साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा एक अभियान चलाया गया, जिसमें हर घर तिरंगा। उस वक्त भारत की आजादी के 75 साल पूरे हुए थे। साथ ही उसी साल सरकार ने फ्लैग कोड ऑफ कंडक्ट में कई बदलाव भी किए गए थे। अब ऐसे में हम सभी 15 अगस्त हो या 26 जनवरी के मौके पर घर की छत या भवन के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। बड़े शान और उत्साह के साथ हम झंडे को लेकर गली-गली, स्कूल-कॉलेज और ऑफिस आदि जगहों पर लेकर जाते हैं। परंतु अगर कोई आकर आपसे यह दें कि आपको यह अधिकार नहीं, तो यकीनन आप उससे बहस या झड़प कर लेंगे। इसके अलावा अगर आपको फ्लैग कोड ऑफ कंडक्ट के बारे में जानकारी होगी, तो आप उसे इसके बारे में जरूर बताएंगे। आपको बता दें कि आज जिस झंडे को हम शान से बिना किसी से पूछे लेकर टहलते हैं। आज से लगभग 30-32 साल पहले आम जनता केवल झंडे को दो दिन फहरा सकती थी।
अब ऐसे में हर किसी के मन में यह प्रश्न आना लाजमी है, कि आखिर ऐसा क्यों था। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों था और यह अधिकार कब मिला।
आम जनता को झंडा फहराने का अधिकार कब मिला?
आम जनता को नेशनल फ्लैग फहराने का अधिकार 26 जनवरी,2002 को मिला। इससे पहले केवल सरकारी संस्थानों, स्कूलों और कुछ मान्यता प्राप्त दफ्तरों तक सीमित था। आम लोग इसे केवल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही फहरा सकते थे।
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इस अधिकार की शुरुआत उस समय हुई, जब बिजनेसमैन नवीन जिंदल ने अपने ऑफिस पर तिरंगा फहराने की इच्छा जताई। लेकिन उन्हें कानून के तहत ऐसा करने से रोका गया। उन्होंने इस निर्णय को अदालत में चुनौती दी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज फहराना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, जो अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में शामिल है। इस फैसले के बाद भारत सरकार ने Flag Code of India में संशोधन कर आम जनता को पूरे साल तिरंगा फहराने की अनुमति दी। बर्शते आपको इसके सम्मान को लेकर खास ध्यान देने की जरूरत होती है।
साल 2022 में Flag Code of India में क्या हुआ बदलाव?
पहले जहां झंडा को सूर्यास्त से पहले फहराने जरूरी था। वहीं अब इसे दिन में कभी-भी फहरा सकते हैं। इस बदलाव के पीछे का मुख्य कारण यह है कि लोगों को नेशनल फ्लैग होस्टिंग को लेकर मोटिवेट किया जा सके। वहीं दूसरा बदलाव पहले केवल हाथ से बुना और काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज ही फहराने की अनुमति थी। वहीं अब मशीन से बना हुआ फ्लैग भी फहरा सकते हैं।
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