इंडियन कलचर में रिश्तों को बड़ा महत्व दिया जाता है। इन्हीं रिश्तों में एक रिश्ता आंटी का होता है। चाची, ताई, बुआ, मौसी इन सभी को अगर अंग्रजी शब्द में पुकारना हो तो आंटी ही कहा जाएगा। वैसे तो आंटियां काफी मजेदार होती हैं। मगर सोसाईटी में इनके कई प्रकार होते हैं। कुछ आंटियां सीरियस नेचर की होती हैं तो कुछ बड़ी ही चुलबुली, मगर कुछ आंटियां बड़ी ही इंरिटेटिंग होती हैं। तो आज हम आपको ऐसी ही कुछ एंटियों के बारे में बताएंगे, जिनसे आपको हमेशा बच कर रहना चाहिए।

मुफ्त की सलाह देने वाली आंटी
‘अरे! तुम इतनी देर से घर आती हो। लड़कियों को इतनी देर रात घर से आना अच्छा नहीं होता। थोड़ जल्दी आया करो।’
‘तुम कितनी मोटी हो रही हो। कम खाया करो। कोई शादी नहीं करेगा।’
‘लड़को से ज्यादा दोस्ती अच्छी नहीं होती। दोस्त बनाना है तो लड़कियों को बनाओ।’
आपने ने भी इस तरह की हिदायत देने वाली आंटियों को देखा होगा। आपकी लाइफ में अगर ऐसी कोई भी आंटी हैं, तो उनसे आज से ही थोड़ा डिस्टेंस बना लीजिए। ऐसी आंटियां हमेशा हर बात में कमी खोजती हैं। मजेदार बात तो यह है कि अपनी मुफ्त की सलाह देने में भी ये पीछे नहीं रहतीं। इनकी एडवाइस हमेशा बड़ी इरिटेटिंग होती है जिन्हें फॉलो करने की आपको कोई जरूरत नहीं है।
खुद को बेस्ट मानने वाली आंटी
‘आई एम बेस्ट’ वैसे यह एटीट्यूड अच्छा होता है, मगर ‘यू आर नॉट बेस्ट’ वाला एटीट्यूड सही नहीं है। अपके रिश्तेदारी या पड़ोस में कोई न कोई आंटी ऐसी जरूर होंगी, जो खुद को हमेशा दूसरों से बेस्ट दिखाने की कोशिश करती होंगी। हर चीज में तुलना करना जिनकी आदत होगी। ऐसी आंटियों से भी जरा बच कर रहें क्योंकि इनकी

बेवजह तारीफ करने वाली आंटी
‘बेटा तुम्हारे बोर्ड्स के एग्जाम में 99 % मार्क्स आए हैं। मैं तो बहुत खुश हूं। भगवना को प्रसाद भी चढ़ाया है।’
‘गुप्ता जी, आपकी बेटी तो बहुत सुंदर है, इसकी तो शादी हो ही जाएगी। आपको परेशान होने की क्या जरूरत।’
कुछ आंटियां ओवर ही तारीफ करती हैं। भले ही किसी की खुशियां देख कर मन ही मन जलीभूनी जा रही हों मगर खुद को अच्छा दिखाने के लिए तारीफ जरूर कर देती हैं। कई बार तो ऐसी आंटियां आपसे कुछ और दूसरों से कुछ कहती हैं। अगर इस तरह की कोई भी आंटी आपको मिले और आपको झाड़ के पेड़ पर चढ़ाए तो उनकी बातों पर विश्वास मत करिएगा क्योंकि ऐसी अंटियों को बेवजह तारीफ करके दूसरों को डिसट्रैक्ट करने की आदत होती है।
गड़े मुर्दे उखाड़ने वाली आंटी
‘बचपन में तुमने मेरी कार शीशा तोड़ दिया था, कितनी शैतान थी तुम।’
‘पहले तुम कितनी मोटी थी अब देखो, जब से जिम ज्वॉइन किया है कितनी पतली हो गई हो।’
‘शर्मा जी, के पास तो पहले बेटी की फीस जमा करे के पैसे नहीं होते थे अब देखो कितनी लैविश शादी की है बेटी की।’
ऐसी बातें करने वाली आंटियों को ‘पास्ट डिगर’ कहते हैं, मतलब पूरानी बातों को याद करने वाली आंटियां। इन आंटियों को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि कौन सी पुरानी बातों को जोड़ कर दूसरी बात करनी चाहिए। खासतौर पर इन आंटियों को पुरानी बातों पर परपंच करना बहुत अच्छा लगता है। इन से भी बच कर रहना चाहिए वरना ये आपको कहीं भी एम्बेरेस सिचुएशन में डाल देंगी।

शादियां कराने वाली आंटी
इन आंटियों की सोसाइटी में कमी नहीं है। इन्हें सबकी शादियों की बड़ी चिंता रहती है। इस टाइप की आंटियां हमेशा यही देखती रहती हैं कि किसकी शादी किससे करा दी जाए। इन के बताए रिश्तों पर कभी भरोसा मत करिएगा। इन्हें बस शादियां कराने का शौक होता है। कभी-कभी उल्टे सीधे रिश्ते भी ये बता देती हैं। बाद में प्रॉब्लम आपको ही होगी। शादी का फैसला हमेशा सोच समझ कर लें किसे के कहने पर नहीं।
गूगल आंटी
इन आंटियों को सब कुछ पता होता है। खासतौर पर किसके घर पर क्या चल रहा है इसकी जानकारी इन्हें खूब होती है। मजेदार बात तो यह है कि ये आंटियां अपनी जानकारी को फैलाने में बिलीव करती हैं। इसलिए इन्हें जैसे ही कुछ पता चलाता है ये तुरंत ही उस बात को दूसरों को पास कर देती हैं।

प्रवचन देने वाली आंटी
‘बेटा रोज पूजा किया करो।’
‘ बड़ों की इज्जत करो।’
‘किसी को दुख मत पहुंचाओ।’
इस तरह के प्रवचन देने वाली आंटियां भी होती हैं। यह पूरी संस्कारों की डिक्शनरी होती हैं। इन्हें हर वक्त सीख देने की आदत होती है। पूजा पाठ ही इनकी दुनिया का मकसद है। दूसरों को भी ये आंटियां पूजा करने का पाठ पढ़ाती हैं। ईश्वर को याद दिल से करना चाहिए दिखावा करके सिर्फ समय ही बरबाद होता है। इसलिए इनसे भी बच कर रहें।
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