Room Cooling Tips Without AC And Cooler: गर्मी का मौसम आते ही हम सभी ने पैक रखें कूलर और एसी की सर्विस कराकर इनका इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। आज के समय इनके बिना घर में सोना तो दूर बैठना और लेटना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आपके दिमाग में कभी यह प्रश्न आया कि जब मार्केट में ये चीजें दूर-दूर तक नहीं थी। उस दौरान हमारे पूर्वज अपने घरों को कैसे ठंडा रखते थे। यकीनन यह प्रश्न हमें यह सोचने पर मजबूर कर सकता है आखिर ऐसा कैसे। केवल हाथ वाले पंखे के सहारे वह पूरी गर्मी बिता देते हैं। लेकिन अब तक एक मिनट के लिए अगर लाइट कट जाए, तो कमरे में रहना मुश्किल हो जाता है।
बता दें कि बिना एसी और कूलर के भी आप घर को ठंडा रखना कोई बड़ी बात नहीं है। इसके लिए बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सदियों पहले ऐसे कई देसी नुस्खे अपनाएं जाते हैं, जिसकी मदद से घरों को ठंडा रखा जाता था। ये हैक्स न केवल उस दौर में बल्कि आज के समय में भी कारगर साबित हो सकते हैं। साथ ही आप इन तरीकों से अपने घर का बिजली का बिल भी बचा सकती हैं।
इस लेख में आज हम आपको उन्हीं पुराने तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप घर को कूल-कूल रख सकती हैं।
घर बनवाते समय लोग आने वाले समय को देखते हुए बदलाव या डिजाइन करवाते हैं। पहले के समय लोग अपने घरों को बनाते समय मिट्टी, पत्थर और चूना का इस्तेमाल करते थे। मिट्टी से बनी मोटी दीवारें सूरज की सीधी किरणों को घर के अंदर से रोकने का काम करती है। साथ ही चूना नेचुरल कूलिंग एजेंट का काम करता है। ये दोनों चीजें दिन में गर्मी को अंदर आने से रोकती थी। रात में अंदर की ठंडक को बाहर नहीं निकलने देती थीं, जिससे घर ठंडा रहता था। अगर आप नया घर बनवा रहे हैं, तो दीवारों की मोटाई पर खास ध्यान रखें। वर्तमान में लोग मिट्टी के बजाय ईंटों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आप दीवारों को इंसुलेट करवा सकते हैं।
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पुराने घरों में छतें बहुत ऊंची बनाई जाती थीं। गर्म हवा हमेशा ऊपर की ओर उठती है, इसलिए ऊंची छतें गर्म हवा को ऊपर जमा होने देती थीं, जिससे नीचे रहने वाले लोगों को ठंडक महसूस होती थी। अगर संभव हो तो अपने घर की छतों को ऊंचा बनवाएं। साथ ही वेंटिलेशन के लिए छत के करीब खिड़कियां बनवाएं, जिससे गर्म हवा बाहर निकल सके।
पहले के लोग खिड़कियों और दरवाजों पर खस की चटाई या परदे लगाते थे। इन पर समय-समय पर पानी छिड़का जाता था। जब गर्म हवा इन नम खस परदों से होकर गुजरती थी तो पानी के वाष्पीकरण से हवा ठंडी हो जाती थी। आप अपनी बालकनी या खिड़कियों में बांस के पर्दे या खस की चटाई लगने के साथ पानी का छिड़काव करें।
पहले के समय लोग रंग-बिरंगे कलर की जगह घरों की बाहरी दीवारों को सफेद रंग से रंगा जाता था। सफेद रंग सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्ट करता है, जो दीवार को गर्म होने से रोकती है। साथ ही घर के अंदर का तापमान कम रहता है। ऐसे में आप अपनी छत और बाहरी दीवारों पर हल्के रंग की पुताई करके घर को ठंडा रख सकती हैं।
पहले समय लोग अपने घर के आस-पास पेड़-पौधे लगा कर रखते थे। ऐसे में पेड़ सीधे धूप को घर पर पड़ने से रोकते थे। साथ बेल वाले प्लांट दीवारों पर छांव का काम करती थीं, जिससे दीवारें गर्म नहीं होती थीं। अब ऐसे में आप अपने घर के आस-पास पेड़-पौधे लगा सकते हैं।
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