीना भी माना जाता है, लेकिन यह बहुत काम लोगों को मालूम होता है कि रमज़ान के रोज़े रखने के अलावा और क्या करना चाहिए। किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको इबादत करने का दोगुना सवाब मिल सकता है।  तो देर किस बात की आइए विस्तार से जानते हैं- 

Shadma Muskan

Editorial

Updated:- 21 Mar 2023, 15:03 IST

रोज़ाना कुरान पढ़ें

Create Image :

रमज़ान में सिर्फ रोज़ा रखना ही काफी नहीं है बल्कि कुरान की कसरत से तिलावत करना भी बहुत जरूरी है। कहा जाता है कि इस महीने में कुरान की तिलावत करने का दोगुना सवाब मिलता है क्योंकि इसी महीने में कुरान हमारे नबी पर नाज़िल हुआ था। इसलिए रमज़ान के महीने में रोज़ाना कम-से-कम एक पारा पढ़ने की कोशिश करें। (दुनिया की सबसे पुरानी मस्जिद)

इसे ज़रूर पढ़ें- Fitra & Zakat in Hindi: रमज़ान के महीने में ज़कात और फितरा देना आखिर क्यों जरूरी है, जानिए इसके बारे मे

समय पर नमाज़ अदा करें

Create Image :

आप पूरे रोज़े रख रहे हैं, लेकिन वक्त पर नमाज़ अदा नहीं कर रहे तो इसका कोई फायदा नहीं है क्योंकि इस्लाम में पहले नमाज़ फर्ज है और उसके बाद रोज़ा रखना आया है। ऐसे में अगर आप नमाज़ पढ़ने में सुस्ती करेंगे या टाइम पर नमाज़ अदा नहीं करेंगे, तो अल्लाह इबादत कबूल नहीं करेगा। इसलिए बेहतर है कि आप अज़ान होते ही नमाज़ को अदा कर लें।  

इफ्तार में ज्यादा खाना न खाएं

Create Image :

पूरा दिन भूखा रहने के बाद जब रोज़ा खुलता है तो हम इफ्तार में जरूरत से ज्यादा खाना खा लेते हैं। मगर क्या आपको पता है जरूरत से ज्यादा खाना खाने से हमारी हेल्थ को नुकसान पहुंचता है। न सिर्फ हमारा वजन बढ़ जाता है बल्कि सेहरी में ठीक से खाया नहीं जाता। इसलिए बेहतर होगा कि आप एकदम से इफ्तार में बहुत सारा खाना न खाएं। (रोज़ा रखने से लेकर रोज़ा खोलने की दुआ यहां जानें)

 

गरीबों की मदद करें

Create Image :

हमें गरीबों की मदद करनी चाहिए। हालांकि, यह काम पूरे 12 महीने करते रहना चाहिए, लेकिन रमज़ान में खासतौर से इस बात पर गौर करना लाज़िमी है। कहा जाता है कि इस्लाम में इस बात पर काफी गौर किया गया है और कहा गया है कि जितना हो सके अपने आसपास गरीबों का ध्यान रखें। उन्हें दान करें और इफ्तारी का सामान दें।    

 

गुस्सा करने से बचें

Create Image :

रमज़ान एक बहुत ही शांत महीना है, जिसमें अल्लाह की खूब रहमत बरसती हैं। इसलिए इस महीने में हमें भी गुस्सा करने से बचना चाहिए। यह तो हम सभी को मालूम है कि गुस्सा आना एक नेचुरल प्रोसेस है, जो किसी भी रिश्ते में अपनी मौजूदगी दर्ज करने के लिए किया जाता है। मगर क्या आपको पता है कि जरूरत से ज्यादा गुस्सा करना हेल्थ के लिए कितना नुकसानदायक है, जिससे बहुत रिश्ते खराब होते हैं। (रमज़ान के पाक महीने में पढ़ी जाने वाली खास दुआएं)

ज़कात अदा करें

Create Image :

रमज़ान में जितनी हो सके ज़कात अदा करें। इससे हमारी आमदनी में बरकत और इज़ाफा होता है। बता दें कि अल्लाह ने इंसान की आमदनी में से एक हिस्सा (2.25) किसी फकीर या जरूरतमंद को देना ज़कात कहलाता है। इसके अलावा, ज़कात उन लोगों को दी जाती है जिसकी आमदनी अपने कुल खर्च से आधी से भी कम है जैसे- अगर किसी शख्स का खर्च 21000 है और उसकी आमदनी 11000 है, तो आप इस शख्स को ज़कात दे सकते हैं।     

 

तहज्जुद की नमाज़ न छोड़ें

Create Image :

वैसे तो तहज्जुद नफ्ल की नमाज़ है, जो रात में फज्र की अज़ान से पहले अदा की जाती है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है कि रात की प्रार्थना। कहा जाता है कि तहज्जुद की नमाज़ के बाद अगर कोई दुआ मांगी जाती है और जरूर कबूल होती है। ऐसे में हम अपनी इबादत की लिस्ट में तहज्जुद की नमाज़ को शामिल कर सकते हैं।   

 

मां-बाप की खिदमत करें 

Create Image :

मां-बाप की खिदमत करना बहुत ही सवाब का काम है, लेकिन रमज़ान में इसका सवाब दोगुना बढ़ जाता है। इसलिए जितना हो सके अपने मां-बाप की खिदमत करें और इज्जत देना सिखें। अगर आप बाहर रहते हैं और अपने मां-बाप को वक्त नहीं दे पाते, तो इस रमज़ान ज्यादातर वक्त उनके साथ बिताएं। 

इस रमज़ान ये काम जरूर करें और अपनी इबादत को दोगुना कर लें। गर आपको ये स्टोरी पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- (@Freepik)