गर्मियों के मौसम में जब हम अपने घर के बगीचे या गमलों में सब्जियां उगाते हैं, तो मन में एर आस होती है कि इतने दिनों के बाद मेरे पौधे में ये सब्जी निकलेगी और हम इसे तोड़कर ताजी डिशेज बनाएंगे। इस मौसम में, खासकर लौकी एक बहुत ही पसंदीदा विकल्प होता है, जिसकी सब्जियां लगभग हर किसी को पसंद होती है। इसकी सब्जी सिर्फ पौष्टिक ही नहीं होती है, बल्कि इसकी बेल लगाना भी आसान होता है, लेकिन कई बार लौकी की बेल तो खूब बढ़ती है, पत्तियां हरी-भरी रहती हैं, पर उस पर फल नहीं आते हैं। अक्सर लोग सोचते हैं कि खाद की कमी है और लगातार रासायनिक या जैविक खाद डालते रहते हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है। आपको बता दें कि सिर्फ खाद डालना ही काफी नहीं होता है। पौधों को खास तौर पर फल लगने वाले पौधों को, मिट्टी से कुछ विशेष पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है, जो उनकी फल देने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
अगर आपकी लौकी की बेल पर भी फल नहीं आ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि मिट्टी में किसी जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व या सही संतुलन की कमी है। अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको महंगे फर्टिलाइजर खरीदने की जरूरत नहीं है। आप कुछ मुफ्त और आसानी से उपलब्ध घरेलू चीजों का इस्तेमाल करके ही अपने लौकी की बेल को हेल्दी बनाए रख सकती हैं। इसके बाद, आपकी बेल इतनी फल सकती हैं कि पड़ोसी भी आपसे इसका राज पूछने पर मजबूर हो जाएंगे।
हरा-भरा होने के बावजूद लौकी की बेल पर क्यों नहीं आते फल?
लौकी की बेल पर फल न आने के कई कारण हो सकते हैं। मिट्टी में पोटेशियम और फास्फोरस जैसे तत्वों की कमी, जो फल लगने के लिए महत्वपूर्ण हैं, उनकी कमी की वजह से भी पौधे पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा, नर फूलों का मादा फूलों तक पराग न पहुंच पाना, अक्सर मधुमक्खियों या अन्य परागणकों की कमी के कारण भी पौधे में फल नहीं आ पाते हैं। अपर्याप्त या अत्यधिक पानी दोनों ही फल लगने की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं।
मिट्टी में मिलाएं ये फ्री की चीजें और देखें कमाल
यहाँ कुछ ऐसी मुफ्त और आसानी से मिलने वाली चीजें बताई गई हैं जिन्हें आप अपनी लौकी की बेल की मिट्टी में मिलाकर उसकी पैदावार बढ़ा सकते हैं।
कटी हुई सब्जियों के कचरे
- कटी हुई सब्जियों के कचरे को खाद के रूम में इस्तेमाल किया जा सकता है। ये पौधों में फल और फूल लगने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इन छिलकों को छोटे टुकड़ों में काट लें।
- इन्हें एक मिट्टी के बर्तन में रख दें और इसमें मिट्टी और कुछ केंचुएं डालकर इसे 15 दिनों के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- हालांकि, बीच-बीच में आपको इसे स्टिक की मदद से हिलाते रहना है।
- कुछ ही दिनों में आपको दिखेगा कि यह मिट्टी की तरह खाद बनकर तैयार हो गया है।
- इसे आप लौकी की बेल के जड़ के पास वाली मिट्टी में मिला कर अच्छी डालें।
- फिर, यहां पर सीमित मात्रा में पानी भी डालें। इससे फलों के विकास मदद मिल सकती है और फूलों को भी बढ़ावा मिलता है।

लकड़ी की राख
- लकड़ी की राख में पोटेशियम और फास्फोरस दोनों होते हैं। साथ ही, कुछ अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व भी।
- ठंडी और सूखी लकड़ी की राख को इकट्ठा करें।
- इसे लौकी की बेल के चारों ओर मिट्टी में बहुत कम मात्रा में मिलाएं।
- पोटेशियम और फास्फोरस फल और फूल लगने को बढ़ावा देते हैं। राख मिट्टी के पीएच को भी थोड़ा बढ़ा सकती है, जो कुछ पौधों के लिए फायदेमंद होता है।
- इसका प्रयोग बहुत कम मात्रा में करें, क्योंकि अधिक मात्रा में राख मिट्टी को बहुत अधिक क्षारीय बना सकती है।
चाय की पत्ती
- इस्तेमाल की हुई चाय की पत्तियां नाइट्रोजन का एक अच्छा स्रोत होती हैं, साथ ही मिट्टी में अम्लता भी बढ़ाती हैं, जो लौकी जैसे पौधों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
- इस्तेमाल की हुई चाय की पत्तियों को धोकर सुखा लें।
- इन्हें सीधे मिट्टी में मिलाएं या तरल खाद के रूप में पानी में भिगोकर इस्तेमाल करें।
- नाइट्रोजन पत्तियों और तने के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है, जिससे पौधा मजबूत होता है और फल लगने के लिए तैयार होता है।
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