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किन 5 कारणों के चलते पत्नियों को पति से नहीं मिलेगी Alimony? जानें एक्सपर्ट से

क्या आपको पता है कि ऐसी कौन-सी परिस्थिति या मामले होते हैं, जिनमें पत्नियों को पति से गुजारा भत्ता नहीं मिलता है? अगर नहीं, तो आज का हमारा लेख आपके लिए है। जानते हैं इसके बारे में... 
Editorial
Updated:- 2025-09-08, 16:20 IST

पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास और निष्ठा दोनों होने बेहद जरूरी हैं। ऐसे में यदि कोई एक भी इस विश्वास को तोड़ दे तो उनका रिश्ता भी टूट जाता है। जब पत्नियां अपने पति का विश्वास तोड़ती हैं और परिस्थिति डिवोर्स तक पहुंच जाती है तो उस वक्त अदालत भी पत्नियों की मदद नहीं करती। जी हां, हाल ही में दिल्ली की फैमिली कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया, जिससे यह साफ हो गया कि यदि कोई पत्नी शादीशुदा पुरुष के साथ संबंध रखती है तो उसे पति से गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि विवाह संस्था में विश्वासघात के लिए कोई भी जगह नहीं है। इसके अलावा कई ऐसी स्थिति या मामले होते हैं, जिनमें पत्नियों को गुजारा भत्ता नहीं मिलता। ऐसे में जानते हैं, सांखला एंड एसोसिएट्स के डॉ. कपिल सांखला (Dr. Kapil Sankhla) से... 

पत्तियों को कब-कब नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता?

बता दें, व्यभिचार या अनैतिक आचरण- Adultery or Immoral Conduct धारा 125(4) CrPC के तहत जो महिलाएं अनैतिक आचरण (काम, क्रोध, लोभ, मोह या ईर्ष्या जैसे विकार) में शामिल होती हैं, उन्हें गुजारा भत्ता नहीं मिलता है। हालांकि, इसके लिए कोर्ट में स्पष्ट प्रमाण देने जरूरी हैं। कोर्ट संदेह पर काम नहीं करती है।

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  • अगर कोई पत्नी अपने पति को बिना किसी कारण के छोड़ती है या कोई वजह नहीं बताती है तब भी वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है। ऐसे में पति को छोड़ने की एक बुनियादी वजह बतानी जरूरी है।
  • पुनर्विवाह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 25(3) के अनुसार, तलाक के बाद यदि पत्नी का दोबारा विवाह होता है तो उसका गुजारा भत्ता रद्द किया जा सकता है। यानी गुजारा भत्ता केवल तब तक दिया जाएगा तब तक पत्नी सिंगल है।

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  • अगर कोई पत्नी पर्याप्त रूप से कमा रही है या उसके पास अपनी खुद की संपत्ति है तो उसके द्वारा किया गया दावा कम किया जा सकता है या उसे अस्वीकार भी कर सकते हैं। हालांकि, गुजारा भत्ता उसे दिया जाता है, जिससे दीनता से बचाया जा सके। 
  • यदि पत्नी पढ़ी लिखी है और बेरोजगार है, लेकिन वह जानबूझकर जॉब नहीं करती है या उत्पीड़न के लिए कार्यवाही का दुरुपयोग करती है तब भी उसे गुजारा भत्ते से वंचित रखा जा सकता है। इससे अलग तो न्यायालय गुजारा भत्ते को कम कर सकते हैं या अस्वीकार कर सकते हैं।

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नोट - यहां दिए गए प्वॉइंट्स एक्सपर्ट द्वारा बताए गए हैं। हालांकि परिस्थिति के अनुसार, कोर्ट फैसले सुनाती है। ऐसे में यहां दिए गए बिंदु भी परिस्थिति पर निर्भर करते हैं।

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