पितृपक्ष वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद कर उन्हें तर्पण, पिंडदान और दान के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन दिनों में हमारे पितर धरती पर आते हैं। इसलिए उनकी शांति के लिए दान-पुण्य जैसा कार्य किया जाता है। मान्यता है कि इस समय किए गए अच्छे कर्म और दान सीधे पितरों तक पहुंचते हैं और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। पितृपक्ष में किए जाने वाले दानों में तेल दान भी काफी अहम होता है। इसकी महत्वता भी काफी होती है। पंडित जन्मेश द्विवेदी जी ने इससे जुड़ी जानकारी और महत्व के बारे में शेयर किया है।
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स्कंद पुराण और गरुड़ पुराण में तेल दान को पितरों की शांति से जोड़ा गया है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप तेल दान करते हैं, तो इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही धन की कभी कमी नहीं होती है। तेल दान करने से पितृदोष के कष्ट भी कम होते हैं। इसलिए इसे अच्छा माना गया है।
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आप भी घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। इसके लिए तेल का दान कर सकते हैं। इससे आपके जीवन की परेशानियां कम हो सकती हैं। यह दिन पूर्वजों को शांति देने के लिए अच्छे माने जाते हैं। इसलिए आपको यह दान जरूर देना चाहिए। आप चाहें तो इसके लिए अपने पंडित जी से राय ले सकते हैं।
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Image Credit- Freepik/ Herzindagi
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