औषधीय पौधे वे पौधे होते हैं जिनके किसी भी भाग से औषधि यानी दवाएं बनाई जाती है। इन पौधों में औषधीय गुण होते हैं जो कई तरह के रोगों के इलाज में मदद करते हैं। औषधीय पौधे प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं या इन्हें जैविक तरीके से भी उगाया जा सकता है। औषधीय पौधों के कई प्रकार होते हैं, जिनमें जड़ी-बूटियाँ, फूल, फल, सब्जियाँ और पेड़ शामिल हैं। कुछ आम औषधीय पौधों में तुलसी, नीम, अदरक, हल्दी, अश्वगंधा, लेमनग्रास की खेती और ब्राह्मी शामिल हैं।
1. गार्डन में औषधीय पौधा लगाने की प्रक्रिया
औषधीय पौधों के बगीचे लगाने के लिए बुनियादी सिद्धांत यह है कि अधिक मात्रा के बजाय पौधे की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। एक या दो जड़ी-बूटियां लगा कर शुरू कर सकते हैं। औषधीय पौधों के बढ़ने पर देखभाल कैसे करें और बागवानी संबंधी तरीकों को समझें, यह देखकर सीखें। एक बार जब पहले कुछ पौधे खिल जाएं, तो आप और भी जड़ी-बूटियों के पौधों को अपने गार्डन में लगा सकते हैं। खास तौर पर शुरुआत में नए लोगों के लिए, यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है लेकिन औषधीय पौधों के लाभ और बाजार में मिलने वाली कीमत से अनुभव लिया जा सकता है।
2. मिट्टी के पोषक तत्वों को लगातार जांच करें:
पौधों के अनेक प्रकार के होने के बावजूद, मिट्टी की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण हो सकता है। चूंकि गार्डेनिंग में मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण आधार हो सकता है। जिसमें, बीजों और पौधों के लिए कई पोषक तत्वों के स्रोत होते हैं। इसलिए किसी भी कमी की तलाश के लिए इसे मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराया जा सकता है। बगीचे में औषधीय का इस्तेमाल किए जाने वाले खाद का रासायनिक क्रिया होने के बजाय जैविक खाद में होनी चाहिए ताकि जड़ी-बूटियों और पौधों के लिए सबसे नेचुरल फ्रेगमेंटेशन हो सके।
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3. औषधीय बीजों को प्राथमिकता दें:
औषधीय बगीचे पौधों और औषधीय जड़ी-बूटियों की एक किस्म का इस्तेमाल करके लगाए जा सकते हैं, या तो बीज के अंकुर से। बीजों के इस्तेमाल को ज्यादा प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि इसमें कम लागत हो सकती है। नए माली या औषधीय बगीचों के मालिकों को लंबे समय तक हर्बल बगीचे को बनाए रखने के लिए देखभाल और पोषण की जरूरत को समझने में मदद करते हैं। बागवानी के सभी एलिमेंट जितना अधिक जुड़े होंगे, बगीचे को उतनी ही बेहतर तरीके से रखा जा सकता है।
4. पॉटिंग कल्चर को अपनाएं:
सभी माली औषधीय पौधों के लिए अलग- अलग बर्तनों के इस्तेमाल की सलाह नहीं देते हैं। कई पौधे एक छोटे, खास किस्म के कंटेनर में ज्यादा उत्पादन हो सकता है। औषधीय पौधों को उगाने के लिए पॉट कल्चर का इस्तेमाल करने से बगीचे में अलग अलग पौधों की गुणवत्ता होती है, जैसे कि बगीचे में क्यारियां और घर की खिड़की के अंदर या बाहर हो। पॉट कल्चर को अपनाते समय, यह तय करें कि ऐसे सभी औषधीय पौधे जिनके जड़ घने होते हैं, उन्हें हमेशा गमलों के बजाय बगीचे में लगाया जा सकता है।
5. गार्डन को ऐसे करें डिजाइन:
औषधीय जड़ी-बूटियों के बगीचे के लेआउट से ये असर पड़ता है कि पौधे कैसे विकसित होते हैं। कुछ जड़ी-बूटियां, जैसे कि यारो और वेलेरियन, बगीचे के कोनों के लिए ज्यादा बेहतर होती हैं।
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भारत में तुलसी के रखरखाव और कम बजट में सबसे अधिक लाभदायक औषधीय फसल है। तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग हजारों वर्षों से आयुर्वेद में किया जाता है। इसमें एंटीवायरल और कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। यह सर्दी-जुकाम और अन्य वायरल संक्रमणों के लिए बहुत असरदार हो सकता है।
बाजार में पंच तुलसी अर्क (एक्सट्रैक्ट) की मांग होती है। इसके अलावा, तुलसी का पौधा ऑक्सीजन देता है इसलिए यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर हो सकता है। तुलसी एक बहुत ही लाभदायक औषधीय पौधा है जिसकी खेती कम रखरखाव और कम बजट में की जा सकती है। यह कई तरह के रोगों में फायदेमंद है। इसलिए, तुलसी की खेती एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
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