Union Budget 2024: कहां से लिया गया 'बजट' शब्द, जानिए क्या है भारत के बजट का फ्रांस से कनेक्शन?

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण द्वारा पेश किया जाएगा। आइए आज हम आपको बताते हैं कि बजट शब्द कहां से आया है? 

History of briefcase Union Budget
History of briefcase Union Budget

आम बजट 2024 पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इसकी तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही है। आम इंसानों को भी बजट से कई उम्मीदें होती हैं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री सीतारमण 23 जुलाई को पेश करने वाली हैं।

हर साल केंद्र सरकार लोकसभा में बजट पेश करती है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि संविधान में बजट का कहीं भी जिक्र नहीं है। हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 112 में इसे वार्षिक 'वित्तीय विवरण' नाम दिया गया है। इस विवरण में सरकार पूरे साल का अनुमानित खर्च और होने वाली आय का ब्योरा पेश करती है, लेकिन क्या आपको पता है कि बजट शब्द आया कहां से है और फ्रांस से इसका क्या कनेक्शन है? अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं।

बजट का फ्रांस से क्या कनेक्शन है?

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बजट अंग्रेजी शब्द Budget से आया है, जिसका अर्थ किसी प्रशासन की वित्तीय स्थिति से होता है, लेकिन शब्द Budget फ्रेंच के Bougette शब्द से बना है। वहीं, Bougette शब्द Bouge से लिया गया है, जिसका मतलब होता है- चमड़े का ब्रीफकेस।

भारतीय बजट का इतिहास काफी पुराना है। साल 1857 की क्रांति के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत का प्रशासन ईस्ट इंडिया कंपनी से अपने हाथों में ले लिया था। इसके बाद, साल 1860 में भारत का पहला बजट पेश हुआ था। उस साल ब्रिटेन में बजट को चमड़े के ब्रीफकेस में लाने की परंपरा शुरू हुई थी। साल 1860 में ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन ने बजट के कागजों को लेदर बैग में लेकर पेश करने आए थे। इस बैग पर ब्रिटिश रानी का मोनोग्राम भी लगा हुआ था, जिसका नाम ग्लैडस्टन बॉक्स दिया गया। इसी तरह बजट पेश करने में ब्रीफकेस लाने की परंपरा शुरू हुई थी।

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निर्मला सीतारमण ने किए थे बदलाव

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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परंपरा से हटकर काम किया था। वह बजट को ब्रीफकेस की जगह लाल रंग के कपड़े में लपेटकर लाईं थी। इसपर तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यन ने उसे पश्चिमी मानसिकता की गुलामी से बाहर आने का प्रतीक बताया था। साथ ही, यह भी कहा कि इसे आप बजट नहीं, बल्कि बही-खाता का नाम दे सकते हैं।

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Image Credit- Herzindagi

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