Direct-to-Mobile broadcasting: अगर आपको वीडियो कॉल करने को कहा जाए तो आप क्या करेंगे? आप फोन या लैपटॉप में किसी न किसी वीडियो कॉलिंग ऐप की मदद लेंगे। मोबाइल फोन से वीडियो कॉल से करने जा रहे हैं तो वाईफाई इंटरनेट या सिम नेटवर्क किसी एक चीज का होना जरूरी है, लेकिन आने वाले समय में ऐसा नहीं होगा।
दरअसल, मोबाइल फोन पर लाइव क्रिकेट मैच देखना हो या यूट्यूब पर कोई वीडियो या फिर आनलाइन पढाई करनी हो, इसके लिए अब इंटरनेट और सिम कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। नई तकनीक डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) की बदौलत आने वाले समय में यह संभव हो पाएगा। इसके लिए सिर्फ एक खास किस्म के चिप की जरूरत होगी।
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आपको बता दें, सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा है कि घरेलू डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) Direct-to-Mobile तकनीक का परीक्षण जल्द ही 19 शहरों में किया जाएगा और इस उभरती प्रौद्योगिकी के लिए 470-582 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम (MHz spectrum) आरक्षित करने की जोरदार वकालत की जाएगी।
डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) सेवा एक नई तकनीक है, जो बिना इंटरनेट कनेक्शन के मोबाइल पर लाइव टीवी और वीडियो देखने की सुविधा देती है। यह तकनीक एफएम रेडियो की तरह काम करती है, जो रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके आडियो को मोबाइल तक पहुंचाते हैं।
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डी2एम सेवा की शुरुआत अगले साल होने की संभावना है। इससे शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मोबाइल पर ऑनलाइन प्रशिक्षण लेना भी आसान होगा। इसके अलावा स्वास्थ्य व कृषि समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़ी जानकारियां भी मोबाइल पर बिना इंटरनेट के हासिल की जा सकेंगी। दूरदराज के इलाकों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित होगी। जहां अभी तक टीवी भी नहीं पहुंची, उन लोगों के घर तक इस योजना को पहुंचना है। इस तकनीक का मकसद 5G नेटवर्क पर लोड कम करना है।
हाल ही में पायलट प्रोजेक्ट के तहत डी2एम टेक्नोलॉजी को कुछ जगह पर ट्रायल के तौर पर शुरू किया जा चुका है। इसमें बेंगलुरु, कर्तव्य पथ और नोएडा के नाम शामिल हैं।
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अपूर्व चंद्रा ने इन बातों के साथ यह भी बताया है कि देश में ऐसे 80 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं, जो 69 फीसदी कंटेंट को सिर्फ वीडियो फॉर्मेट में एक्सेस करते हैं। चंद्रा के मुताबिक ज्यादा वीडियो लोड होने की वजह से नेटवर्क स्लो हो जाता है, जिसके बाद वीडियो बफरिंग की समस्या आती है। डी2एम टेक्नोलॉजी इन समस्याओं का निवारण बन सकती हैं।
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