देश में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ जा रहा है। इसको लेकर सरकार काफी सख्त और सतर्क है। पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने पर जोर दिया जा रहा है। इसी विषय के बारे में हमने बात की फाइनेंस इंफ्लुएंसर भानु पाठक से। आइए समझते हैं कि इससे आपको किस प्रकार फायदा मिलेगा।
इस पॉलिसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में लॉन्च किया था। स्क्रैपेज पॉलिसी उन लोगों के लिए जरूरी है, जिनके पास अपनी कार है। इस पॉलिसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में लॉन्च किया था। इसके तहत अगर आपके पास 15 साल पुरानी कार है तो आप उसे स्क्रैप के लिए सर्टिफाइड स्क्रैप डीलर को दे सकती हैं और कार मूल्य का 6 प्रतिशत प्राप्त कर सकती हैं।
फाइनेंस इंफ्लुएंसर भानु पाठक के अनुसार, इसके लिए बस आपके पास वैलिड व्हीकल स्क्रैप सर्टिफिकेट होना जरूरी है। इसके बाद जब आप कोई नई कार खरीदेंगी तो आप वैलिड व्हीकल स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाकर कार की एक्स शोरूम कीमत पर 6 प्रतिशत तक की छूट प्राप्त कर सकती हैं।(अगर बेचने जा रही हैं पुरानी कार तो जरूर रखें इन 3 तीन बातों का ध्यान)
आपको बता दें कि एक्स शोरूम कीमत का मतलब होता है कि जो कीमत आप कार की या फिर अन्य किसी वाहन के विज्ञापनों में देखती हैं। असल में यह किसी वाहन का आधार मूल्य होता है जो कि प्रत्येक जगह के हिसाब से अलग-अलग होता है। इसके अलावा, वाहन की कीमत में रोड टैक्स सहित अन्य शुल्क भी लगाए जाते हैं।
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इसमें रजिस्ट्रेशन के लिए अलग से कोई भी फीस नहीं देनी होगी। कार की वैल्यू का 6 से 7 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन के तौर देना पड़ता है। रोड टैक्स में नॉर्मल गाड़ियों पर 25 प्रतिशत और कमर्शियल गाड़ियों पर 15 प्रतिशत की छूट मिलती है।(कार में आती है बार- बार समस्या तो करें ये काम)
इस पॉलिसी को इसलिए लागू किया गया है, ताकि प्रदूषण का स्तर कम हो सके और ऑटोमोटिव खरीदारी को बढ़ावा भी मिले। आपकी 15 साल से अधिक पुरानी कारों का फिटनेस टेस्ट होगा जिसके माध्यम से पता चलेगा कि ये कारें रोड पर चलने के लायक हैं या नहीं।
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1 अप्रैल, 2023 से भारी कमर्शियल वाहनों (एचसीवी) का फिटनेस परीक्षण केवल ऑटोमेटड टेस्ट स्टेशन (एटीएस) के माध्यम से किया जाएगा। अन्य कमर्शियल वाहनों और निजी वाहनों के लिए भी एटीएस के माध्यम से फिटनेस परीक्षण किया जाएगा और यह 1 जून, 2024 से शुरू होगा। जितनी भी गाड़ियां 15 और 20 साल तक पुरानी होंगी फिर चाहे वह कमर्शियल वाहन हो या फिर निजी वाहन हो, अगर वे फिटनेस टेस्ट में फेल होती हैं, तो ये गाड़ियां स्कैप कर दी जाएंगी। यदि कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे ईएलवी (एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल) के रूप में परिभाषित किया जाएगा।
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Image Credit- freepik
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