पीरियड महिलाओं के शरीर में होने वाली नेचुरल प्रक्रिया है, जो महीने में एक बार होती है। इस प्रक्रिया के दौरान वजाइना के रास्ते ब्लड निकलता है, जिसे कई लोग गंदा मानते हैं। हालांकि, यह ब्लड गंदा नहीं होता है, बल्कि यह महिलाओं के सेहतमंद शरीर का एक हिस्सा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ट्रेन्ड एमबीबीएस और एमएसी(Oxon), स्पेशलिस्ट डॉक्टर तान्या ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी बातें शेयर की हैं। डॉक्टर तान्या इंस्टाग्राम पर @dr_cuterus के नाम से हैं और वह हमेशा महिलाओं की कई समस्याओं से जुड़ी बातें शेयर करती रहती हैं।
पीरियड का ब्लड गंदा नहीं, गंदी तो लोगों की सोच है
एकसपर्ट का कहना है, ''पीरियड का ब्लड किसी भी तरह से गंदा नहीं होता है। असल में गंदे तो वे लोग होते हैं, जो पीरियड को गंदा सोचते हैं, इसे अशुद्ध मानते हैं। यह एक नेचुरल प्रक्रिया है, जिसे लेकर समाज में फैले भ्रम और मिथक ही असल गंदगी हैं। पीरियड के दौरान बस इतना होता है कि आप प्रेग्नेंट नहीं होती हैं और आपका शरीर यूट्रस की परत को बाहर निकालता है। इस प्रोसेस में कुछ सेल्स, थोड़ा म्यूकस और ब्लड भी शामिल होता है।''
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यह समझना बेहद जरूरी है कि पीरियड के दौरान निकलने वाला ब्लड या दूसरी चीजों में कुछ भी गंदा या जहरीला नहीं होता। यह शरीर का नॉर्मल और हेल्दी प्रोसेस है। ये हर महीने इसलिए होता है, ताकि यूट्रस अगली प्रेग्नेंसी के लिए तैयार हो सके। जो लोग इसे गंदा मानते हैं, वे विज्ञान की बात नहीं समझते और सिर्फ पुरानी, गलत सोच को मानते हैं।
वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
कुछ वैज्ञानिक तो आजकल इस बात पर रिसर्च कर रहे हैं कि पीरियड के ब्लड का इस्तेमाल दिल के रोग, स्ट्रोक और यहां तक कि कैंसर के इलाज के लिए कैसे किया जा सकता है। ये इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि इसमें कुछ भी गंदा नहीं है। अगर ये खराब होता, तो वैज्ञानिक इस पर रिसर्च क्यों करते? ये तो प्रकृति का एक अद्भुत स्रोत है, जिसमें नया बनाने की शक्ति छिपी है।
पीरियड से जुड़ी गलत धारणाएं और सच्चाई
यह तो बस महिलाओं को मंदिरों, रसोई और बड़े पदों से दूर रखने का एक तरीका है। यह महिलाओं को कमजोर और 'अशुद्ध' बताकर उनके अधिकारों और समाज में उनकी जगह को कम करने का एक षड्यंत्र है, जो पूरी तरह से गलत है।
आपका यूट्रस पीरियड के ब्लड को बाहर निकालकर खुद को साफ नहीं कर रहा होता है। यह एक गलतफहमी है। यूट्रस खुद को तैयार करता है और जब प्रेग्नेंसी नहीं होती है, तब वह अपनी पिछली परत को छोड़ देता है। सफाई की जरूरत तो उन लोगों के दिमाग को है, जो ऐसी बकवास बातें कहते हैं, जो महिलाओं को उनके शरीर की कुदरती चीजों के लिए शर्मिंदा करते हैं।
आप पीरियड का ब्लड दान नहीं कर सकती हैं, क्योंकि ब्लड बैंक यू्ट्रस से निकलने वाले ब्लड के लिए नहीं बने हैं, इसलिए नहीं कि ये 'अशुद्ध' है। सच तो ये है कि पीरियड का ब्लड स्टेम सेल से भरा होता है, जिन पर बड़े इलाजों के लिए रिसर्च चल रही है। ये सेल्स शरीर के खराब हिस्सों को ठीक कर सकते हैं और नई सेल्स को बना सकते हैं, जिससे ये दवाइयों के क्षेत्र में बहुत कीमती हो जाते हैं। अगर ये 'अशुद्ध' होता, तो इसमें ऐसी कमाल की शक्ति नहीं होती।
जरूरत है सोच बदलने की
सबसे ज्यादा 'साफ' या 'स्वच्छ' करने की जरूरत लोगों की सोच को है। हमें पुरानी रस्मों, अंधविश्वासों और गलत धारणाओं को छोड़ना होगा और विज्ञान को समझना होगा। जब तक हम पीरियड को लेकर समाज में फैली गंदगी को साफ नहीं करते हैं, तब तक महिलाओं को उनकी सही जगह और इज्जत नहीं मिलेगी। अब समय आ गया है कि इस 'अशुद्ध' सोच को हमेशा के लिए खत्म कर दें।
पीरियड का ब्लड गंदा नहीं, बहुत खास है
पीरियड का ब्लड ताकतवर और कुदरती होता है। ये जीवन के चक्र को दिखाता है, जैसे मौसम बदलते हैं - बढ़ना, रुकना, बाहर आना और आराम करना। ये सिर्फ शरीर से निकलने वाला ब्लड नहीं, बल्कि जीवन देने की शक्ति और बदलाव का प्रतीक है।
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गलत सोच से बचें
इंटरनेट पर 'नारी शक्ति' या 'धरती माता' जैसी बातें दिखेंगी, पर इन पुराने ख्यालों से बचिए। सबको कुदरत और अपने शरीर से जुड़ना चाहिए।
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