होली का नाम सुनते ही मन में रंग, गुलाल, और मिठाइयों की छवि दिखने लग जाती है। लेकिन भारत में, हर त्योहार का अपना एक अनोखा रंग और महत्व होता है। ब्रज में होली 1 महीने तक अलग-अलग तरह से मनाई जाती है और वहीं पंजाब में इसी होली को "होला मोहल्ला" के नाम से जाना जाता है। होला मोहल्ला का त्योहार होली से बेहद अलग होता है। यह त्योहार सिख समुदायों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आपको बता दें, होला मोहल्ला सिखों की आत्मरक्षा, बहादुरी और उनकी विरासत का प्रतीक है। होला मोहल्ला का त्योहार हर साल पंजब के आनंदपुर साहिब में बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है। अब ऐसे में इस साल होला मोहल्ला का त्योहार कब मनाया जाएगा। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
होला मोहल्ला का त्योहार कब मनाया जाएगा?
होला मोहल्ला सिखों का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार होली के अगले दिन मनाया जाता है। होला मोहल्ला को 'सिख ओलंपिक' के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार में सिख समुदाय के लोग मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हैं, जिसमें गतका, तलवारबाजी, घुड़सवारी और कुश्ती जैसे खेल शामिल होते हैं। होला मोहल्ला का त्योहार 14 मार्च से 16 मार्च तक मनाया जाएगा। यह त्योहार तीन दिनों तक चलता है। होला मोहल्ला का मुख्य आयोजन पंजाब के आनंदपुर साहिब में होता है। इस त्योहार में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
होला मोहल्ला त्योहार का इतिहास क्या है?
होला मोहल्ला की शुरुआत सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी। उन्होंने 1701 में आनंदपुर साहिब में पहली बार होला मोहल्ला का आयोजन किया था। गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए इस त्योहार की शुरुआत की थी।
तीन दिवसीय होला मोहल्ला त्योहार में क्या होता है?
होला मोहल्ला सिखों का एक प्रमुख त्योहार है जो होली के अगले दिन मनाया जाता है। यह त्योहार पंजाब के आनंदपुर साहिब में तीन दिनों तक मनाया जाता है। होला मोहल्ला में सिख समुदाय के लोग तलवारबाजी, घुड़सवारी और अन्य मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हैं। इस दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। गुरुद्वारों में सुबह की प्रार्थना के साथ कीर्तन और फिर भव्य जुलूस का आयोजन किया जाता है। सिखों की ओर से मार्शल आर्ट गतका का प्रदर्शन किया जाता है। आनंदपुर साहिब में इस दौरान विशाल मेला भी लगता है।
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होला मोहल्ला त्योहार का महत्व क्या है?
यह त्योहार सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य सिख समुदाय को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाना था। होला मोहल्ला सिख संस्कृति और परंपराओं का एक जीवंत प्रदर्शन है। इस दिन, कीर्तन, लंगर और अन्य धार्मिक आयोजन की जाती हैं। आनंदपुर साहिब में बहुत बड़ा मेला लगता है।
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Image Credit- HerZindagi
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