कार्यस्थल पर गुस्सा आना बहुत आम बात है। कुछ लोगों को ज्यादा गुस्सा आता है, जबकि कुछ लोग नियंत्रित कर लेते हैं। इस गुस्से में काम के दबाव और सहकर्मियों से मतभेद की अहम भूमिका होती है। हालांकि किसी भी स्थिति में गुस्से पर नियंत्रण जरूरी है, क्योंकि इससे न केवल काम प्रभावित होता है, बल्कि रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। कुछ आसान तरीके अपनाकर आप कार्यस्थल पर अपने गुस्से को नियंत्रित कर सकते हैं। आइए, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के काउंसलिंग मनोवैज्ञानिक और विशेष शिक्षक डॉ. नम्रता महाजन से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
तत्काल प्रतिक्रिया से बचें और गहरी सांस लें
किसी भी कारण गुस्सा आए, तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें। एक बात याद रखें कि जब आप गुस्से में होते हैं, तो आपकी सांसें तेज हो जाती हैं। ऐसे में गहरी सांस लेने से आपके शरीर को ऑक्सीजन मिलती है और आपका मन शांत होता है। 5-10 गहरी सांसें लें और अपने आप को शांत करने का प्रयास करें।
थोड़ा ब्रेक लें
थोड़ा सा आराम हर मर्ज की दवा है। गुस्सा आए तो छोटा सा ब्रेक लें। अपनी सीट से उठें और कुछ कदम टहलें। इससे मन शांत होता है और विचारों में स्पष्टता आती है। कुछ देर विचार करने से गुस्सा खुद ही शांत हो जाता है।
सकारात्मक विचारों पर ध्यान दें
गुस्से के दौरान हमारे मन में बहुत सी नकारात्मक बातें आने लगती हैं। आप जितना सोचते हैं, नकारात्मकता उतनी ही हावी होती जाती है। इसलिए जब गुस्सा आए तो मन को सकारात्मक विचारों की ओर ले जाएं। कार्यस्थल और सहकर्मियों से जुड़ी अच्छी बातें सोचें। इससे गुस्सा शांत होता है।
गुस्से के कारणों को समझें
गुस्से का अक्सर कोई ट्रिगर पॉइंट होता है। जब भी गुस्सा आए, उसके कारणों को समझने की कोशिश करें। अगर किसी सहकर्मी के व्यवहार के कारण या काम के दबाव से ऐसा हो रहा है, तो उसका समाधान खोजने की कोशिश करें। कारण को दूर करना आपको भविष्य में भी गुस्से से बचा सकता है।
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बात करने से हल्का होता है मन
अपने गुस्से के बारे में किसी से बात करना भी मददगार हो सकता है। इससे बात दूसरा पहलू समझने में मदद मिलती है और गुस्सा शांत होता है। अकेले हों तो अपने विचारों को लिखना भी अच्छा और कारगर विकल्प है। इससे पूरी बात समझने में मदद मिलती है।
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व्यायाम और तनाव प्रबंधन
व्यायाम और तनाव प्रबंधन यानी स्ट्रेस मैनेजमेंट से भी गुस्से को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अध्ययन बताते हैं कि नियमित व्यायाम से शरीर में एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है, जिससे मूड अच्छा होता है। दूसरी ओर, स्ट्रेस मैनेजमेंट के तरीके जैसे ध्यान एवं योग भी गुस्से को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
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