herzindagi
how to perform havan

Hindu Rituals: हवन और तर्पण में होता है अलग-अलग उंगलियों का प्रयोग, बिना जाने न करें ये गलती

हिन्दू धर्म में हवन और तर्पण के लिए अलग-अलग उंगलियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन आप में से बहुत से लोग एक ही विधि से हवन में आहुति और तर्पण की प्रक्रिया को कर देते हैं जो उचित नहीं है। 
Editorial
Updated:- 2023-04-11, 10:44 IST

Havan Aur Tarpan Mein Sahi Ungli Ka Prayog: हिन्दू धर्म में जब भी कोई विधि या रीति निभाई जाती है तो उस समय उंगलियों का अत्यंत महत्व होता है। असल में हर रीति या विधि के लिए अलग-अलग उंगलियों और मुद्राओं का इस्तेमाल बताया गया है। इसी कड़ी में आज हम आपको ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर किस उंगली का प्रयोग हवन में आहुति देने और किस उंगली का प्रयोग तर्पण करने के लिए करना चाहिए इस विषय में बताने जा रहे हैं।

हवन में आहुति देने के लिए

havan in hinduism

  • हिन्दू धर्म में हवन को अत्यंत पवित्र माना गया है। ऐसे में अगर हवन (हवन की राख के उपाय) की आहुति गलत मुद्रा या गलत उंगली से दी जाए तो उसका फल नहीं मिलता है। शास्त्रों एवं धर्म ग्रंथों में हवन में आहुति देने के लिए भृंगी और हंसी मुद्रा को शुभ माना गया है।

यह भी पढ़ें:Jaifal Ke Upay: हर बला को दूर करेगा जायफल, करें ये उपाय

  • भृंगी मुद्रा वह है जिसमें आहुति के लिए अंगूठे, मध्यमा (बीच वाली उंगली) और अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, हंसी मुद्रा वह है जिसमें सबसे छोटी उंगली को छोड़कर बाकी तीनों उंगलियां और अंगूठे का प्रयोग होता है।
  • हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ काम में तर्जनी उंगली यानी कि इंडेक्स फिंगर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। शुभ काम में इस उंगली का प्रयोग करने से घर में नकारात्मकता आती है। वहीं अनामिका उंगली का प्रयोग सबसे पवित्र माना जाता है।

तर्पण करने के लिए

tarpan in hinduism

  • पिंडदान और तर्पण पितरों को शांत और खुश करने के लिए किया जाता है। साथ ही, तर्पण से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और पितृ दोष (पितृ दोष हटाने के उपाय) से रक्षा होती है। ऐसे में तर्पण को सही मुद्रा व उंगली से करना आवश्यक है।

यह भी पढ़ें: Crossroad Astrology: चौराहे पर ही क्यों किये जाते हैं टोने-टोटके? जानें क्या कहता है शास्त्र

  • शास्त्रों के अनुसार, तर्पण करते समय जल और दूध को हमेशा हथेली में धारण करना चाहिए और फिर मात्र एक अंगूठे के माध्यम से तर्पण करना चाहिए तभी तर्पण की विधि सही और फलदायी सिद्ध होती है।
  • पिंडों को जलांजलि देने और तर्पण करने के दौरान हथेली और सिर्फ एक अंगूठे का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि धर्म-ग्रंथों में अंगूठे के पास वाला हथेली का हिस्सा पितृ तीर्थ स्थल कहलाता है।

यह विडियो भी देखें

तो ये थी हवन और तर्पण के दौरान कौन सी सही उंगली का प्रयोग करने से जुड़ी जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: twitter, shutterstock

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।