
क्या आप पहचान पाए इस पेड़ को? यह है हेजलनट का पेड़। आपने भले ही हेजलनट फ्लेवर कॉफी पी हो, भले ही आइसक्रीम देखी हो या फिर इसके फ्लेवर वाला कोई और फूड प्रोडक्ट ट्राई किया हो, इसका फ्लेवर आप अलग से ही पहचान जाएंगे। हेजलनट का पेड़ वैसे तो 15 से 20 साल में अपनी पूरी क्षमता में फल देता है, लेकिन जब से यह 5 साल की उम्र का होता है इसमें सालाना 2 से 2.5 किलो फल मिलने लगते हैं। हेजलनट का पौधा कैसा होता है, क्या इसे गार्डन में लगाया जा सकता है, कब इसके फल हार्वेस्ट किए जाते हैं उसके बारे में जानकारी हम आज आपको देते हैं।
हेजलनट का पौधा बहुत ही यूनिक होता है और इसे उगाने के लिए आपको ठंडे माहौल की जरूरत होती है। इसलिए भारत में खेती हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड आदि में होती है।
भारत में हेजलनट की अधिकतर पैदावार हिमाचल प्रदेश में होती है और यहां इसे थंगी कहा जाता है। आपको यह थंगी और फिंडक या बिंडक नाम से मिल जाएगा। हेजलनट का तेल भी प्रसिद्ध है जिसे लोकल थंगी तेल के नाम से खरीदा जा सकता है।
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हेजलनट का स्वाद अखरोट जैसा ही होगा है, लेकिन इसमें थोड़ी मिठास होती है। इसका फ्लेवर भी थोड़ा मीठा होता है इसलिए कॉफी और चॉकलेट आदि में इसके फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है।

इसे बेकिंग के अलावा, ब्रेकफास्ट सीरियल्स में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका तेल सलाद ड्रेसिंग आदि के लिए यूज होता है। कुकिंग के लिए भी कुछ लोग इसका तेल अच्छा मानते हैं।
वैसे तो यह बहुत ज्यादा गर्म और बहुत ज्यादा गीली जगहों पर नहीं उग सकते, लेकिन भारत के पहाड़ी इलाके और ऐसी जगहें जहां तापमान एवरेज रहता है, उनके लिए ये परफेक्ट हैं। हेजलनट उगाने के लिए मिट्टी का pH लेवल 5.5 से लेकर 7.5 तक चाहिए। सही फल 7 pH लेवल में उगता है।
मिट्टी सही ड्रेन हो ऐसी ही चाहिए। अगर मिट्टी में पानी जमा रहता है, तो इसका पेड़ खराब हो जाएगा। पहाड़ी इलाकों और ठंडी जगहों में इसे उगाने के बाद इसमें बहुत ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं होती है।
शुरुआती एक दो साल में इसमें फल नहीं आते, लेकिन उसके बाद इसमें धीरे-धीरे फल लगने लगते हैं। 5 साल का पौधा हो जाए तब इसमें कई सारे फल आते हैं। फल पहले फूल के रूप में होते हैं और वह फिर सख्त होकर बीज जैसा रूप ले लेते हैं। इस दौरान वह हरे होते हैं और जैसे ही वह हरे से भूरे होने लगते हैं, उन्हें हार्वेस्ट कर लिया जाता है।

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अगर बहुत बड़ा गमला हो, तब तो ठीक है, लेकिन छोटे गमले के लिए यह नहीं है। इसे जमीन पर उगाना ही जरूरी है। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि हेजलनट का पौधा बहुत गहरी जड़ रखता है इसलिए गमला इतना बड़ा हो कि यह पूरा पेड़ बन जाए, तो भी दिक्कत ना हो। वैसे तो जमीन में इसे गाड़ना ही अच्छा होता है।

इसे बीज से भी उगाया जा सकता है और अगर आपको कहीं पौधा मिल रहा है, तो उसे भी गाड़ा जा सकता है। इसे गाड़ने के बाद मिट्टी को अच्छे से दबा दें ताकि एयर बबल्स ना बन पाएं।
अगर आप हेजलनट उगाने का सोच रही हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें। इन पौधों को बहुत ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होती है और उनके साथ आपको बस यही ध्यान रखना है कि बहुत गर्मी और मिट्टी बहुत ज्यादा गीली ना हो।
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Image Credit: Indiamart/ Amazon/ NurseryLive
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