Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी क्यों मानी जाती है मुक्ति का द्वार, जानें मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत महत्व है। जया एकादशी बस आने को ही है ऐसे में आइये जानते हैं इसका मुहूर्त और महत्व।  

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Jaya Ekadashi 2023: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसी कड़ी में माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी बस आने को ही है। माघ महीने में पड़ने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को मुक्ति का द्वार भी कहा जाता है। ऐसे में हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं जया एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।

जया एकादशी की डेट (Jaya Ekadashi Ki Date)

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 31 जनवरी, दिन मंगलवार (मंगलवार के उपाय) को सुबह 11 बजकर 55 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन 1 फरवरी बुधवार को दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, जया एकादशी का व्रत 1 फरवरी के दिन रखा जाना है।

जया एकादशी का शुभ मुहूर्त (Jaya Ekadashi Ka Shubh Muhurat)

जया एकादशी के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 1 फरवरी को सुबह ब्रह्म मुहूर्त (क्या होता है ब्रह्म मुहूर्त) से 8 बजकर 30 मिनट तक का समय पूजा के लिए उत्तम है। इस समय में भगवान विष्णु का ध्यान करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी और इस शुभ मुहूर्त में रखा गया एकादशी का व्रत व्यक्ति को अक्षत पुण्य और असंख्य सुखों की प्राप्ति कराएगा।

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जया एकादशी का शुभ योग (Jaya Ekadashi Ka Shubh Yog)

इस वर्षा जया एकादशी सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ने जा रही है। सर्वार्थ सिद्धि योग 1 फरवरी को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन रात 3 बजकर 23 मिनट पर होगा। मान्यता है कि इस योग में किया गया काम सदैव सफलता का सूचक बनता है और व्यक्ति का रुका हुआ काम भी पुनः चल पड़ता है।

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जया एकादशी का व्रत पारण समय (Jaya Ekadashi Ka Vrat Paran Samay)

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एकादशी को रखा गया व्रत हमेशा द्वादशी तिथि को ही पूर्ण करना चाहिए। द्वादशी तिथि 2 फरवरी की पड़ने जा रही है। ऐसे में सुबह 7 बजकर 9 मिनट से सुबह 9 बजकर 19 मिनट के बीच में आप व्रत पारण कर सकते हैं। साथ ही ये भी बता दें कि द्वादशी तिथि का समापन 2 फरवरी को शाम 4 बजकर 26 मिनट पर होगा।

जया एकादशी का महत्व (Jaya Ekadashi Ka Mahatva)

जया एकादशी को मुक्ति का द्वार कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति जया एकादशी का व्रत रखता है उसे मृत्यु के पश्चात पिशाच योनी से मुक्ति मिल जाती है और यहां तक कि उस पर आजीवन मां लक्ष्मी की कृपा बरसती रहती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी उस व्यक्ति को प्राप्त होता है। उस व्यक्ति के सभी कष्ट मिट जाते हैं और उसे ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

तो ये थी जया एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व समेत सभी जानकारी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock

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