महिलाओं के लिए अपनी ज्वैलरी, जमीन के कागजात और तमाम जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रखना बहुत महत्वपूर्ण है। बहुत सी महिलाएं कैश और अपने कीमती जेवर घर में रखती हैं तो वहीं कुछ महिलाएं इसके लिए बैंक के लॉकर का विकल्प बेहतर समझती हैं। कुछ समय पहले रिजर्व बैंक ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि लॉकर से सामान चोरी होने या कोई प्राकृतिक आपदा आने पर हुए नुकसान की बैंक भरपाई नहीं करेगा। आरबीआई और कुछ अन्य पीएसयू बैंकों ने कहा है कि लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी ग्राहक की है। लेकिन एक सवाल यह उठता है कि अगर बैंक सामान की जिम्मेदारी नहीं उठाते तो क्या लॉकर में कीमती सामान रखना बुद्धिमानी है? क्या इसके लिए ₹8000-10,000 रुपये खर्च करना तर्कसंगत है? विशेषज्ञों की राय में घर पर सामान रखना बेहतर विकल्प नहीं है। हमने इस बारे में बात की ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के एमडी और सीईओ पंकज मठपाल से और उन्होंने हमें कुछ अहम सुझाव दिए-
सुरक्षा ढांचे पर रखें नजर
ग्राहकों को यह बात जानने का अधिकार है कि उनका सामान सुरक्षित रखने के लिए बैंक क्या सुरक्षा उपाय कर रहा है। यह देखें कि आखिरी बार किस समय बैंक के सिक्योरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपडेट किया गया। अगर बैंक के जवाब से संतुष्टि महसूस ना हो तो बैंक बदलने के बारे में भी सोच सकती हैं।
इतना खर्च आता है पीएसयू बैंकों के लॉकर पर
- छोटे लॉकर की कीमत है लगभग ₹1,1000
- मध्यम आकारा के लॉकर की कीमत है लगभग ₹2,800 रुपये
- बड़े आकार के लॉकर की कीमत है ₹6,000 रुपये
- ज्यादा बड़े आकार के लॉकर की कीमत है ₹8,000 रुपये
घर की अलमारी बनाएं सेफ
कैश और कीमती सामान रखने के लिहाज से बाजार में कई तरह की अलमारियां उपलब्ध हैं। इसमें सामान्य अलमारी से लेकर मॉडर्न अलमारियां भी शामिल हैं, जिन्हें खोले जाने का प्रयास होने पर मालिक को एसएमएस के जरिए सूचना मिल जाती है। बेहतर होगा कि अच्छी क्वालिटी प्रमाणित करने वाली अलमारी लें। लेकिन इसके अलावा सीसीटीवी और चोरों के बारे में एलर्ट करने वाला अलार्म लगाने पर न्यूनतम 10,000 का खर्च आ सकता है।
बीमा है जरूरी
- कीमती सामान की सुरक्षा के साथ-साथ आपको चोरी और क्षति से बचाने के लिए उसका बीमा भी कराना चाहिए। ध्यान दें कि कैश का बीमा नहीं होता और कीमती सामान की कीमत के आधार पर उसका बीमा कराया जाता है। आप सामान चाहें घर के लॉकर में रखें या बैंक के, उसका बीमा अवश्य कराएं।
- बैंक लॉकर में रखी सामग्री अगर ₹10 लाख या उससे ज्यादा की है तो उसकी कीमत को प्रमाणित कराना जरूरी होती है और यह काम किसी सर्टीफाइड वैल्युअर से कराया जा सकता है। घर का बीमा कराते हुए उसमें ज्वैलरी शामिल करने पर एक से डेढ़ फीसदी का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है।
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प्राइवेट लॉकर भी ले सकते हैं
अगर आपको घर और बैंक दोनों ही जगह सुरक्षित न लग रहे हों तो आप प्राइवेट लॉकर सर्विसेस का विकल्प भी चुन सकते हैं। लेकिन इनका खर्च इनके आकार के अनुसार ₹4,500 से लेकर 30,000 रुपये तक हो सकता है। प्राइवेट लॉकर की सुविधा हफ्ते के सातों दिन उठाई जा सकती है।
स्मार्ट तालों से बढ़ती है सेफ्टी
- मैकेनिकल लॉक: इनकी चाबियों का डिजाइन ऐसा होता है, जिसकी नकल मुश्किल होती है। (14 लीटर- कीमत ₹5000 से ऊपर)
- कीपैड लॉक: इसमें इलेक्ट्रॉनिक कीपैड पर आपको चार अंकों का पासवर्ड सेव करना होता है। (8.7 लीटर - कीमत ₹7000 से ऊपर)
- स्वाइप कार्ड: इन लॉकर को स्वाइप कार्ड के जरिए खोला जाता है। लॉकर खोलने के लिए आपको क्रेडिट या डेबिट कार्ड की तरह ही इसे स्वाइप करना होता है। (35 लीटर - कीमत लगभग ₹5500)
- बायोमीट्रिक लॉकर: इन लॉकर का ताला आपकी उंगली की छाप से खुलता है। इसमें अपनी सुविधा के अनुसार कुछ फिंगरप्रिंट सेव करने की सुविधा मिलती है। (8.5 लीटर- ₹9,000 से ऊपर)
क्या कहते हैं फाइनेंशियल एक्सपर्ट
- पंकज मठपाल का मानना है कि बैंक लॉकर घर की अलमारी से ज्यादा सेफ हैं। बैंकों के स्ट्रॉन्ग रूप में सुरक्षित इन्फ्रास्ट्रक्चर, लोगों की प्रतिबंधित आवाजाही और प्रवेश-निकासी की कड़ी निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलेंस जैसे सुविधाएं होती हैं जो इसे और ज्यादा सुरक्षित बनाती हैं।
- दूसरी बात यह कि कीमती जेवर चाहे आपने पहन रखे हों या आप उन्हें लॉकर में रखने जा रहे हों, रास्ते में या लॉकर से चोरी की आशंका बनी रहती है। इसकी सुरक्षा के लिए लॉकर में रखे सामान की लिस्ट बनानी चाहिए और हर सामान का विवरण और तस्वीर आपके पास होनी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि चोरी जैसी स्थिति में पुलिस को अपने सामान का सटीक विवरण दिया जा सकता है। आप जिस बैंक के लॉकर में सामान रख रहे हैं, वहां दिन-रात की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विस्तार से बात कर लें। यह भी सुनिश्चित करें कि जिस शाखा में लॉकर है, वह रिहायशी इलाके में हो, इससे किसी तरह की अनहोनी होने की आशंका कम हो जाती है।
- तीसरी बात यह है कि कीमती सामान का बीमा जरूर कराएं। आमतौर पर लोग जीवन बीमा और घर का बीमा तो कराते हैं, लेकिन घर में रखे सामान का बीमा कराने के बारे में नहीं सोचते। ज्वैलरी जैसे कीमती सामान के लिए आप हाउस होल्डर पॉलिसी ले सकती हैं। प्रीमियम अदा करने में आपका खर्च जरूर बढ़ेगा, लेकिन इससे कीमती सामान को लेकर होने वाली चिंता नहीं रहेगी।
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