आंवला, अपने औषधीय गुणों और खट्टे-मीठे स्वाद के लिए खूब पसंद किया जाता है। विटामिन सी से भरपूर यह फल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ इसकी खेती भी काफी आसान है, खासकर यदि सही देखभाल की जाए। बहुत से लोग अपने घर के बगीचे या गमलों में आंवले का पौधा लगाते हैं, लेकिन अक्सर अच्छी पैदावार को लेकर परेशान रहते हैं। अगर आप भी अपने आंवले के पौधे से ढेर सारे फल पाना चाहते हैं, तो यह सही समय है। बरसात का मौसम आंवले के पौधे के लिए महत्वपूर्ण होता है और इस दौरान की गई सही खाद और देखभाल से आपके पेड़ फलों से लद सकते हैं। इस लेख में हम आपको बरसात से ठीक पहले आंवले के पौधे में खाद डालने का एक ऐसा खास तरीका बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप अपने पौधे से टोकरी भर आंवला पा सकते हैं। तो चलिए इस आसान और कारगर नुस्खे के बारे में जानते हैं, जो आपके आंवले के पौधे को फलदार बना सकता है।
बरसात से पहले आंवले के पौधे में खाद डालने के फायदे
आंवले के पौधे को पोषक तत्वों की अच्छी खुराक की आवश्यकता होती है, खासकर जब वह फल देना शुरू करता है। बरसात से ठीक पहले खाद डालने से पौधे को मानसून के दौरान तेजी से विकास करने और स्वस्थ फल पैदा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। बारिश का पानी खाद को मिट्टी में गहराई तक पहुंचाने में मदद करता है, जिससे जड़ें पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर पाती हैं। यह फूलों और फलों के बेहतर विकास को बढ़ावा देता है।
सही खाद का चुनाव करना है जरूरी
- आंवले के पौधे के लिए जैविक खाद सबसे उत्तम मानी जाती है, क्योंकि यह मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखती है और पौधे को धीरे-धीरे पोषक तत्व प्रदान करती है।
- गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद- यह सबसे अच्छी जैविक खाद है। यह मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करती है।
- नीम की खली- यह खाद का काम करने के साथ-साथ मिट्टी को कीटों और बीमारियों से भी बचाती है।
- हड्डी का चूरा- यदि उपलब्ध हो, तो यह फास्फोरस का एक उत्कृष्ट स्रोत है जो फूलों और फलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- सरसों की खली- यह भी नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है।
खाद डालने का सही तरीका
- बरसात से ठीक पहले, यानी जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में जब मानसून शुरू होने वाला हो, तो इन चरणों का पालन करके आप आंवले के पौधे में खाद डाल सकते हैं।
- सबसे पहले, पौधे के तने से लगभग 1-2 फीट की दूरी पर (पौधे के आकार के अनुसार) एक गोलाकार घेरा बना लें।
- इस घेरे के भीतर की मिट्टी को हल्के हाथ से गुड़ाई करें। बहुत गहरी गुड़ाई न करें ताकि जड़ों को नुकसान न पहुंचे। मिट्टी को ढीला करने से खाद बेहतर तरीके से मिट्टी में मिल पाएगी।
- एक आंवले के मध्यम आकार के पेड़ के लिए, आप लगभग 5-10 किलो अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद ले सकते हैं।
- इसमें लगभग 200-300 ग्राम नीम की खली और 100-150 ग्राम हड्डी का चूरा मिला लें।
- अगर आप रासायनिक खाद का उपयोग करना चाहते हैं, तो 100-150 ग्राम NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) 19:19:19 या 20:20:20 का मिश्रण ले सकते हैं। लेकिन जैविक खाद को प्राथमिकता दें।
आंवला के पौधे में खाद कैसे डालें?
- तैयार किए गए मिश्रण को पौधे के तने से थोड़ी दूरी पर बने घेरे में समान रूप से फैला दें। सीधे तने पर खाद न डालें।
- खाद डालने के बाद, इसे हल्की मिट्टी की परत से ढक दें।
- खाद डालने के तुरंत बाद अच्छी तरह से पानी दें। यदि बारिश नहीं हो रही है, तो पानी देना बहुत जरूरी है ताकि पोषक तत्व मिट्टी में घुल सकें और जड़ों तक पहुंच सकें।
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