बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करना और दोस्ताना माहौल बनाए रखना पैरेंटिंग का एक अहम हिस्सा है। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखना एक बेहतरीन तरीका है, जिससे आप उनके साथ एक मजबूत बंधन बना सकते हैं। यह न केवल बच्चों को सुरक्षित और प्यार महसूस कराता है, बल्कि उनके विकास के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
बच्चे जब अपने माता-पिता को दोस्त समझते हैं, तो वे अपनी बातें खुलकर कह पाते हैं। इससे बच्चों को लगता है कि उनके माता-पिता उनकी बात सुनेंगे और उनकी भावनाओं को समझेंगे। दोस्ताना व्यवहार से माता-पिता और बच्चों के बीच एक मजबूत संबंध बनता है। इससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होता है। बच्चे आत्मविश्वास से भरे होते हैं और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करते हैं।
बच्चों को आदेश देने की बजाय उन्हें समझाएं कि क्यों कुछ चीजें करना जरूरी है। क्योंकि, बच्चों की अपनी राय होती है, उन्हें सुनें और उनकी राय का सम्मान करना चाहिए। बच्चों की तुलना दूसरों से न करें। बच्चों पर चिल्लाना या मारना उनके आत्मविश्वास को कम करता है।
बच्चों के साथ समय बिताएं, उनके साथ खेलें, बातचीत करें और उनकी एक्टिविटी में शामिल हों। जब बच्चे कुछ कहें, तो ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। बच्चों से सवाल पूछें, ताकि वे अपनी बातें खुलकर कह सकें। बच्चों की हर छोटी बड़ी उपलब्धियों की सराहना करें और उन्हें प्रोत्साहित करें। दोस्ती का मतलब यह नहीं है कि बच्चों को सब कुछ करने दें।
उन्हें सीमाएं निर्धारित करें और उन्हें समझाएं कि क्यों कुछ चीजें करना जरूरी है। बच्चों को वह व्यवहार सिखाएं जो आप उनसे देखना चाहते हैं। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करने के लिए आपको खुद में कुछ बदलाव लाने पड़ सकते हैं। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाए रखने के लिए धैर्य रखना बहुत जरूरी है।
इसे भी पढ़ें: Parenting Tips: बच्चों की परवरिश करते वक्त मैं लेती हूं इन टिप्स की मदद
बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखने से वे आपसे अपने मन की बातें खुलकर साझा कर सकते हैं। इससे बच्चे आपके करीब महसूस करते हैं और किसी भी समस्या या चिंता को बिना झिझक आपके सामने रख सकते हैं। अक्सर माता-पिता बच्चों की बातों को नजरअंदाज कर देते हैं या जल्दी-जल्दी जवाब देते हैं। यह एक बड़ी चूक है। बच्चों की बातों को ध्यान से सुनना और उनकी भावनाओं को समझना जरूरी है।
अनुशासन जरूरी है, लेकिन इसे सख्ती से नहीं बल्कि प्यार और समझदारी से सिखाएं। बच्चों को उनकी गलतियों का एहसास कराते समय उन्हें यह भी समझाएं कि आप उनसे प्यार करते हैं और यही कारण है कि आप उनकी भलाई के लिए ऐसा कर रहे हैं। बच्चों की तुलना दूसरों से करने से वे असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। हर बच्चा अनोखा होता है और उनके गुणों को पहचानना और सराहना करना जरूरी है। बच्चे अपने माता-पिता के व्यवहार को देखकर सीखते हैं। इसलिए, उन्हें अच्छे मूल्य सिखाने के लिए आपको खुद अच्छे आचरण का पालन करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: Parenting Tips: इस तरह प्यार से समझाएंगी तो आपका चंचल और शरारती बच्चा भी रहेगा खुश
बच्चों को उनके अच्छे व्यवहार, मेहनत और उपलब्धियों के लिए प्रोत्साहित करना और प्रशंसा करना चाहिए। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे आगे और बेहतर करने के लिए प्रेरित होते हैं। बच्चों को समय देना बेहद जरूरी है। उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करें और उनके साथ खेलें, पढ़ें, और बातचीत करें। इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा।
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
Image Credit- freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।