Sensex History: 1 रुपये से शुरू हुई थी सेंसेक्स की कहानी, जानिए किसने रखा नाम और क्यों आता है इसमें उतार-चढ़ाव

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने एक बार फिर वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल मचा दी है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी साफ नजर आया। सोमवार, 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। इस बीच एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है सेंसेक्स का इतिहास क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?  
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अब चाहे आप खुद शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हों या बस रोज टीवी पर सेंसेक्स गिरा, निफ्टी चढ़ा जैसी खबरें सुनते हों, आपने इसका नाम जरूर सुना होगा। भारत का शेयर बाजार आज दुनिया की टॉप 5 शेयर बाजारों में गिना जाता है। साथ ही, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार भी माना जाता है, जिसकी शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। इंडियन शेयर मार्केट में दो मुख्य सूचकांक हैं- सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty)। दोनों का अपना-अपना महत्व है, लेकिन आज बात हम सेंसेक्स की करेंगे।

आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि सेंसेक्स क्या होता है, इसका शुरुआत कैसे हुई थी और इसमें उतार-चढ़ाव कैसे आता है?

सेंसेक्स क्या है?(What Is Sensex)

भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख Stock Market Index है। इसका पूरा नाम है Sensitive Index, जिसे शॉर्ट में Sensex कहा जाता है। आज सेंसेक्स भारतीय शेयर बाजार की पहचान बन चुका है। आज सेंसेंक्स में 5000 से अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं, लेकिन इसकी असली पहचान टॉप 30 कंपनियों से बनती है, जो इंडियन इकोनॉमी की धड़कन मानी जाती हैं।

कैसे हुई थी शेयर मार्केट की शुरुआत?(How Did Share Market Start)

Sensex fluctuations reason

कहते हैं कि 1850 के दशक में मुंबई के चर्चगेट इलाके में हार्निमन सर्कल के पास एक बरगद के पेड़ के नीचे कुछ व्यापारी शेयर खरीद-बेच किया करते थे।शुरुआत में चार गुजराती और एक पारसी दलाल कारोबारियों के साथ सौदे करते थे। जैसे-जैसे व्यापार बढ़ा, एक अनौपचारिक बाजार खड़ा हो गया।

1855 में जब दलालों की संख्या बढ़ी, तब एक छोटा ऑफिस खरीदा गया और यही आगे चलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) बना। समय के साथ, सभी दलाल मेडोज स्ट्रीट और एमजी रोड पर मिलने लगे और यही जगह आज दलाल स्ट्रीट के नाम से जानी जाती है।

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BSE शुरुआत कब हुई?(When Did BSE Officially Start)

1975 में 'The Native Share and Stock Brokers’ Association' की स्थापना हुई, जिसे BSE की औपचारिक शुरुआत माना जाता है। तब सिर्फ 1 रुपये की मेंबरशिप फीस लेकर 318 सदस्यों के साथ इसकी नींव रखी गई थी।

सेंसेक्स की शुरुआत कब और कैसे हुई?(Fascinating History Of Sensex)

BSE की स्थापना का श्रेय अक्सर प्रेमचंद रायचंद जैन को दिया जाता है, जिन्हें उस समय बॉम्बे का कॉटन किंग कहा जाता था। भारत सरकार ने 1957 में BSE को Securities Contracts Regulation Act के तहत आधिकारिक मान्यता दी। वहीं, सेंसेक्स यानी Sensitive Index की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को हुई थी। इसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स माना जाता है। सेंसेक्स का उद्देश्य मार्केट में लिस्टेड मुख्य कंपनियों के शेयर की कीमतो में उतार-चढ़ाव को दर्शाना है।

सेंसेक्स नाम किसने दिया?(Who Named Sensex)

1989 में मशहूर मार्केट एनालिस्ट दीपक मोहोनी ने इस इंडेक्स को Sensex नाम दिया।

यह नाम Sensitive और Index शब्दों से मिलकर बना है। सेंसेक्स BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों की परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है। ये कंपनियां भारत की स्टेबल इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करती हैं। सेंसेक्स में शामिल होने वाली टॉप 30 कंपनियां का सेलेक्शन एक स्पेशल कमिटी द्वारा किया जाता है, जिसे स्टॉक एक्सचेंज की इंडेक्स कमेटी करते हैं। इस कमेटी में सरकारी रिप्रेजेंटेटिव, बैंकिंग सेक्टर के प्रोफेशनल्स और इकोनॉमिस्ट शामिल होते हैं।

सेंसेक्स पूरे दिन के कारोबार में इन कंपनियों के शेयर की एक्टिविटीज पर नजर रखता है और दिन के आखिर में उनका एक औसत मूल्य दर्शाता है। इससे इन्वेस्टर्स को यह अंदाजा लगाने में मदद मिल जाती है कि शेयर मार्केट ऊपर गया या नीचे।

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सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव कैसे होता है?

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  • सेंसेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव BSE की टॉप 30 सबसे बड़ी और मजबूत कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। जब इन कंपनियों के शेयर की कीमतों में बदलाव आता है, तो इसका सीधा असर सेंसेक्स पर पड़ता है।
  • सेंसेक्स की कंपनियां TCS, Reliance या Infosys जैसी होती है, जब ये ज्यादा मुनाफा कमाती हैं या कोई बड़ी डील करती है, तो उनके शेयर चढ़ जाते हैं। इससे सेंसेक्स ऊपर जाता है। वहीं, अगर किसी कंपनी को घाटा होता है या परफॉर्म खराब होती है, तो शेयर गिरते हैं। इससे सेंसेक्स गिर जाता है।
  • सरकार जब टैक्स, इन्वेस्टमेंट या किसी सेक्टर से जुड़ी नई नीतियों की घोषणा करती हैं, तो इसका असर शेयर मार्केट पर पड़ता है।
  • शेयर मार्केट केवल देश के हालात पर ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल माहौल से भी प्रभावित होता है।
  • जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरें घटाता है, तो बैंकों से कर्ज लेना सस्ता हो जाता है। इससे कंपनियां और आम लोग ज्यादा खर्च करते हैं और बाजार में पैसा बढ़ता है, जिसकी वजह से सेंसेक्स चढ़ता है। वहीं, जब ब्याज दरें बढ़ा दी जाती हैं, तो इन्वेस्टमेंट घटता है और सेंसेक्स में गिरावट आती है।

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Image Credit - freepik, jagran

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FAQ

  • सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?

    सेंसेक्स को Bombay Stock Exchange द्वारा तैयार किया गया है। यह BSE के टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है, जबकि निफ्टी को National Stock Exchange द्वारा तैयार किया गया है। यह NSE की टॉप 50 कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।