Examination Tips: बच्चे अक्सर एग्जाम से पहले काफी ज्यादा स्ट्रेस ले लेते हैं, जिसका असर उनके रिजल्ट पर पड़ता है। कई बार विषय या टॉपिक कवर करने के बाद भी एग्जामिनेशन हॉल में बैठने से पहले बच्चे घबरा जाते हैं। वहीं, कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो साल भर पढ़ाई नहीं करते हैं और एग्जाम के समय में दिमाग पर ज्यादा प्रेशर लेते हैं। इसके अलावा कई पैरेंट्स भी बच्चे के ऊपर एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाने का दबाव बनाते हैं, जिससे बच्चों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि, बच्चे के लिए माता-पिता का साथ होना बेहद जरूरी होता है। इसी के साथ आइए UNICEF की एक रिसर्च के अनुसार जानते हैं कि पैरेंट्स कैसे एग्जाम से पहले अपने बच्चों को स्ट्रेस फ्री रख सकते हैं।
बच्चों की परेशानी समझें
यूनिसेफ की एक रिसर्च के मुताबिक, अगर आपका बच्चा एग्जाम से पहले काफी घबराया हुआ है, तो आप सबसे पहले जरूरी है कि आप उसकी परेशानी को समझें। उनसे बात करके जानें कि आखिर उन्हें किस टॉपिक या विषय में ज्यादा दिक्कतें हैं। तभी आप कुछ हल निकाल पाएंगी।
प्यार से करें बात
बच्चे अगर बहुत ज्यादा एग्जाम के लिए टेंशन में हैं, तो इस स्थिति में आपको उनसे प्यार से बात करना चाहिए। इन दिनों अगर आप उन्हें डांटेंगी, तो इससे उनके दिमाग पर असर कर सकता है। इसलिए पहले बच्चे की प्रॉब्लम को जानें, उसके बाद उन्हें प्यार से समझाएं।
बच्चों के लिए बनें रोल मोडल
अगर आपका बच्चा एग्जाम को लेकर काफी ज्यादा स्ट्रेस में है, तो बच्चे के पास थोड़ा समय निकालकर बैठें और उनसे अपनी पुरानी स्थिति के बारे में बताएं। उदाहरण के तौर पर आप अपने बच्चे को बताएं कि आप अपने एग्जाम के समय क्या करते थे। UNICEF की रिसर्च के अनुसार, ऐसे एग्जांपल आपके बच्चे के मन के डर को खत्म करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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8 से 10 घंटे सोना जरूरी
अक्सर बच्चे पहले से एग्जाम की तैयारी नहीं करते हैं और परीक्षा के समय काफी ज्यादा स्ट्रेस ले लेते हैं। इसके कारण रात में पढ़ाई करने की जिद्द भी करते हैं। लेकिन, पैरेंट्स होने के नाते आपका फर्ज है कि आप अपने बच्चों के सोने और उठने का ख्याल रखें। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आपके बच्चे की उम्र 6 से 12 साल के बीच है, तो उसे 9 से 12 घंटे की नींद लेना जरूरी है। वहीं, टीनेज वालों को 8 से 10 घंटे सोना एक हेल्दी स्लिप माना जाता है।
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