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Kajari Teej 2022: कजरी तीज में बन रहे हैं ये शुभ संयोग, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में कजरी तीज का विशेष महत्व बताया गया है और इस दिन शिव जी का माता गौरी समेत पूजन विशेष रूप से फलदायी होता है। 
Editorial
Updated:- 2022-08-08, 17:07 IST

हिंदू धर्म में तीज का त्योहार विशेष रूप से मनाया जाता है। तीज मुख्य रूप से 3 तरह की होती है जिसमें पहली तीज सावन के महीने में होती है जिसे हरियाली तीज कहा जाता है और इसके 15 दिन के बाद भादो कजरी तीज मनाई जाती है और भादो के महीने में ही हरतालिका तीज मनाई जाती है।

इसी प्रकार भादो के महीने में कजरी तीज का महत्व बहुत ज्यादा मनाया जाता है। यह कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इसका विशेष महत्व है। इस तीज को कजरी तीज कहा जाता है।

इस त्योहार पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं और भगवान शिव की पूजा करती हैं। इस तीज पर्व में महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ पार्वती जी की पूजा भी करती हैं। आइए अयोध्या के पंडित राधे शरण शास्त्री जी से जानें इस साल कब मनाई जाएगी कजरी तीज और इसका क्या महत्व है।

कजरी तीज तिथि और शुभ मुहूर्त

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  • इस साल कजरी तीज 14 अगस्त, रविवार के दिन मनाई जाएगी
  • तृतीया तिथि आरंभ - 13 अगस्त, 2022 रात्रि 12:53 पर
  • तृतीया तिथि समाप्त - अगस्त 14, 2022 को रात्रि 10:35
  • चूंकि उदया तिथि में तीज तिथि 14 अगस्त को है इसलिए इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा।

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कजरी तीज का महत्व

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कजरी तीज पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। ऐसी मान्यता है कि महिलाओं के इस व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव और माता गौरा उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती से पति की दीर्घायु की कामना करती हैं और ऐसा माना जाता है कि यदि कुंवारी लड़कियां यह व्रत करती हैं तो उन्हें जल्दी ही अच्छे वर की प्राप्ति होती है। सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना हेतु भी यह व्रत लाभकारी होता है।

कजरी तीज पूजा विधि

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  • व्रत करने वाली महिलाएं इस दिन प्रातः जल्दी उठाकर स्नान आदि से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करें।
  • स्नान के बाद भगवान शिव और माता गौरी की मिट्टी की मूर्ति बनाएं आप बाजार से लाई हुई मूर्ति का ,इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
  • व्रत करने वाली महिलाएं माता गौरी और भगवान शिव की मूर्तिको एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
  • शिव और गौरी का विधि विधान पूजन करें और पति की दीर्घायु की कामना करें।
  • माता गौरी को सुहाग की सभी 16 सामाग्रियां चढ़ाएं और पूजन करें।
  • धूप और दीप जलाकर शिव जी की आरती करें और कथा सुनें।

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इस प्रकार कजरी तीज का व्रत विधि विधान से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवनसाथी का स्वास्थ्य ठीक बना रहता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- freepik.com, unsplash.com

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