क्या आप उदास या बोर होने पर करती हैं AI से बातचीत? जानिए कितना खतरनाक हो सकता है यह

आज के समय चैट जीपीटी और एआई का इस्तेमाल एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है। इसके बिना कोई भी काम कर पाना मुश्किल है। अब ऐसे में कई बार लोग बोर होने पर एआई से बातचीत करने लग जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी यह आदत आपके लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकता है।
do you talk to ai when you are feeling bored or sad know how dangerous this can be

भागदौड़ भरी जिंदगी में पहले जहां टेक्नोलॉजी ने लोगों का हाथ थामा। वहीं बदलते दौर में अब टेक्नोलॉजी के साथ एआई ने लोगों का हाथ थाम लिया है। अब ऐसे में वर्तमान में लोग होम डेकोरेशन से लेकर स्कूल के नोट्स और ऑफिशियल मेल्स भेजने के लिए एआई की मदद लेते हैं। अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी जिंदगी का एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है। स्मार्टफोन, स्मार्ट होम डिवाइस और अब AI चैटबॉट्स ये सब हमारे आस-पास मौजूद हैं। साथ ही हमारी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कई बार अकेले या बोर होने पर एआई चैटबाट्स से बात करना शुरू कर देते हैं। एक मैसेज करते ही तुरंत रिप्लाई आना शुरू हो जाता है। एआई लोगों के ऐसे दोस्त बन जाते हैं, जो उन्हें जज नहीं करते और किसी भी विषय पर बात करने को तैयार रहते हैं। ऐसा लगता है जैसे हमें एक ऐसा दोस्त मिल गया है जो कभी थकता नहीं, हमेशा सुनता है और कभी शिकायत नहीं करता।

अगर आप भी परेशान या बोर होने पर एआई की मदद लेते हैं, तो बता दें कि यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह आपके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है।

लोगों से दूरी

AI Chatbots

AI चैटबॉट्स सुविधाजनक होते हैं क्योंकि वे हमेशा उपलब्ध होते हैं। लेकिन हम जो बातचीत वास्तविक दुनिया में अपने लोगों से करते हैं। मानवीय बातचीत में जो बारीकियां, सहानुभूति और भावनात्मक गहराई होती है,वह AI में नहीं होती। AI से ज्यादा बातचीत करने से व्यक्ति वास्तविक मानवीय संबंधों से दूर हो सकता है, जिससे असली दुनिया में अकेलापन बढ़ सकता है। वास्तविक रिश्तों में बातचीत करना, सुनना, समझना और प्रतिक्रिया देना ये सभी कौशल समय के साथ विकसित होते हैं।

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भावनात्मक निर्भरता और मेंटल हेल्थ पर असर

Artificial Intelligence Risks

यदि कोई व्यक्ति निर्णय लेने के लिए AI चैटबॉट्स पर अत्यधिक निर्भर हो जाता है, तो यह एक अस्वास्थ्यकर निर्भरता को जन्म दे सकता है। जब AI उपलब्ध न हो या अप्रत्याशित प्रतिक्रिया दे, तो व्यक्ति को अत्यधिक चिंता या निराशा का अनुभव हो सकता है। AI चैटबॉट्स कभी-कभी गलत, यहां तक कि हानिकारक सलाह भी दे सकते हैं, खासकर जब कोई व्यक्ति मानसिक संकट में हो। AI संकट के समय पेशेवर मदद के लिए सही संसाधनों का संदर्भ देने में सक्षम नहीं हो सकता है। AI फीलिंग्स को समझता नहीं है, केवल उनका अनुकरण करता है। किसी व्यक्ति की गहरी फीलिंग्स जरूरतों को पूरा करने में AI अक्षम होता है, जिससे भावनाओं को दबाने या अनदेखा करने की कोशिश बढ़ सकती है।

प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा का जोखिम

Data Privacy with AI

AI चैटबॉट्स के साथ बातचीत में लोग अक्सर अपनी निजी और संवेदनशील जानकारी साझा कर देते हैं। इस डेटा का उपयोग कैसे किया जा रहा है, इसे कौन एक्सेस कर सकता है और क्या यह सुरक्षित है।इस बारे में हमेशा स्पष्टता नहीं होती। यह गोपनीयता के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। साझा की गई जानकारी का उपयोग विज्ञापन, डेटा माइनिंग या अन्य अवांछित उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

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Image Credit- freepik

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