अगर आप अपने टीनेज बच्चों को कॉन्फिडेंट और समझदार बनाना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि वे आपसे हर बात साझा करें तो सबसे पहले आपको अपने बच्चों का दोस्त बनना चाहिए। किसी दोस्त के साथ अपनी बातें शेयर करना बहुत आसान होता है और उसी के साथ इंसान सबसे ज्यादा कनेक्टेड फील करता है। यही बात टीनेज बच्चों पर भी लागू होती है।
टीनेज वह समय होता है, जब बच्चे शारीरिक रूप से बड़े हो चुके होते हैं और उनके मन में कई तरह की दुविधाएं होती हैं। इस समय में अगर आप अपने बच्चों के साथ प्यार से एक अच्छे दोस्त की तरह बात करें तो मुमकिन है कि उनकी परेशानी काफी हद तक दूर हो जाएगी। आप प्रेरणा ले सकती हैं सुष्मिता सेन, गौरी खान, मलाएका अरोड़ा और काजोल जैसे सेलेब्स से, जो अपने बच्चों के बहुत अच्छे दोस्त हैं।
मजेदार तरीके से बच्चे के साथ बिताएं वक्त
आप बच्चे के साथ कितना क्वालिटी टाइम बिताती हैं, यह काफी महत्वपूर्ण होता है। अगर आप अपने टीनेज बच्चे को हमेशा लेक्चर देती रहेंगी तो वह आपसे बोर हो सकता है, लेकिन अगर आप उसके साथ प्लेफुल तरीके से वक्त बिताएं, उसके साथ उसकी पसंद के खेल खेलें, दिलचस्प वाकये शेयर करें तो बच्चे का इंट्रस्ट बना रहेगा और वह आपके साथ टाइम स्पेंड करना पसंद करेगा। इससे आपके लिए यह समझना भी आसान होगा कि बच्चा किसी बात को लेकर परेशान तो नहीं है।
मनपसंद हॉबी में अच्छा बीतेगा वक्त
अपने टीनेज बच्चे के साथ अगर आप कोई आउटडोर गेम खेल रही हैं या फिर पेंटिंग या सालसा जैसी किसी हॉबी के लिए वक्त दे रही हैं तो आप और आपका बच्चा दोनों का मन लगा रहेगा और आप साथ-साथ नई चीजें सीखेंगे और एंजॉय करेंगे। आप ट्विंकल की तरह अपने बेटे के साथ स्क्रैबल जैसे खेल भी खेल सकती हैं।
साथ घूमने जाएं
जब आप बच्चे के साथ नई जगहों पर घूमती हैं तो बच्चे को नई जानकारियां मिलती हैं और रूटीन लाइफ से ब्रेक भी मिलता है। ऐसे में आप अपने बच्चे के साथ हाइकिंग, कैपिंग, ट्रेकिंग जैसी रोमांचक एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकती हैं। इससे बच्चे का साथ आपका तालमेल काफी अच्छा हो जाता है।
सीखें और सिखाएं
टीनेज में बच्चों से ऐसा व्यवहार कतई ना करें, जिससे उन्हें दबाव जैसा महसूस हो। उनके साथ ऐसे पेश आएं, जैसे बड़ों के साथ व्यवहार करते हैं। ऐसे में क्यों न उनके साथ बड़ों की तरह पेश आया जाए और उनके सामने कोई नई चीज सीखने-सिखाने का प्रस्ताव रखा जाए। ये लर्निंग किसी भी चीज से जुड़ी हो सकती है। फिर चाहे वह कोई रेसिपी हो, गेम हो, गैजेट्स की इन्फॉर्मेशन हो या फिर किसी तरह की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी।
बच्चों को मन की चीजें करने का स्पेस दें
टीनएज में बच्चों का दायरा काफी बढ़ जाता है। वे घर से बाहर कई चीजों की तरफ आकर्षित होते हैं। अगर आप उन्हें ज्यादा कंट्रोल करने की कोशिश करेंगी तो मुमकिन है कि वे आपसे दूरियां बनाने लगें। बच्चों के कई दोस्त हो सकते हैं। कई ऐसी चीजें भी हो सकती हैं, जिनके बारे में वे सिर्फ अपने दोस्तों से चर्चा करना मुनासिब समझें। ऐसे में आपको मैच्योर तरीके से व्यवहार करने की जरूरत है। बच्चे पर गुस्सा करने के बजाय उसे थोड़ा स्पेस दें। इससे बच्चा किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर स्वाभाविक रूप से आपके पास आएगा और अपने अच्छे-बुरे हर तरह के एक्सपीरियंस शेयर करेगा।
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