What is 777 rule of parenting: आजकल के माता-पिता अपने बच्चों को फूलों की तरह रखते हैं। यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि, बच्चों की परवरिश में हमेशा स्ट्रिक्ट रहना और डांटते रहना उनकी मानसिकता पर नेगेटिव असर डाल सकता है। लेकिन, जिस तरह एक मटके को शेप देने के लिए कुम्हार कभी हाथ से थपथपाता है तो कभी उसे सहलाता है उसी तरह बच्चों की परवरिश भी होती है। जी हां, बच्चों को हर छोटी-छोटी बातों पर पुचकारना, उनकी जिद मानते जाना और उन्हें हर मुश्किल से बचा लेना यह एक समय पर सही लगता है। मगर, यह सब चीजें लंबे समय में जाकर बच्चे की मानसिकता बन जाती हैं और उन्हें भावनात्मक रूप से कमजोर बना देती हैं।
बच्चों को प्यार और सेफ्टी देना बहुत जरूरी है, इस बात में कोई दो राय नहीं है। लेकिन, उतना ही जरूरी है कि बच्चों को लाइफ का रिएलिटी चेक भी दिया जाए। अगर आप बात-बात पर बच्चों को पुचकारती रहती हैं, शाबाशी देती रहती हैं और तारीफों के पुल बांधती रहती हैं तो ऐसे में बच्चे की मानसिकता इस तरह बन सकती है कि उसे कुछ बड़ा या खास करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, उसे ऐसे ही सबकुछ मिल रहा है। यह बच्चे के लिए पूरी तरह से गलत हो सकता है।
आइए, यहां जानते हैं कि आप किस तरह से अपने बच्चों को भविष्य की सिचुएशन्स के लिए मजबूत बना सकती हैं और पैरेंटिंग में 777 रूल कैसे अपना सकती हैं।
किन तरीकों से अपने बच्चों को मजबूत बना सकती हैं?
- बार-बार पुचकारने, तारीफ करने और शाबाशी देते रहने की जगह उसे जीवन का रिएलिटी चेक दें। अगर बच्चा चलते-चलते गिर गया है और रोने लगा है तो उसे पहले चुप कराएं। फिर साथ ही समझाएं कि इस तरह जीवन में कई बार गिरते हैं और चोट लगती है लेकिन, रोना और कमजोर नहीं पड़ना है।
- बच्चों की हर इच्छा और जिद को पूरा न करें। अगर बच्चा किसी गैजेट या महंगी चीज की डिमांड करता है तो उसे पाने के लिए मेहनत करने के लिए कहें। आप चाहे उसे एग्जाम में अच्छे नंबर लाने के लिए कह सकती हैं या फिर घर में काम कर ईनाम पाने के लिए भी समझा सकती हैं।
इसे भी पढ़ें: 15-16 साल के बच्चों को संभालना नहीं है आसान, इन 5 तरीकों से हैंडल करें टीनएजर्स की मनमानी
- बच्चा की हर मुश्किल में ढाल बनकर न खड़े हो जाएं। स्कूल या दोस्तों की समस्या पर उसे खुद सोचने, समझने और हल ढूंढने के लिए कहें। चाहें तो उसकी थोड़ी मदद कर सकती हैं, लेकिन समस्या उसी से सुलझवाएं।
- बच्चों में इमोशनल इंटेलिजेंस बढ़ाने की कोशिश करें। बच्चे को समझाएं की इमोशनल होना या अलग-अलग फीलिंग्स आओना सामान्य है। लेकिन, उनका मैनेजमेंट सबसे ज्यादा जरूरी है।
क्या है पैरेंटिंग का 777 रूल? कैसे इसे अपनाएं?
बच्चों को फ्यूचर के लिए तैयार करने में 777 रूल भी आपकी मदद कर सकता है। इस रूल के मुताबिक, माता पिता को रोजाना अपने बच्चे के साथ सुबह, शाम और रात जरूर से जरूर 7-7-7 मिनट बिताने चाहिए। इस रूल को अपनाने से बच्चे के साथ माता-पिता का बॉन्ड मजबूत होता है और साथ ही वह बच्चों के विकास में अपना रोल निभा सकते हैं।
777 रूल के मुताबिक, हर माता-पिता को सुबह उठने के बाद कम से कम 7 मिनट बिताएं। इस समय आज स्कूल में क्या होने वाला है और क्या उसने पूरी तैयारी कर ली जैसी चीजों पर बात करें।
इसे भी पढ़ें: 15-16 साल का हो जाए बेटा जो जरूर सिखाएं ये बातें, आगे चलकर नहीं होगी परेशानी
शाम के समय भी 7 मिनट निकालें और बच्चे के साथ बात करें कि पूरे दिन में क्या हुआ और उसकी सभी बातें सुनें। अगर कोई समस्या है तो उसका हल सुझाएं और बच्चे को उसपर काम करने के लिए मोटिवेट करें।
रात के समय भी 7 मिनट बच्चे के साथ बिताएं। इस समय उनके साथ प्यार भरी बातें करें। कहानियां सुनाएं और उनके मन की बात भी सुनें। यह बच्चों को एक्सप्रेसिव बनाता है और साथ ही भविष्य के लिए भी तैयार करता है।
हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंटबॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik and Herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों