भगवान श्री कृष्‍ण के सुदर्शन चक्र से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्‍य जानें

दुनिया के सबसे शक्तिशाली अस्‍त्र सुदर्शन चक्र के बारे में आपने कई बार सुना होगा । आज हम आपको भगवान श्री कृष्‍ण की इस शक्ति के बारे में कुछ और भी रोचक तथ्‍य बताएंगे। 

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भगवान श्री कृष्‍ण की कथाओं की तरह उनका चरित्र भी बेहद रोचक रहा है। साथ ही श्री कृष्‍ण दिखने में जितने कोमल और सौम्‍य नजर आते हैं उतने शक्तिशाली अस्‍त्रों के वह स्‍वामी हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्‍ण के सुदर्शन चक्र से शक्तिशाली अस्‍त्र और कोई है ही नहीं।

जब-जब श्री कृष्‍ण ने अपना सुदर्शन चक्र उठाया तब-तब वह बिना वार किए वापिस नहीं आया फिर चाहे सुदर्शन से किसी का वध करने के स्‍थान पर उन्‍होंने किसी की शक्ति या अभिमान पर ही वार किया हो।

ऐसे सुदर्शन चक्र के बारे में शास्‍त्रों में कई रोचक बातें बताई गई हैं, जो आज हम आपको बताएंगे।

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कहां से आया सुदर्शन चक्र ?

सुदर्शन से जुड़ी एक नहीं अनेक कथाएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि सुदर्शन भगवान श्री कृष्‍ण का ही अंश है और जगतपिता नारायण ने इस इस शक्ति को प्राप्‍त करने के लिए घोर तपस्‍या की थी। इतना ही नहीं, कथाओं में यह भी बताया गया है। त्रेतायुग में भगवान श्री राम का अवतार बनकर जन्‍में श्री विष्‍णु की शक्ति के रूप में उनके 3 अन्‍य भाई भी उत्‍पन्‍न हुए थे। जिनमें से शत्रुघन ने द्वापर युग में सुदर्शन के रूप में जन्‍म लिया था और भगवान श्री कृष्‍ण की सबसे बड़ी शक्ति बने थे।

इसके साथ ही एक कथा के अनुसार यह भी कहा गया है कि भगवान विष्‍णु ने अपने आराध्‍य शिव जी को अनेकों कमल के फूल अर्पित किए। उनमें से एक जब खो गया तो श्री कृष्‍ण ने उसके स्‍थान पर अपनी एक आंख निकाल कर शंकर जी को अर्पित की। विष्‍णु जी के ऐसा करने पर शंकर जी उनसे अति प्रसन्‍न हुए और फिर उन्‍हें सुदर्शन चक्र के रूप में दुनिया का सबसे शक्तिशाली अस्‍त्र भेंट किया।

सुदर्शन चक्र में क्‍या शक्तियां थी?

सुदर्शन चक्र में सबसे पहली शक्ति तो यही थी कि उसका लक्ष्‍य अभेद था। सुदर्शन चक्र श्री कृष्‍ण के बाद यदि कोई प्रयोग कर सकता था तो वह केवल श्री राधा ही थीं। इसके साथ ही, सुदर्शन कभी भी किसी गलत भावना से किए गए कार्य को पूर्ण करने में सहयोग नहीं करता था।

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सुदर्शन चक्र में कितनी तीलिया थीं?

यदि विष्‍णु पुराण की माने तों सुदर्शन चक्र में 12 तीलियां थीं। सुदर्शन की 12 तीलियों में 12 आदित्‍य, 6 नाभियों में 6 ऋतु और 2 युग समाहित हैं।

कहां है भगवान श्री कृष्‍ण का सुदर्शन चक्र?

भगवान श्री कृष्‍ण का सुदर्शन चक्र केवल और केवल श्री विष्‍णु के अवतारों द्वारा ही धारण किया जा सकता है। ऐसे में द्वापर युग में श्री कृष्‍ण ने जब दह त्‍यागी तो उनके साथ ही सुदर्शन भी पृथ्‍वी की गर्भ में समा गया। ऐसी मान्‍यता है कि अब श्री विष्‍णु के अवतार कलकी का जब जन्‍म होगा, तब उनके साथ ही सुदर्शन का भी जन्‍म होगा।

सुदर्शन चक्र साधना मंत्र

'ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।' सुदर्शन चक्र साधान मंत्र का यदि आप नियमित 108 बार जाप करती हैं, तो इससे आपको कई प्रकार के लाभ और विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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