ज्योतिष शास्त्र बहुत सारे बेसकीमती पत्थरों के बारे में बताया गया है। इन पत्थरों को ग्रहों से जोड़ा गया है, जो हमारे जीवन को अच्छी और बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही पत्थर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लहसुनिया कहा जाता है। लहसुनिया पत्थर मटमैले से रंग का चमकीला पत्थर होता है। यह एक रत्न है और ज्योतिष शास्त्र में इसे केतु ग्रह से जोड़ कर देखा जाता है।
आपको बता दें कि कुंडली में जब केतु ग्रह कमजोर होता है, तब आपको लहसुनिया पत्थर पहनने के लिए कहा जाता है। वैसे आपको बाजार में यह पीले, कोले, सफेद और हरे रंग में भी मिल जाएगा। मगर केतु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए आपको लहसुन के रंग का पत्थर ही पहनना चाहिए।
लहसुनिया पत्थर का ज्योतिष शास्त्र में महत्व केवल यही खत्म नहीं होता है। बल्कि इस पत्थर के बारे पंडित एवं ज्योतिषाचार्य विनोद सोनी जी बताते हैं, 'इस पत्थर को धारण करने के लिए आपको पहले किसी पंडित की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि आप कभी भी इस पत्थर को धारण नहीं कर सकती हैं क्योंकि फिर इसके विपरीत प्रभाव भी आपको को देखने को मिल सकते हैं।'
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कब करें लहसुनिया पत्थर धारण
वैसे तो आप लहसुनिया पत्थर को कभी भी शनिवार के दिन धारण कर सकती हैं। मगर विशाखा नक्षत्र पड़ रहा है तो आपको यह पत्थर मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए। इस पत्थर को धारण करने के लिए आपको शाम का वक्त ही चुनना चाहिए और इस बात का ध्यान रखें कि आपको इस पत्थर को धारण करते वक्त अपने शरीर को साफ सुथरा रखना होगा।
कैसे करें इस पत्थर को धारण
आपको हमेशा 7, 8 और 12 रत्ती का लहसुनिया पत्थार धारण करना चाहिए। इसे शुभ माना जाता है। पंडित जी कहते हैं, 'कुंडली में जब केतु त्रिकोण स्थिति में हो या 1,2, 4, 5,7,9,10 भाव में हो तब आपको लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है, मगर इसके लिए आपको पहले कुंडली पंडित को दिखानी होगी। '
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लहसुनिया पत्थर के फायदे
- केवल केतु के कमजोर होने पर ही नहीं बल्कि केतु की अंतर एवं महा दशा चलने पर भी आपको लहसुनिया रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
- अगर आपको नजर दोष का भय तो भी आपको लहसुनिया पत्थर( जानिए इस अद्भुत पत्थर के बारे में) धारण कर लेना चाहिए। आप इसे अंगूठी या फिर चांदी के लॉकेट में धारण कर सकते हो।
- लहसुनिया रत्न को कभी भी पुखराज, मोती और हीरे के साथ धारण नहीं करना चाहिए। बहुत से लोग हीरे की अंगूठी में लहसुनिया पत्थर लगवा लेते हैं, मगर यह गलत है।
- इस पत्थर में धानियां भी होती हैं। इसलिए उसी पत्थर का चुनाव करें जिसमें कम से कम 4 या फिर इससे अधिक धारियां हों।
- अगर आपको बिजनेस में नुकसान हो रहा है तो भी आप पंडित जी की सलाह से लहसुनिया पत्थर को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहन सकते हैं।
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