भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। यह राज्य पूरे देश के कुल 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का करीब 7.33 फीसदी हिस्सा है। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां की संस्कृति में यहां की परंपराएं, खान-पान और वेशभूषा के साथ-साथ यहां की भाषा का भी खास स्थान है। वैसे तो यूपी में अलग-अलग जिलों में अलग-अलग भाषा का चलन है। ऐसे में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक अलग-अलग भाषाएं लोगों की जुबान पर हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश में कुल कितनी भाषाएं बोली जाती हैं। यदि आप नहीं जानते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इस आर्टिकल में आज हम आपको उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली भाषाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि पहले उत्तर प्रदेश को उत्तर-पश्चिम प्रांत के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रांत हुआ और देश आजाद होने के बाद 24 जनवरी, 1950 को यह उत्तर प्रदेश हो गया। इस राज्य में कुल 6 भाषाएं बोली जाती है, जिनका विवरण नीचे है।
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उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में भोजपुरी भाषा का अधिक चलन है। यहां प्रमुख रूप से बलिया, देवरिया, मिर्जापुर, जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर जिलों में लोगों की जुबान पर भोजपुरी भाषा है।
उत्तर प्रदेश में अवधी भाषा एक बड़ी आबादी वाले एरिया में बोली है। इसमें मुख्य रूप से लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, प्रयागराज, गोंडा, सीतापुर, लखनऊ, उन्नाव, अयोध्या, रायबरेली और सुल्तानपुर जैसे जिलों में अवधी भाषा का चलन है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर, पीलीभीत, हरदोई, कासगंज, इटावा, कन्नौज और औरैया जिले में कन्नौजी भाषा बोली जाती है।
उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग में प्रमुख रूप से बुंदेली भाषा का चलन है। इसमें प्रमुख रूप से जालौन, बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, हाथरस, मैनपुरी, फिरोजाबाद और अलीगढ़ जैसे जिलों में ब्रज भाषा बोली जाती है।
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग का रुख करें, तो यहां हमें लोगों की जुबान पर खड़ी भाषा सुनने को मिलती है। इन प्रमुख जिलों में सहारनपुर, बिजनौर, बरेली, बदायूं, संभल, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, बागपत और बरेली जैसे जिले शामिल हैं।
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