गैंगरेप के बाद बचकर भाग रही थी नाबालिग फिर ट्रक ड्राइवर ने मदद देने के बहाने... आखिर कौन करेगा बेटियों की रक्षा?

Odisha Malkangiri 15 years Old Girl Gang Rape: उड़ीसा से एक बार फिर एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। लड़कियों की सुरक्षा पर फिर एक बड़ा निशान खड़ा हो चुका है। एक नाबालिग के साथ पहले गैंग रेप हुआ, जब पीड़िता वहां से भागी, तो उसके साथ एक और दरिंदे ने हैवानियत की। आखिर कौन करेगा लड़कियों की रक्षा? लड़कियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर किसकी है? 
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-07-25, 17:23 IST
Odisha Malkangiri 15 years Old Girl Gang Rape

Odisha Malkangiri 15 Years Old Girl Sexually Assaulted by Truck Driver: देश में यौन उत्पीड़न के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। उड़ीसा के मलकानगिरी जिले से एक और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक नाबालिग लड़की अपने एक दोस्त की बर्थडे पार्टी से लौट रही थी। इसी दौरान सड़क पर तीन लोगों ने उसे जबरन पकड़ा और उसे मलकानगिरी से 10-15 किलोमीटर दूर जंगल में ले गए। उन लोगों ने लड़की के साथ जंगल में गैंगरेप किया और फिर उसे पीटा। लड़की जैसे-तैसे उन दरिंदों से बचकर जंगल में भागी। उसे लगा था कि अब वो खुद को बचा लेगी, लेकिन उसे क्या पता था जंगल में उसके साथ इससे भी ज्यादा कुछ बुरा होने वाला है।

जान बचाकर भागी तो जंगल में ट्रक ड्राइवर ने फिर किया रेप

लड़की उन 3 दरिंदों से बचकर भागी, तो जंगल में उसे फिर एक हैवान मिला। लड़की जंगल से भागती हुई, बाहरी क्षेत्र में पहुंची, तो एक ट्रक ड्राइवर ने फिर उसके साथ हैवानियत को अंजाम दिया। तभी स्थानीय लोगों ने ड्राइवर को लड़की के साथ गलत करते पकड़ा, तब जाकर उस लड़कीकी जान बच पाई। इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक, चारों आरोपियों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा किया है।

आखिर कौन करेगा बेटियों की रक्षा?

After all, who will protect the daughters

पीड़िता खुद को बचाने के लिए जंगल से भागी, उसे उम्मीद थी कि कोई तो उसकी मदद करेगा, लेकिन राक्षसों से भरी इस दुनिया में हर किसी ने उसे गलत नजर से देखा। आखिर कैसे कोई लड़की खुद को दरिंदों से भरी इस दुनिया में सुरक्षित मान सकती है। इस दुखद घटना ने पुरुषों की मानसिकता पर भी सवाल खड़ा किया है। आखिर कब तक लड़कियां डर के साये में जिएंगी। क्या एक लड़की रात के वक्त अपने घर से निकल भी नहीं सकती।

बेटियों की रक्षा किसकी जिम्मेदारी?

Whose responsibility is it to protect our daughters

बेटियों पर समाज रोकटोक तो खूब लगाता है, लेकिन कब तक उन्हें चार दीवारी में बांधकर रखा जाएगा। बाहर निकलने पर अगर कोई हादसा होता है, तो उसका दोष भी लड़की के सिर होता है। आखिर रात में कौन-सी लड़की निकलती है? भला अच्छे घर की लड़कियां रात में पार्टी में थोड़ी जाती हैं? ये ताने तो लड़कियों के लिए आम हो चुके हैं, लेकिन आजतक किसी ने ये नहीं कहा कि बेटियों की रक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? ट्रक ड्राइवर, जिससे पीड़िता को मदद की उम्मीद थी, उसी ने उसके शरीर को नोच डाला। आखिर कब तक...कब तक लड़कियों को समाज की भीड़ में छिपे हैवानों से डरकर जीना होगा?

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Image Credit:Her Zindagi

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