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क्या शादी के बाद भी लगता है मंगल दोष? जानें वैवाहिक जीवन में इसके प्रभाव और उपाय

मंगल दोष का प्रभाव शादी के बाद भी वैवाहिक जीवन में परेशानियां ला सकता है। यह क्रोध, तनाव, संघर्ष और अलगाव जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके निवारण के लिए मंगल गायत्री मंत्र जाप, मंगलवार व्रत, हनुमान चालीसा पाठ और ज्योतिषी की सलाह पर रत्न धारण जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-07-31, 14:10 IST

भारतीय ज्योतिष में मंगल दोष एक ऐसी स्थिति है, जिसके बारे में अक्सर विवाह से पहले बहुत चर्चा की जाती है। आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में मंगल दोष है, तो उसे शादी से पहले इसका निवारण कर लेना चाहिए, लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि यह शादी के बाद भी लग सकता है। क्या कभी आपने सोचा है कि अगर शादी के बाद मंगल दोष का पता चले या शादी के बाद भी इसका प्रभाव महसूस हो, तो क्या होता है? क्या मंगल दोष शादी के बाद भी वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकता है? इस तरह के सवाल अगर आपके मन में भी आ रहे हैं, तो चलिए हम आपको इन सभी के जवाब देते हैं। इस लेख में, हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि शादी के बाद मंगल दोष का क्या प्रभाव रहता है, वैवाहिक जीवन पर इसके क्या असर हो सकते हैं और ऐसे में क्या उपाय किए जा सकते हैं। आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या शादी के बाद भी लगता है मंगल दोष?

Mangal dosha after marriage

इस सवाल का जवाब है- हां। मंगल दोष का प्रभाव केवल विवाह के पहले ही नहीं, बल्कि यह शादी के बाद भी वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। ज्योतिष के अनुसार, मंगल दोष तब बनता है, जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह लग्न पहले घर, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें घर में स्थित होता है। इन भावों में मंगल की उपस्थिति व्यक्ति के स्वभाव और संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। शादी से पहले कुंडली मिलान के दौरान मंगल दोष का विचार इसलिए किया जाता है, ताकि संभावित समस्याओं से बचा जा सके। यदि मंगल दोष वाले व्यक्ति का विवाह किसी ऐसे व्यक्ति से हो जाए जिसकी कुंडली में मंगल दोष न हो, तो वैवाहिक जीवन में तनाव, संघर्ष या अन्य परेशानियां आ सकती हैं।

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वैवाहिक जीवन में मंगल दोष के क्या-क्या प्रभाव हो सकते हैं?

यदि शादी के बाद मंगल दोष का प्रभाव महसूस होता है या इसका पता चलता है, तो वैवाहिक जीवन में कई समस्याएं आ सकती हैं। मंगल ऊर्जा, क्रोध और आक्रामकता का ग्रह है। मंगल दोष वाले व्यक्ति में क्रोध की अधिकता हो सकती है, जो वैवाहिक जीवन में लगातार झगड़े और तनाव का कारण बन सकती है। जीवनसाथी के बीच विचारों का मेल न खाना, छोटी-छोटी बातों पर विवाद और आपसी समझ की कमी मंगल दोष के कारण हो सकती है। मंगल दोष वाले व्यक्ति में अपने विचारों को थोपने और दूसरों पर हावी होने की प्रवृत्ति हो सकती है, जिससे रिश्ते में असंतुलन आ सकता है। कुछ मामलों में, मंगल दोष जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे दुर्घटनाएं या शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। यदि मंगल दोष का प्रभाव बहुत प्रबल हो और इसका सही समय पर निवारण न किया जाए, तो यह रिश्ते में गंभीर दरार पैदा कर सकता है और तलाक तक की नौबत आ सकती है। मंगल का संबंध यौन ऊर्जा से भी है। इसकी प्रतिकूल स्थिति यौन जीवन में असंतोष या समस्याओं का कारण बन सकती है।

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शादी के बाद मंगल दोष से मुक्ति के उपाय

Mangal dosha se bachne ke upay

यदि आपको लगता है कि आपकी शादी के बाद मंगल दोष का प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर रहा है, तो कुछ ज्योतिषीय और व्यावहारिक उपाय किए जा सकते हैं।

यदि जीवनसाथी में से एक मांगलिक है और दूसरा नहीं, तो मंगल दोष वाले व्यक्ति का विवाह किसी पीपल के पेड़, केले के पेड़ या भगवान विष्णु की प्रतिमा से प्रतीकात्मक रूप से कराया जाता है। इसे कुंभ विवाह या अर्क विवाह कहते है। यह प्रतीकात्मक विवाह मंगल दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। यह उपाय शादी के बाद भी किया जा सकता है, लेकिन किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह पर ही करें। 

मंगल गायत्री मंत्र का जाप करें- 'ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौम प्रचोदयात्' मंत्र का नियमित जाप मंगल के नकारात्मक प्रभावों को शांत कर सकता है।

मंगलवार का व्रत करें- मंगलवार के दिन भगवान हनुमान का व्रत रखने और उनकी पूजा करने से मंगल ग्रह के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल के क्रोध और आक्रामकता को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें- मंगलवार के दिन लाल मसूर दाल, लाल कपड़े, गुड़, तांबा या लाल फूल का दान करना लाभकारी माना जाता है।

रत्न धारण करना जरूरी- किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह पर मूंगा रत्न धारण करना मंगल के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ा सकता है और नकारात्मकता को कम कर सकता है।

आचरण में सुधार- मंगल दोष वाले व्यक्ति को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए, धैर्य का अभ्यास करना चाहिए और जीवनसाथी के प्रति प्रेम व सम्मान का भाव रखना चाहिए। व्यावहारिक रूप से अपने आचरण में सुधार लाना बहुत महत्वपूर्ण है।

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