भारत की खासियत ये है कि यहां पर दुनिया भर की चीज़ें देखने को मिलती हैं। अलग-अलग संस्कृति का पालन करने वाले लोग, अलग-अलग प्रांत की अपनी पहचान, अलग-अलग तरह के रेलवे स्टेशन और भी बहुत कुछ। भारतीय रेलवे बहुत रोचक है और इससे जुड़े कई फैक्ट्स भी बहुत ही दिलचस्प हैं। ये दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है और इससे जुड़े किस्से और कहानियां तो हमेशा ही प्रचलित रहती हैं।
क्या आप जानते हैं कि भारत में कुल 7325 रेलवे स्टेशन हैं। जी हां, इतने स्टेशन कि आधों के तो नाम ही नहीं सुने हों। यही नहीं यहां तो एक ऐसा स्टेशन भी है जिसका कोई नाम ही नहीं।
लेकिन इन सबके बावजूद एक ऐसा स्टेशन है जो अपने आप में ही बहुत दिलचस्प है और जिसकी कहानियां हमने शायद कहीं न कहीं सुनी ही होंगी। ये वो स्टेशन है जहां जाने के लिए भारत वासियों के भी पाकिस्तानी वीजा लेना पड़ता है। जी हां, पाकिस्तान से वीजा लिए बिना आप यहां कदम नहीं रख सकते और ये 24 घंटे पहरे में ही रहता है।
कुछ साल पहले इसका नाम बदल कर अटारी श्याम सिंह स्टेशन कर दिया गया है। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि हम भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर मौजूद अटारी स्टेशन की बात कर रहे हैं।
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भारत में होते हुए भी पाकिस्तानी वीजा
ये जगह है तो भारत का हिस्सा, लेकिन यहां जाने के लिए पाकिस्तान से इजाजत लेनी होती है। जो लोग मेंटेनेंस के काम से जाते हैं या फिर जिन्हें इसकी सिक्योरिटी का जिम्मा दिया जाता है उसके पास भी सरकारी इजाजत होती है। यहां अगर आपने जबरदस्ती घुसने की कोशिश की तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। (शिमला की टॉय ट्रेन का सफर)
इस स्टेशन पर जबरदस्ती घुसने की कोशिश करने वालों पर फॉरेन एक्ट के सेक्शन 14 के तहत मामला दर्ज हो सकता है। अगर ऐसा हो गया और आपको दोषी पाया गया तो जमानत बहुत मुश्किल हो जाएगी और फौजदारी का मुकदमा भी चल सकता है।
टिकट खरीदने के लिए देना होता है पासपोर्ट नंबर
यहां से रवाना होने वाली इकलौती अंतरराष्ट्रीय ट्रेन समझौता एक्सप्रेस थी। अगर आपको इसका टिकट खरीदना होता था तो पहले पासपोर्ट नंबर दिया जाता था। दरअसल, ये रेलवे स्टेशन समझौता एक्सप्रेस के लिए ही खोला जाता है। आपको शायद पता न हो, लेकिन अगर ये ट्रेन लेट हो जाती थी तो पाकिस्तान और भारत दोनों के ही रजिस्टर में एंट्री होती थी। (हिंदुस्तान का सबसे बर्फीला रेल रूट)
हालांकि, आपको दिल्ली-अटारी एक्सप्रेस, अमृतसर-अटारी डीईएमयू, जबलपुर-अटारी स्पेशल ट्रेन, अमृतसर-अटारी पैसेंजर ट्रेन आदि भी देखने को मिलेंगी, लेकिन इनमें से कोई भी अटारी-लाहौर लाइन पर नहीं जाती है।
कब बंद कर दिया गया ये स्टेशन?
ये स्टेशन 8 अगस्त 2019 को बंद किया गया है। उस समय से ही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन की रवानगी भी बंद कर दी गई है। पाकिस्तान की तरफ से ऐसा किया गया और इसके पीछे का कारण था जम्मू कश्मीर के आर्टिकल 370 को खत्म करने का मोदी सरकार का फैसला।
अटारी स्टेशन से जब ये ट्रेन जाती थी और सभी पैसेंजर्स की चेकिंग होती थी उसके कुछ ही मिनट बाद पाकिस्तान के पहले स्टेशन वाघा पर दोबारा चेकिंग की जाती थी।
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हिंदुस्तान का आखिरी रेलवे स्टेशन
अटारी पंजाब साइड से हिंदुस्तान का आखिरी रेलवे स्टेशन है। इसके एक तरफ अमृतसर तो दूसरी तरफ लाहौर होता है। ये स्टेशन इतना बड़ा नहीं है, लेकिन यहां का रोल बहुत बड़ा है। ट्रेन बंद होने के बाद भी इस स्टेशन पर कुछ जरूरी काम चलता रहता है, लेकिन यहां फिर भी आसानी से लोगों को जाने की इजाजत नहीं मिलती है।
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