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Main Hoon Apni Dhanlaxmi Part-5: म्यूचुअल फंड क्या होते हैं और इनमें निवेश क्यों जरूरी है? महिलाओं को जरूर जाननी चाहिए ये बातें

मुद्रास्फीति के दौर में सिर्फ बचत करना काफी नहीं होता है बल्कि धन को सही दिशा में बढ़ाना भी जरूरी है। ऐसे में म्यूचुअल फंड्स महिलाओं के लिए एक सुलभ, सुरक्षित और समझदारी भरा निवेश हो सकता है। आइए आपको बताते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या हैं और ये आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह को कैसे आसान बना सकते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-12-16, 13:08 IST

बीते हफ्तों में हमने बात की कि मुद्रास्फीति की वजह से धन को यूं अलमारी में बंद नहीं रखा जा सकता,  सेविंग से आगे जाकर उसे बढ़ाना जरूरी है। आपको एक उद्देश्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए। अपने लक्ष्य को स्पष्ट लिखें कि अपने धन से आप क्या अर्जित करना चाहती हैं,   क्या वह संतान की पढ़ाई के लिए है,  घर खरीदना है या फिर आत्मनिर्भरता के लिहाज से आपके लिए वह महत्वपूर्ण है। एक बार लक्ष्य स्पष्ट हो गया और ये तय कर लिया कि धन को बढ़ाना है तो अगला सवाल आता है कि उसे कहां निवेश करें। सेविंग और फिक्स डिपाजिट की चर्चा हम कर चुके हैं,   अब बात करेंगे म्यूचुअल फंड्स की। आपने अक्सर इंटरनेट मीडिया फीड या टेलीविजन पर विज्ञापन फ्लैश होते देखा होगा कि म्यूचुअल फंड्स सही हैं,   पर उससे क्या आशय है। म्यूचुअल फंड होता क्या है?   कौन उसे संचालित करता हैै,   लोग धन की बढ़त के लिए उस पर इतना भरोसा क्यों करते हैं?  

म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?

म्यूचुअल फंड निवेश एक ऐसा तरीका है जिसमें कई निवेशकों का धन एक जगह इकट्ठा किया जाता है और फिर उसे शेयर, बॉन्ड या अन्य प्रतिभूतियों में लगाया जाता है। आपको खुद से अलग-अलग निवेश चुनने की जरूरत नहीं होती। आपके लिए यह काम पेशेवर फंड मैनेजर करते हैं। आप फंड के छोटे-छोटे यूनिट्स की मालिक होती हैं और जैसे-जैसे फंड का मूल्य बदलता है, वैसे ही आपके यूनिट्स का मूल्य भी बदलता है।

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इसकी अच्छी बात है कि आपको रोजाना बाजार पर नजर रखने की आवश्यकता नहीं होती। प्रशिक्षित प्रोफेशनल,  जिन्हें फंड्स मैनेजर कहा जाता है, वे आपके लिए ये काम करते हैं। लाइसेंस धारक ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियां जैसे एसबीआई म्यूचुअल फंड्स, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी इत्यादि के अंतर्गत कार्यरत इन विशेषज्ञों की ये जिम्मेदारी होती है। प्रत्येक ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी धन की सुरक्षा, वृद्धि, आय इत्यादि पहलुओं ध्यान में रखकर विभिन्न योजनाओं में निवेश करती है।  

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क्या म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना ठीक है?

म्यूचुअल फंड्स में निवेश सामान्यत: जोखिम भरा नहीं होता है। भारतीय प्रतिभूति विनियमन बोर्ड (सेबी) इन पर सख्त पहरेदारी की भूमिका निभाता है। सेबी ये सुनिश्चित करता हैै कि प्रत्येक फंड के निवेश को लेकर पारदर्शिता रहे। निवेशक को ये बताना पड़ता है कि उनका धन कहां निवेश किया जाएगा। प्रत्येक फंड की तात्कालिक नेट ऐसेट वैल्यू नियमित तौर पर प्रकाशित करना अनिवार्य है,   जिससे आपको अपने अंशदान का मूल्य पता लग जाएगा। यही पारदर्शिता ही म्यूचुअल फंड्स को सुरक्षित निवेश विकल्प बनाती है। एक अन्य लाभ ये है कि आप निवेश से पहले फंड्स का तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड्स के प्रदर्शन, निरंतरता, जोखिम के आधार पर स्वतंत्र एजेंसी द्वारा उनकी रेटिंग की जाती है। मनीकंट्रोल,  ग्रो या अपने बैंक के निवेश पोर्टल पर जाकर आप ये देख सकते हैं कि विभिन्न म्यूचुअल फंड्स ने अतीत में कैसा प्रदर्शन किया है और क्या परिणाम दिए हैं। यद्यपि म्यूचुअल फंड का बीता प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं होता,  लेकिन उससे आपको ये अंदाजा लग जाता है कि किसी फंड को प्रबंधन किया प्रकार किया गया है। जो चीज म्यूचुअल फंड्स को महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी बनाते हैं कि वो इनकी सुलभता है। इसके लिए आपको लाखों रुपये नहीं चाहिए। छोटी सी राशि महज कुछ सैकड़ा रुपये से इसमें निवेश की शुरुआत कर सकती हैं। म्यूचुअल फंड़़्स को विभिन्न आवश्यकताओं और जोखिम के स्तर को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाता है।  

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म्यूचुअल फंड्स में निवेश से पहले जानें जरूरी बातें

आप निवेश का निर्णय लें,  उससे पहले एक बात को मस्तिष्क में स्पष्ट करें कि निवेश के प्रत्येक निर्णय के साथ एक उद्देश्य जुड़ा होना चाहिए। स्वयं से पूछें कि अपने धन से क्या अर्जित करना चाहती हैं। आपको अल्पकालिक धन की तरलता चाहिए या दीर्घकालिक वृद्धि का लक्ष्य है। क्या आप जोखिम उठाने का साहस रखती हैं या स्थिरता चाहती हैं। एक बार जब आपके समक्ष लक्ष्य स्पष्ट हो गया, आप सही म्यूचुअल फंड का चयन कर सकती हैं। इस हफ्ते का अभ्यास सरल है। जिस बैंक का इस्तेमाल करती हैं,   उससे संबंधित एक या दो म्यूचुअल फंड्स का अध्ययन करें। वेबसाइट पर जाएं या उसके बारे में बैंकर से जानकारी लें। ये देखें कि संबंधित म्यूचुअल फंड की राशि का निवेश कहां किया जाना है और उसका लक्ष्य क्या है। आप आनलाइन जाकर दूसरे म्यूचुअल फंड्स से उसकी तुलना भी कर सकती हैं। इस पर विचार करें कि किसमें रिटर्न अधिक है। आपको अभी निवेश नहीं करना है। इस हफ्ते तो बस जिज्ञासा व जागरूकता जगाने का प्रयास करें।  

अगले हफ्ते: हम एक कदम आगे बढ़कर ये जानने का प्रयास करेंगे कि म्यूचुअल फंड्स कितने प्रकार के होते हैं और वे किस प्रकार आर्थिक समृद्धि की यात्रा के विभिन्न पड़ावों के अनुकूल हो सकते हैं। क्योंकि जब जिज्ञासा आत्मविश्वास में परिवर्तित होती है तो लक्ष्मी तेजी से बढ़ती व सशक्त होती है।  

यदि म्यूचुअल फंड्स या किसी भी निवेश को लेकर आपके मन में जिज्ञासा हो, तो बेहिचक हमें हमारी ईमेल आईडी पर लिखें- iamolaxmi@gmail.com

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