IAS-IPS का तबादला कैसे होता है, जानें इससे जुड़े खास नियम?

IAS और IPS अधिकारी के तबादले के बारे में  के तबादलों की खबर सुनते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका प्रोसेस क्या होता है? चलिए आज जान लेते हैं।
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उनके काम में विविधता लाने के लिए किया जाता है, हालांकि यह काम एक नियमित प्रक्रिया के तहत होता है, इसके लिए खास नियम और दिशा-निर्देश भी हैं जिन्हें अधिकारियों, सरकार और प्रशासनिक संस्थाओं द्वारा फॉलो किया जाता है। तबादला न केवल काम का हिस्सा है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी भी है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आईपीएस और आईएस अधिकारी का तबादला कैसे होता है।

कैसे होता है IAS और IPS अधिकारी का तबादला?

Full form of IAS and IPS Responsibilities in hindi

IAS और IPS अधिकारियों का तबादला आमतौर पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। यह प्रक्रिया अधिकारियों के कार्य प्रदर्शन, उनकी कार्यक्षमता और प्रशासनिक जरूरतों के आधार पर होती है। विभागीय नियमों और दिशा-निर्देशों के तहत ही तबादला किया जाता है ताकि सरकारी कामकाजों में किसी तरह की परेशानी न आए। ऐसे में IAS और IPS अधिकारियों का तबादला आमतौर पर सेवा से जुड़े अलग-अलग नियमों के तहत होता है। इन नियमों में अधिकारी के कार्यकाल, उनके प्रदर्शन और उनके कार्यक्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखा जाता है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच एक सटीक संतुलन होना जरुरी है। हर राज्य और केंद्र में इस प्रोसेस को कंट्रोल करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति होती है जो अधिकारियों के तबादले के फैसले लेती है।

बता दें IAS और IPS अधिकारियों के तबादले के कई कारण हो सकते हैं, यदि किसी अधिकारी का काम अच्छा नहीं होता, तो उसे दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है। इसके अलावा अधिकारियों को अलग-अलग जगहों पर काम का अनुभव देने के लिए भी उनके तबादले किए जाते हैं। साथ ही कभी-कभी अधिकारियों को उनकी स्थानीय सेवा की स्थिति के अनुसार भी तैनात किया जाता है।

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केंद्र और राज्य सरकार की भी होती है भूमिका?

IAS rules and regulations

IAS और IPS अधिकारियों का तबादला राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, लेकिन इनमें कुछ अंतर होते हैं। IAS अधिकारी आमतौर पर केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर काम करते हैं, जबकि IPS अधिकारी ज्यादातर राज्य स्तर पर तैनात होते हैं। राज्य सरकारें स्थानीय प्रशासन की जरूरतों के अनुसार अधिकारियों के तबादले करती हैं, जबकि केंद्र सरकार की कुछ हस्तक्षेप केंद्र सरकार के अधिकारियों के तबादले में ज्यादा होता है।

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IAS और IPS अधिकारियों के तबादला प्रक्रिया पर कभी-कभी न्यायिक निगरानी भी होती है, खासकर जब ये प्रक्रिया विवादों से भरी हुई हो या अधिकारी को लगता है कि उसका तबादला ठीक नहीं है। अगर कोई अधिकारी अपने तबादले को गलत मानता है, तो वह अदालत से इसके संबंधित फैसला ले सकता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह प्रोसेस कानून के अनुसार ही होता है।

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Image credit- Freepik


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