तेजी से बढ़ रहा है नकली दवाओं का बिजनेस, इन टिप्स से मिनटों में करें असली और नकली की पहचान...मेडिकल वाला भी नहीं दे पाएगा धोखा

How Do I Know if My Medicine is Original or Duplicate: मेडिकल स्टोर से दवा खरीदते हुए क्या आपने कभी सोचा है कि ये दवाएं नकली भी हो सकती हैं? बाजार में नकली दवाएं खूब बिक रही हैं। आपको पैकेट देखकर अहसास ही नहीं होगा कि आपने नकली दवा खरीद ली है। ऐसे में आप कुछ आसान टिप्स से असली और नकली दवा के बीच फर्क पता कर सकते हैं। आइए जानें, असली और नकली दवा की पहचान कैसे करें? 
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-07-24, 17:02 IST
How Do I Know if My Medicine is Original or Duplicate

How to Identify Fake or Real Medicines: बीमार होने पर डॉक्टर सबसे पहले दवाओं से ही मरीज को ठीक करता है। दवा लेने के लिए आप भी कभी ना कभी मेडिकल स्टोर पर जरूर गए होंगे, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आप जो दवाएं खरीद रहे हैं, वो असली हैं या नकली। मेडिकल स्टोर से हम हमेशा आंख मूंदकर दवा खरीदते हैं क्योंकि हमे लगता है कि वहां तो सब सही ही मिलता है, पर ऐसा नहीं है।

साल 2024 में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की एक रिपोर्ट सामने आई थी। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पैरासिटामोल सहित 53 दवाओं के बाजार में सब-स्टैंडर्ड सॉल्ट बेचे जा रहे हैं। ऐसे में दवा की सही पहचान करने ही उसे खरीदना समझदारी होगी। आइए जानें, असली और नकली दवा में कैसे फर्क पता करें? कैसे चेक करें कि दवा ओरिजिनल है या डुप्लीकेट?

नकली दवा की पहचान कैसे करें?

How to identify fake medicine

  • असली और नकली दवाएं बहुत हद तक एक जैसी ही दिखती हैं। इनमें फर्क कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है। लेबलिंग और कुछ अन्य खामियों के जरिए आप असली और नकली दवा में फर्क पता कर सकते हैं।
  • कोई भी दवा खरीदने से पहले उसके यूनिक कोड की जांच करें। हर दवाई के पैकेट पर एक यूनिक कोड प्रिंट होता है। इस पर दवा के मैन्युफैक्चरिंग डेट, लोकेशन और सप्लाई चैन से जुड़ी सारी जानकारी मौजूद होती है।
  • क्यू आर कोड से दवाओं का फर्क किया जा सकता है। दरअसल, नकली दवा बनाने वाले असली पैकेट के डिजाइन को कॉपी कर लेते हैं, लेकिन वो उसके क्यू आर कोड को कॉपी नहीं कर सकते हैं। हर दवा के लिए एक अलग क्यू आर कोड होता है।
  • हर ₹100 से ऊपर की दवाई पर क्यू आर कोड लगाना जरूरी है। इससे असली दवा की पहचान की जा सकती है।
  • असली दवाओं पर क्यूआर कोड होता है। उसे स्कैन करते हुए उसकी सारी जानकारी आपको मिल सकती है। वहीं, नकली दवा पर अगर क्यूआर कोड है, तो उसे स्कैन करने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं आता।
  • दवा खरीदते हुए आपको उसकी सीलिंग और पैकेजिंग की भी अच्छे से जांच करनी चाहिए।
यह भी देखें-दवा असली है या नकली, इस तरह करें पहचान

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Image Credit:freepik

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