
सड़क पर चलते समय आपको अलग-अलग नंबर प्लेट के साथ-साथ अलग-अलग रंगों वाली नंबर प्लेट भी देखने को मिलेगी। ऐसे में आपने कई बार लोगों को बोलते हुए सुना होगा कि यह महाराष्ट्र की गाड़ी है या यह हरियाणा की गाड़ी है। कई लोग नंबर प्लेट के रंग को देखकर पहचान जाते हैं कि इसमें कौन सा अधिकारी बैठा होगा। ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर उसे कैसे गाड़ी के नंबर प्लेट को देखकर यह सब पता चल रहा है? अगर आप भी यह सोच रही हैं, तो परेशान न हो। क्योंकि, आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी जानकारी देंगे, जिससे आप भी गाड़ी के नंबर प्लेट को देखकर उसके बारे में बताने लगेंगे।
जिन लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है, वह आसानी से इन टिप्स की मदद से नंबर प्लेट देखकर बता सकते हैं कि गाड़ी कहां की है। ऐसा इसलिए, क्योंकि नंबर प्लेट पर स्टेट का नाम लिखा होता है। आपको नंबर प्लेट पर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के शुरुआत के दो अक्षर लिखे हुए नजर आएंगे।
ध्यान रखें कि एक जैसा कोड आपको किसी और राज्य में नहीं मिलेगा। कोई दो राज्य एक जैसा कोड रखेंगे, तो इससे पहचानने में परेशानी होगी, इसलिए हर स्टेट का कोड उनके नाम के हिसाब से रखा जाता है। नंबर प्लेट देखकर केवल राज्य ही नहीं बल्कि शहर का भी पता लगा सकती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें शहर का कोड भी लिखा होता है।

अगर आप जानना चाहती हैं कि UP में गाड़ी किस शहर की है, तो यह भी नंबर प्लेट पर लिखा होता है। जिन लोगों को शहर का कोड याद रहता है, वह देखकर ही स्टेट के साथ-साथ शहर का भी पता लगा लेते हैं। अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि UP में यह किस शहर की गाड़ी है, तो आप नंबर प्लेट पर लिखा नंबर गूगल पर सर्च कर सकती हैं। इसे RTO Code के नाम से जाना जाता है। यह स्टेट के 2 अक्षर के बाद लिखा होता है। जैसे UP32, इसमें लखनऊ 32 शहर का कोड है, इससे पता चलता है कि गाड़ी किस शहर में रजिस्टर की गई है।
अगर गाड़ी पर UP32 AB 1234 , इस तरह नंबर लिखा है, तो आप समझ जाएंगे कि यह यूपी के लखनऊ की गाड़ी है। ध्यान रखें कि एक ही राज्य में अलग-अलग शहरों के अलग RTO नंबर होते हैं। यानी यह कोड अलग-अलग होते हैं।
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काली नंबर प्लेट (Black Number Plate)- कई बार आपने सड़क पर काली नंबर प्लेट वाली गाड़ी देखी होगी। इसमें प्लेट का रंग काला होता है और अक्षर पीले रंग में लिखे होते हैं। दरअसल, यह रेंटल गाड़ी होती है। यह रेंटल या बिजनेस ट्रांसपोर्ट के लिए यूज होती है। इस नंबर प्लेट के लिए डॉक्यूमेंट्स भी अलग होते हैं। इसमें आपको कमर्शियल इंश्योरेंस लेना होता है। इसके साथ ही, जरूरी है कि आपके पास बिजनेस या किस लिए गाड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसकी पूरे दस्तावेज आपको रखने होते हैं। कोई भी यह नंबर प्लेट नहीं खरीद सकता। इसके लिए आपको अपने बिजनेस की पूरी जानकारी देनी होती है।
Blue नंबर प्लेट (Blue Number Plate)- इसमें प्लेट नीले रंग की होती है और अक्षर सफेद रंग के होते हैं। यह नंबर प्लेट हर किसी को नहीं मिलती, इसे राजनयिक, कांसुलर कर्मचारी या अंतरराष्ट्रीय संगठन के लोगों को ही दिया जाता है। आप इसे आसान भाषा इस तरह समझ सकते हैं कि इसे विदेशी दूतावास (Embassies) को दिया जाता है। इसमें शुरुआत में लिखे अंक देश या किसी संगठन को बताने के लिए लिखे होते हैं। इन गाड़ियों पर भारतीय टैक्स नियम लागू नहीं होते।
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