herzindagi
coconut origin during puja

Hindu Mythology: जानें कैसे हुई थी नारियल की उत्पत्ति

हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान नारियल का बहुत महत्व है। ऐसे में आइये जानते हैं कि आखिर कैसे हुई थी नारियल की उतपत्ति और क्यों की जाती है नारियल की पूजा। 
Editorial
Updated:- 2023-05-19, 12:01 IST

Nariyal Ki Katha: हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान नारियल का बहुत महत्व माना जाता है। किसी भी पूजा में नारियल को शुभता के रूप में स्थापित किया जाता है।

आज हम आपको इसी नारियल से जुड़ी रोचक बातें बताने जा रहे हैं। नारियल की उत्पत्ति कैसे हुई थी, इस बारे में जानकारी साझा करने जा रहे हैं।

तो चलिए जानते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर नारियल के जन्म की दिलचस्प कथा।

  • हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, नारियल को व्यक्ति के सिर का प्रतीक माना जाता है।
  • पौराणिक कथाओं में ऐसा वर्णित है कि पहले के समय में नर बलि का प्रचलन होता था।
  • इस नर बलि को रोकने के लिए नारियल को सिर का प्रतिरूप बनाया गया।

यह भी पढ़ें:Sudama Death: भगवान शिव ने क्यों किया था श्री कृष्ण के मित्र सुदामा का वध

  • इसके बाद से ही भगवान के समक्ष नारियल (महिलाएं क्यों नहीं फोड़ती नारियल) फोड़ने की परंपरा शुरू हुई।
  • एक कथा के मुताबिक, सत्यव्रत नाम के एक प्रतापी और वीर राजा हुआ करते थे।
  • राजा हर प्रकार से संपन्न थे लेकिन उनकी एक इच्छा थी कि वह स्वर्ग की सुंदरता देखें।

kaise hua nariyal ka janam

  • मगर राजा के पास इस इच्छा को जिंदा रहकर पूरा करने का कोई उपाय न था।
  • तभी उस समय राजा के राज्य में अकाल पड़ा। तब ऋषि विश्वामित्र उसी राज्य में थे।
  • ऋषि राज्य के सूखे को दूर करने के कठोर तप की इच्छा से जंगल चले गए।
  • उनका परिवार भूख-प्यास भटकने लगा। तब राजा ने परिवार की देखरेख का जिम्मा उठाया।
  • जब ऋषि विश्वामित्र लौटे तब उनके परिवार ने उन्हें राजा सत्यव्रत की अच्छाई बताई।
  • ऋषि ने राजा से मिलने की इच्छा जताई। राजा ने ऋषि का अपने महल में भव्य स्वागत किया।

puja mein nariyal rakhna

  • सत्यव्रत ने ऋषि विश्वामित्र के सामने अपने जिंदा स्वर्ग जाने की कामना रखी।
  • तब ऋषि ने राजा को अपने तपोबल से स्वर्ग भेजा। देवताओं ने राजा से भेंट की।
  • राजा के मन और मस्तिष्क के सुंदर विचार सुन देवताओं ने राजा को आशीर्वाद दिया।

यह भी पढ़ें:River Of Hell: जानें यमलोक की वैतरणी नदी से जुड़ा रहस्य

  • आशीर्वाद यह था कि राजा की मृत्यु के बाद उनका सिर नारियल का रूप ले लेगा।
  • यही नारियल शुभता के लिए पूजा (पूजा-पाठ के नियम) में प्रयोग किया जाएगा।
  • तभी से पूजा में नारियल का इस्तेमाल शुरू हुआ जो आज भी चला आ रहा है।

यह विडियो भी देखें

तो ये है नारियल की उत्पत्ति से जुड़ी रहस्मयी जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik, shutterstock

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।