पति को ‘आई लव यू’ बोलकर दी अंतिम विदाई तो किसी गर्भवती ने याद दिलाया अपने शहीद पति को वादा

‘आई लव यू’ जैसे तीन शब्द बोलकर अपने शहीद पति को अंतिम सफर के लिए रवाना कर दिया। 

Kirti Jiturekha
pulwama martyr major vibhutis wife

‘आई लव यू’ जैसे तीन शब्द बोलकर अपने शहीद पति को अंतिम सफर के लिए रवाना कर दिया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को देहरादून लाया गया था और मंगलवार को उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। 

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'भारत माता की जय' और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाती भीड़ के बीच में शहीद मेजर विभूति के परिवारवालों ने अपने लाडले के अंतिम दर्शन किए। हरिद्वार में मेजर का अंतिम संस्कार कर दिया गया। फूलों से सजे ताबूत में रखे अपने शहीद पति को देर तक निहारती रहीं। आंखों से आंसू बहाने के बदले अपने पति को ‘आई लव यू’ कहकर विदा किया। 

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मेजर ढौंडियाल की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही उनकी पत्नी निकिता खामोश थीं। पत्नी ने अपने शहीद पति को उसी तरह से विदाई दी जैसे एक वीर को दी जाती है। 

 

गभर्वती पत्नी ने किया शहीद पति को याद 

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आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद अजय कुमार जितने जांबाज थे उतना ही बहादुर उनका परिवार है। इकलौते बेटे के शहीद होने की खबर आने के बाद बेबस मां और पिता बस यही बोले, “हमारा तो लाल चला गया किसी और का ना जाए।“ पांच महीने से गर्भवती शहीद अजय कुमार की पत्नी ने बस यही कहा, “सेना से किया वादा पूरा कर किया लेकिन मेरे से भी एक वादा था।“ 

शादी से पहले घर आया बेटे का पार्थिव शरीर 

pulwama terror attack black day of india

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास आईईडी निष्क्रिय करते समय शहीद हुए 31 साल के मेजर बिष्ट की शहादत के अगले दिन ही उनके घर में मातम छाया हुआ है। 28 फरवरी को मेजर बिष्ट अपनी शादी के लिए घर आने वाले थे लेकिन उनका पार्थिव शरीर पहुंचा। मेजर बिष्ट के पिता सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक एस.एस. बिष्ट ने कहा, "अजीब विडंबना है। वह शादी के लिए घर आने वाला था और अब हम उसके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। 

पुलवामा हमले  में शहीद के घरवाले उनकी शहादत पर तो फख्र कर रहे हैं लेकिन अपनों के बिछड़ने का घाव उनको असहनीय दर्द दे रहा है। किसी के सर से पिता का साया उठ गया है तो कई माता-पिताओं के आंखों के नूर चल बसे।  इस आतंकवादी हमले में सबसे ज्यादा 12 जवान उत्तर प्रदेश के शहीद हुए हैं। उत्तराखंड, बिहार और झारखंड ने भी अपने जिगर के टुकड़ों को खोया है। 

किसी ने बेटा खोया और किसी ने पति 

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पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों में शामिल झारखंड के विजय सोरेंग की छोटी बेटी रेखा का कहना है, “मेरे पिता देश के लिए शहीद हुए हैं। मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरे पिता देश के लिए शहीद हुए हैं लेकिन इसका गुस्सा भी है कि आतंकी बच्चों के सिर से पिता का साया छीन रहे हैं। 

 

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवान मेजा के महेश कुमार के शहीद होने की खबर घरवालों को नहीं थी। पूरी रात घरवालों के साथ शहीद के गांव के लोग भी जागे हुए थे। हर कोई बस यही दुआ करता रहा कि महेश सही सलामत हो। शुक्रवार सुबह जैसे पता चला कि महेश भी शहीदों की सूची में शामिल है तो पूरे गांव में मातम छा गया। एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में शहीद महेश की मां शांति देवी ने बताया कि उनके मोबाइल में बैलेंस नहीं था जिस कारण वो अपने बेटे से बात नहीं कर पाईं। जब उन्होंने बाद में अपने बेटे महेश को फोन मिलाया तो उन्होंने उठाया नहीं। इतने में ही उन्हें उनके बेटे महेश कुमार के शहीद होने की सूचना मिल गई थी।  

 

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