भगवान जगन्नाथ की मुख्य लीला भूमि, ओडिशा के पुरी शहर को माना जाता है। इसी वजह से पुरी को पुरुषोत्तम पुरी भी कहा जाता है। राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति का प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी को माना जाता है। हिन्दू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का बहुत अधिक महत्व है, मान्यताओं के अनुसार रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता मंदिर पहुंचाया जाता है जहां भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं। जानी मानी एस्ट्रोलॉजी और वास्तु स्पेशलिस्ट डॉ आरती दहिया बताती हैं कि इस दौरान गुंडिचा माता मंदिर में खास तैयारी होती है और मंदिर की सफाई के लिये इन्द्रद्युम्न सरोवर से जल लाया जाता है।
जगन्नाथ रथयात्रा, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दि्तीया को जगन्नाथपुरी से आरंभ होती है। इस साल यह यात्रा 12 जुलाई, सोमवार के दिन से आरम्भ हो गई है। हर साल रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ साल में एक बार मंदिर से बाहर निकल कर जनसामान्य के बीच जाते हैं और बड़ी संख्या में भक्तगण इस यात्रा में सम्मिलित होते हैं। लेकिन इस साल कोरोना महामारी की वजह से इस रथ यात्रा का अलग ही नज़ारा देखने को मिल रहा है। इस साल कोरोना की गाइडलाइन्स को फॉलो करते हुए रथयात्रा का आरम्भ हुआ है। आइए तस्वीरों में देखें इस यात्रा की शुरुआत के कुछ दृश्य।
आरम्भ हुई जगन्नाथ रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथ यात्रा आज पुरी जगन्नाथ के मंदिर से आरंभ हो गयी है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से इस रथ यात्रा में केवल तीन रथों और दो अन्य गाड़ियों के अलावा किसी भी प्रकार के वाहन सम्मिलित नहीं किये गए हैं और कड़ी पाबंदियों के साथ यात्रा की शुरुआत हो गयी है। रिपोर्ट के अनुसार रथ यात्रा में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया गया है।
पुरी में लगाया गया है 48 घंटे का कर्फ्यू
जगन्नाथ यात्रा से पहले पुरी में फिलहाल 48 घंटे का कर्फ्यू लगाया गया है, जो रविवार रात 8 बजे से लागू हो गया है। ANI की रिपोर्ट के अनुसार यह कर्फ्यू रविवार की रात 8 बजे से 13 जुलाई को रात 8 बजे तक लागू रहेगा। वहीं राज्य सरकार ने इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा में श्रद्धालुओं के न शामिल होने कीअपील की है।
Two-day curfew in Puri, security increased as Rath Yatra celebration begins in Odisha
— ANI Digital (@ani_digital) July 12, 2021
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि ‘रथ यात्रा के विशेष अवसर पर सभी को बधाई, हम भगवान जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद सभी के जीवन में अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए , जय जगन्नाथ।
Greetings to everyone on the special occasion of the Rath Yatra. We bow to Lord Jagannath and pray that his blessings bring good health and prosperity in everyone’s lives. Jai Jagannath!
— Narendra Modi (@narendramodi) July 12, 2021
अहमदाबाद जगन्नाथ मंदिर में शामिल हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी
वहीं गुजरात के अहमदाबाद में मौजूद जगन्नाथ मंदिर में भी रथ यात्रा शुरू हो चुकी है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से पहले भगवान के दर्शन और पूजन के लिए राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मौके पर पहुंचे। इससे पहले देश के गृह मंत्री अमित शाह भी मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे। रथयात्रा के लिए मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। बता दें कि भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा कोरोना कर्फ्यू के दौरान निकाली जा रही है ताकि लोग इसमें शामिल न हो सकें।
जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
एस्ट्रोलॉजर और वास्तु स्पेशलिस्ट डॉ आरती दहिया के अनुसार जगन्नाथ रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को जगन्नाथपुरी से आरंभ होती है। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ साल में एक बार मंदिर से निकल कर जनसामान्य के बीच जाते हैं। पुरी रथयात्रा के लिए बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं। रथयात्रा में सबसे आगे बलराम जी का रथ, उसके बाद बीच में देवी सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का रथ होता है। इसे उनके रंग और ऊंचाई से पहचाना जाता है। इन रथों के निर्माण में किसी भी प्रकार के कील या कांटे या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है। रथों के लिए काष्ठ का चयन बसंत पंचमी के दिन से शुरू होता है और उनका निर्माण अक्षय तृतीया से प्रारम्भ होता है। इसके बाद देवशयनी एकादशी के दिन भगवान जगन्नाथ की वापसी की यात्रा शुरू होती है।इस यात्रा का सबसे बड़ा महत्व यही है कि यह पूरे भारत में एक पर्व की तरह निकाली जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस यात्रा के दर्शन से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
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इस प्रकार जगन्नाथ रथ यात्रा का विशेष महत्व है और ये सिर्फ पुरी ही नहीं बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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Image Credit: Pallav Paliwal
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