पौष पूर्णिमा से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु न केवल देश से बल्कि विदेश से भी रोजाना प्रयागराज पहुंच रहे हैं। प्रयागराज में एक ऐसा तीर्थ है, जिसके दर्शन के बिना यहां आना अधूरा माना जाता है। यह प्राचीन मंदिर दरियाबाद मोहल्ले में स्थित है और इसका धार्मिक महत्व कई पुराणों में वर्णित है। विशेष रूप से, पद्म पुराण में इसकी पूजा और दर्शन का उल्लेख मिलता है। नागों के श्रेष्ठ नाग तक्षक यहाँ विराजमान हैं, जिन्हें आदिकालीन तक्षक तीर्थ के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर यमुना तट पर स्थित होने के कारण "बड़ा शिवाला" के नाम से भी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि तक्षक मंदिर में दर्शन के बिना प्रयागराज महाकुंभ स्नान पूर्ण नहीं माना जाता है। अब ऐसे में अगर आप प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने के लिए जा रहा हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी विस्तार से जानते हैं।
तक्षक मंदिर कहां है?
यह मंदिर प्रयागराज में स्थित है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह मंदिर यमुना तट पर स्थित है और इसे बड़ा शिवाला के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर महाकुंभ के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है और यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
तक्षक मंदिर का धार्मिक महत्व
प्रयागराज में स्थित तक्षक तीर्थ एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस तीर्थ का उल्लेख पद्म पुराण के सातवें अध्याय में मिलता है। यह मंदिर बहुत पुराना है और कालसर्प योग, राहु की महादशा के लिए यह प्रमुख तीर्थ है। प्रयागराज में कुंभ मेला चल रहा है, जिसमें देश-विदेश से लोग आते हैं। कुंभ में पुण्य की प्राप्ति के लिए लोग यहां आते हैं।
आपको बता दें, कलयुग के प्रथम पूज्य देवता यही हैं। यहां कालसर्प योग की पूजा होती है। यह तक्षक तीर्थ मंदिर यमुना तट पर स्थित होने के कारण "बड़ा शिवाला" के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां तक्षक नाग के विश्राम करने की कथा भी प्रचलित है।
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यह मंदिर प्रयागराज में यमुना नदी के तट पर स्थित है और इसे 'बड़ा शिवाला' के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर नाग देवता तक्षक को समर्पित है, जो कलयुग के प्रथम पूज्य देवता माने जाते हैं। यहां कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में चारों धाम की यात्रा का विशेष महत्व है और ऐसा माना जाता है कि प्रयागराज में स्नान के बाद तक्षक महाराज के दर्शन करने से ही यह यात्रा सफल होती है। इस मंदिर का उल्लेख कई पुराणों में मिलता है और यहां तक्षक नाग के विश्राम करने की कथा भी प्रचलित है। स्थानीय लोगों के लिए यह मंदिर विशेष महत्व रखता है और वे यहां नियमित रूप से दर्शन करते हैं।
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तक्षक मंदिर में दर्शन करने का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से विषबाधा से मुक्ति मिलती है और यहां के दर्शन मात्र से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसी मान्यता है कि सावन महीने में इस मंदिर में दर्शन करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है और महाकुंभ में इस मंदिर में दर्शन करने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है और सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि हो सकती है।
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Image Credit- HerZindagi
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