दिवाली का पर्व हमारे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाई जाती है। यह तो आप जानते ही होंगे की दिवाली के अगले दिन पर गोवर्धन पूजा मनाई जाती है लेकिन आखिर क्यों दिवाली के अगले दिन पर यह पूजा की जाती है इसके बारे में हम आपको बताएंगे।
क्या है दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा मनाने का कारण?
दिवाली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा को विधि-विधान के साथ किया जाता है। आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व भी कहते हैं। इस दिन पर श्रीकृष्ण भगवान की पूजा की जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान इंद्र जी ने ब्रज गांव में बहुत तेज बारिश शुरू कर दी थी जिस कारण से बाढ़ आ गई और जब श्रीकृष्ण भगवान ने यह देखा तो उन्होंने सभी की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था।
कई दिनों बाद जब बारिश नहीं रूकी तो भगवान इंद्र ने स्वयं श्री कृष्ण से माफी मांगी और बारिश को रोक दिया। इससे श्री कृष्ण ने भगवान इंद्र के घमंड को चूर कर दिया और तभी से ब्रजवासियों ने श्रीकृष्ण भगवान की पूजा करना शुरू कर दी जिसे गोवर्धन पूजा कहते हैं। इसके बाद से धीरे-धीरे यह पर्व देश के कई राज्यों में मनाया जाने लगा।
माना जाता है कि दिवाली के अगले दिन यह पूजा करने का विशेष महत्व होता है और इस पूजा को करने से भगवान कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। साथ ही आर्थिक रूप में सक्षम बनने के लिए दिवाली पर्व के दिनों को बहुत शुभ भी माना जाता है। इन सभी कारणों की वजह से दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाने का महत्व बहुत अधिक होता है।
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कैसे करते हैं गोवर्धन पूजा?
हिंदू धर्म के अनुसार दिवाली के अगले दिन यह पर्व मनाना महत्वपूर्ण माना जाता है। आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है और उन्हें 56 भोग लगाए जाते हैं जिसे अन्नकूट कहते हैं।
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साथ ही श्रीकृष्ण भगवान की पूजा को भी विधि-विधान के साथ किया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण बनाए जाते हैं। इसके बाद उसकी पूजा की जाती है।
तो यह थी गोवर्धन पूजा से जुड़ी हुई जानकारी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
image credit- flickr
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