Independence Day Poems 2025: सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा.. स्वतंत्रता दिवस पर पढ़ें ये देशभक्ति कविताएं

Independence Day Poem 2025: भारत इस साल अपनी आजादी का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। ऐसे में, अगर आपके बच्चे भी स्कूल या सोसायटी के किसी कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, तो इस आर्टिकल में दिए गए देशभक्ति कविताएं पढ़ सकते हैं।
Deshbhakti Poems for kids in hindi

इस कार्यक्रम में बच्चे जमकर भाग लेते हैं। इसके लिए राष्ट्रीय गीत, संगीत, डांस, स्पीच या कविता में बच्चे भाग जरूर लेते हैं। ऐसे में, अगर इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आपके बच्चे को भी स्कूल या सोसाइटी में कविता वाचन पर भाग ले रहे हैं, तो चलिए इसमें हम आपकी मदद करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपके लिए ऐसी कुछ देशभक्ति कविताएं लेकर आए हैं, जिसे अपने बच्चे आसानी से सीख कर कार्यक्रम का हिस्सा हो सकते हैं।

इंडिपेंडेंस डे पर कविता (Independence Day Poems in Hindi)

Happy independence day

सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी, वो गुलसितां हमारा।
परबत वो सबसे ऊंचा, हमसाया आसमां का
वो संतरी हमारा, वो पासबां हमारा।
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियां
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनां हमारा।
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है, हिंदुस्तान हमारा।

कवि - मुहम्मद इक़बाल

Vijayi wishva tiranga pyara lyrics

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेम सुधा सरसाने वाला, वीरों को हर्षाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।
स्वतंत्रता के भीषण रण में, लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में, कांपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।
इस झंडे के नीचे निर्भय, हो स्वराज जनता का निश्चय, बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।
आओ प्यारे वीरों आओ, देश-जाति पर बलि-बलि जाओ, एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।
इसकी शान न जाने पावे, चाहे जान भले ही जावे, विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।

कवि - श्यामलाल गुप्त पार्षद

स्वतंत्रता दिवस पर कविता (Swatantrata Diwas Par Kavita)

Swatantrata Diwas Par Kavita in hindi

भारत मां के अमर सपूतो, पथ पर आगे बढ़ते जाना
पर्वत, नदिया और समन्दर, हंस कर पार सभी कर जाना।।
तुममे हिमगिरी की ऊंचाई सागर जैसी गहराई है
लहरों की मस्ती और सूरज जैसी तरुनाई है तुममे।।
भगत सिंह, राणा प्रताप का बहता रक्त तुम्हारे तन में
गौतम, गांधी, महावीर सा रहता सत्य तुम्हारे मन में।।
संकट आया जब धरती पर तुमने भीषण संग्राम किया
मार भगाया दुश्मन को फिर जग में अपना नाम किया।।
आने वाले नए विश्व में तुम भी कुछ करके दिखाना
भारत के उन्नत ललाट को जग में ऊंचा और उठाना।।

कवि - डॉ परशुराम शुक्ला

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swatantrata diwas par kavitayein in hindi

इंसान जहां बेचा जाता, ईमान ख़रीदा जाता है।
इस्लाम सिसकियां भरता है, डालर मन में मुस्काता है॥
भूखों को गोली नंगों को हथियार पिन्हाए जाते हैं।
सूखे कंठों से जेहादी नारे लगवाए जाते हैं॥
लाहौर, कराची, ढाका पर मातम की है काली छाया।
पख्तूनों पर, गिलगित पर है ग़मगीन गुलामी का साया॥
बस इसीलिए तो कहता हूं आज़ादी अभी अधूरी है।
कैसे उल्लास मनाऊं मैं? थोड़े दिन की मजबूरी है॥
दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुन: अखंड बनाएंगे।
गिलगित से गारो पर्वत तक आज़ादी पर्व मनाएंगे॥
उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से कमर कसें बलिदान करें।
जो पाया उसमें खो न जाएं, जो खोया उसका ध्यान करें॥

कवि - अटल बिहारी वाजपेयी

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15 अगस्त पर देशभक्ति कविताएं (Deshbhakti Poems in Hindi)

 August Deshbhakti Poems in Hindi

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
ऐ शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तिरे ऊपर निसार
ले तिरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है
वाए क़िस्मत पांव की ऐ ज़ोफ़ कुछ चलती नहीं
कारवां अपना अभी तक पहली ही मंज़िल में है
रहरव-ए-राह-ए-मोहब्बत रह न जाना राह में
लज़्ज़त-ए-सहरा-नवर्दी दूरी-ए-मंज़िल में है
शौक़ से राह-ए-मोहब्बत की मुसीबत झेल ले
इक ख़ुशी का राज़ पिन्हां जादा-ए-मंज़िल में है
आज फिर मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार बार
आएं वो शौक़-ए-शहादत जिन के जिन के दिल में है
मरने वालो आओ अब गर्दन कटाओ शौक़ से
ये ग़नीमत वक़्त है ख़ंजर कफ़-ए-क़ातिल में है
माने-ए-इज़हार तुम को है हया, हम को अदब
कुछ तुम्हारे दिल के अंदर कुछ हमारे दिल में है
मय-कदा सुनसान ख़ुम उल्टे पड़े हैं जाम चूर
सर-निगूं बैठा है साक़ी जो तिरी महफ़िल में है
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमां
हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है
अब न अगले वलवले हैं और न वो अरमाँ की भीड़
सिर्फ़ मिट जाने की इक हसरत दिल-ए-'बिस्मिल' में है

कवि - बिस्मिल अज़ीमाबादी

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स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों के लिए छोटी कविता (Independence Day 2025 Short Poem in Hindi)

हम बच्चे मतवाले हैं, हम चांद को छूने वाले हैं !
जो हम से टकराएगा, कभी ना वो बच पाएगा !
हम भारत माता के प्यारे, देश के राज दुलारे हैं!
आजादी के रखवाले हम, नये युग का आगाज है!
देश का नाम सदा करेंगे, तिरंगे की शान रखेंगे!
अपना जीवन हम सब, देश के नाम करेंगे !
हम बच्चे मतवाले है, हम चांद को छूने वाले हैं !

कवि - मीनाक्षी भालेराव

पूत सपूतों से भारत

1 - 2025-08-13T142415.785

पूत सपूतों से भारत-भू, गूंज रही जय-जयकारों से।
भारत माँ के वीरों से, भारत के रणबांकुरों से।।

गंगा, यमुना, सतलज से, सिंधु-सागर की लहरों से।
वीर जवानों के बाणों से, भारत के गौरव-धरोहरों से।।

जन-जन के मन में ज्वाला है, जब भारत-माँ पर आफत है।
न झुकेंगे, न रुकेंगे, यह हम सबकी कसम है।।

कवि - गंग

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Image credit- Herzindagi

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FAQ

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    सत्यमेव जयते