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    Karwa Chauth 2022: करवा चौथ पर महिलाएं क्यों देखती हैं छलनी से पति का चेहरा?

    इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों महिलाएं करवा चौथ पर छलनी से पति का चेहरा देखती हैं। 
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    Updated at - 2022-10-06,13:30 IST
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    KARWA CHAUTH  USE OF SIEVE IN PUJA

    करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए रखती हैं। महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं फिर रात में चांद के दर्शन करने के बाद ही महिलाएं यह व्रत खोलती हैं। इस व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है। इस व्रत में महिलाएं छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं। लेकिन आखिर छलनी से पति का चेहरा क्यों देखा जाता है इसके पीछे का कारण क्या है इस बारे में हम आपको इस लेख में बताएंगे। 

     

    पूजा की थाली में छलनी क्यों है जरूरी? 

    karwa chauth use of seive

    आपको बता दें कि करवा चौथ की पूजा में छलनी का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। महिलाएं करवा चौथ पर पूजा की थाली सजाती हैं और इसके साथ-साथ छलनी को भी कई तरह से सजाती हैं। फिर पूजा के बाद महिलाएं इसी छलनी से पति का चेहरा देखकर अपना करवा चौथ का व्रत पूरा करती हैं।

    कई स्थानों पर महिलाएं छलनी में दीपक रखकर चांद को देखने के बाद अपने पति का चेहरा देखती हैं। जिसके बाद पति उन्हें अपने हाथों से पानी भी पिलाता है और फिर यह व्रत पूर्ण होता है। पूजा की थाली में छलनी को विशेष स्थान दिया जाता है। कई जगहों पर छलनी से चांद को देखकर व्रत खोलने की परंपरा है। इसलिए छलनी का बहुत महत्व माना जाता है। 

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    क्या है इसके पीछे का कारण?

    आपको बता दें कि करवा चौथ में छलनी का प्रयोग किए जाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। एक पतिव्रता और अति सुन्दर स्त्री का नाम वीरवती था उसके सात भाई थे। जिस साल वीरवती का विवाह हुआ उसी साल उसने करवा चौथ का व्रत रखा। लेकिन भूख के कारण उसकी तबीयत खराब होने लगी। भाईयों से बहन की यह स्थिति देखी नहीं जा रही थी। इसलिए चांद निकलने से पहले ही एक पेड़ पर बैठकर उसके भाई ने छलनी के पीछे दीपक रखकर बहन से कहने लगे कि देखो चांद निकल आया है और वीरवती ने उस छलनी के पीछे वाले दीपक को ही चांद समझकर करवा चौथ का व्रत खोल दिया। ऐसा करने के बाद वीरवती के पति की मृत्यु हो गई।

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    जब वीरवती को यह पता चला कि उसने दीपक को चांद समझने की गलती की थी जिसकी वजह से उसके पति की मृत्यु हो गई। इसके बाद वीरवती बहुत दुखी हो गई। वीरवती ने अपने पति के मृत शरीर को सुरक्षित अपने पास रखा और अगले वर्ष फिर से करवा चौथ के दिन नियम पूर्वक व्रत किया जिससे करवा माता प्रसन्न हुई और उसके पति को फिर से जीवित कर दिया। 

    इस कारण की वजह से ही शादीशुदा महिलाएं स्वयं छलनी अपने हाथ में रखकर उगते हुए चांद को देखती हैं ताकि उनसे कोई किसी प्रकार का छल न कर सकें और पूरे विधि-विधान के साथ करवाचौथ का व्रत संपन्न हो सकें। 

     

    यह थी करवा चौथ से जुड़ी हुई जानकारी। 

     

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    Image Credit- freepik

     
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